फ़ॉलोअर
शनिवार, 10 अप्रैल 2010
at 9:32 pm | 0 comments | सत्य नारायण ठाकुर
कृषि में कार्पोरेट को न्यौता
कोपेनहेगन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अकस्मात बदले हुए सरकारी रूख से जो चौंकाने वाली बात सामने आयी वह यह कि इसके बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही अपनी अमरीका यात्रा के समय वचन दे चुके थे कि वे पश्चिमी देशों के अनुकूल लचीला रवैया अपनायेंगे। इसी तरह जनता का आक्रोश ठंडा करने के लिए सरकार बीटी बैंगन के प्रश्न पर पीछे हट गयी दिखती हैं, किंतु वास्तविकता यह है कि पर्दे के पीछे अमरीका के साथ इसी दौर में गुपचुप वार्ता भी चलती रही है और निर्णय भी लिये गये हैं।मुखपृष्ठ पर ‘द हिंदू’ दैनिक में छपी खबर (24 फरवरी 2010) के मुताबिक अमरीका के साथ खाद्य सुरक्षा और कृषि में सहयोग का एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग का मसविदा तैयार हुआ है, जिसकी स्वीकृति केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गत 18 फरवरी को दे दी है। समझौते के अनुसार अमरीकी कंपनियों को भारतीय कृषि क्षेत्र में प्रवेश का रास्ता सुगम किया जाएगा और कृषि विपणन में निजी निवेश की सरजमीं तैयार करने की अनुकूलता पैदा की जाएगी। इस संबंध में ठोस निर्णय अमरीकी और भारतीय कंपनियों की आगामी परस्पर वार्ताओं में लिया जायेगा। खाद्य सुरक्षा के मामलों में सरकारी स्तर पर और वार्ताएं होंगी। इस मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग का मसविदा भी नवम्बर 2009 में प्रधानमंत्री की अमरीका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ओबामा के साथ हुई बातचीत में बनी परस्पर सहमति की अग्रेतर कार्रवाई है। बहुराष्ट्रीय अमरीकी कंपनी कारगिल और मोसंतो के काले कारनामों और इनके किसानों के विरोध संघर्षों की याद अभी धूमिल नहीं पड़ी है कि सरकार ने पुराने घाव को फिर ताजा कर दिया है।मसविदे के अनुसार खा़द्य सुरक्षा संबंधी उन्नत तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान और कृषि व्यापार में निजी निवेश की भागीदारी शामिल है। मौसम अनुमान, फसलों का उन्नत उत्पादन/प्रबंधन और विपणन आदि सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जायेगा। जाहिर है, भारतीय कृषि बाजार कब्जाने की यह गंभीर अमरीकी चाल है। इससे भारतीय किसानों को फायदा कुछ भी नहीं मिलने का, किंतु अमरीकी कंपनियां अपनी जरूरत के मुताबिक भारत भूमि को न केवल प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल करेंगी, बल्कि भारतीय कृषि उत्पादन प्रक्रिया में नाजायज हस्तक्षेप भी करेंगे। भारत पर अमरीकी मार्का कार्पोरेटी कृषि प्रणाली लादी जायेगी और भारत की विकेन्द्रित कृषि व्यवस्था में कार्पोरेट मॉनोपाली का द्वार खुलेगा और परिणामस्वरूप किसान अपने ही खेतों में गुलामी करने को मजबूर होंगे।संसद में प्रस्तुत ताजा बजट इस बात का स्पष्ट संकेत है कि खुदरा बाजार में विदेशी कंपनियों का द्वार खोल दिया गया है। आयात किये जाने वाले सामानों पर मौजूदा कस्टम ड्यूटी को आधा से भी कम कर दिया गया है। इससे हमारे घरेलू बाजार में विदेशी माल आसानी से आयेंगे और भारतीय मालों के मुकाबले सस्ते बिकेंगे। पर यह सस्ता आगे महंगा पड़ेगा।संसद में प्रस्तुत वर्ष 2010-11 बजट प्रावधानों पर एक नजर डालने से स्पष्ट होता है कि कृषि पर किया गया आबंटन का बड़ा हिस्सा वेस्टेज कम करने और विपणन व्यवस्था पर है। यह आबंटन कृषि में कार्पोरेटी प्रवेश को लक्षित है और इसका इस्तेमाल बड़े पूंजीवाली करेंगे। बड़े व्यापारी अर्थात कार्पोरेट कोल्ड स्टोरेज, मालों की आवाजाही और उन्नत तकनीकी के प्रवेश के नाम पर बजट प्रावधानों को लूटेंगे।अमरीका के साथ किया गया मेमोरंडम ऑफ इंडरस्टैंडिंग भारतीय कृषि व्यवस्था को अमरीकी कंपनियों की मर्जी के हवाले करना है, जिसका दूरगामी विनाशकारी परिणाम अवश्यंभावी है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
वामपंथी एवं जनवादी दलों का राज्य स्तरीय ‘ सम्मिलन ’ संपन्न बुलडोजरवाद , पुलिस उत्पीड़न , वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले , संविधान और लो...
-
# सरकारी स्तर पर धार्मिक क्रियायेँ आयोजित कराने संबंधी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाये # सर्वोच्च न्यायालय के...
-
उत्तर प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली भाकपा ने घोटालों की ज़िम्मेदा...
-
हापुड़ में फैक्ट्री मजदूरों की दर्दनाक मौत पर भाकपा ने गहरी वेदना प्रकट की भाकपा की मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और 8 जून को ...
-
‘ अग्निपथ ’ योजना को फौरन रद्द किया जाये , रिक्तियों को मौजूदा प्रक्रिया से तत्काल भरा जाये: भाकपा लखनऊ- 17 जून 2022 , भारतीय कम्युनि...
-
साम्राज्यवाद का दुःस्वप्नः क्यूबा और फिदेल आइजनहावर, कैनेडी, निक्सन, जिमी कार्टर, जानसन, फोर्ड, रीगन, बड़े बुश औरछोटे बुश, बिल क्लिंटन और अब ...
-
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2019- आर्थिक और अन्य सहयोग हेतु भाकपा राज्य काउंसिल की अपील। प्रिय मित्रो , उत्तर प्रदेश विधान सभा क...
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India (CPI) has issued the following statement to the press: The Communist Party of India ...
-
इंडो एशियन न्यूज़ ने आज छापा है कि : "Waving cricket bats, hundreds of Congress activists gave a roaring welcome to former minister of ...
-
रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी तथा घटनाओं की न्यायिक जांच आदि मांगों को लेकर प्रदेश भर में सड़कों पर उतरे वा...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें