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गुरुवार, 29 जुलाई 2010
“नए बिहार के निर्माण” के नारे के साथ विधान सभा चुनावों में उतरेगी भाकपा
पटना, 9 जुलाई, 2010: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, कृषि और औद्योगिक पिछड़ापन, बाढ़-सुखाड़, महंगाई, खाद्य सुरक्षा, प्रशासनिक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पानी और बिजली संकट आदि समस्याओं का समाधान तथा भूमिहीनों को कम से कम एक एकड़ जमीन, भूमिहीन बेघरों को कम से कम 10 डिसमिल आवासीय भूमि तथा मकान, जनवितरण प्रणाली के माध्यम से सभी परिवारों को निर्धारित उचित मूल्य पर आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति तथा सभी नागरिको को भर पेट भोजन की व्यवस्था करने के लिए एक नए बिहार के निर्माण के आह्वान के साथ विधान सभा चुनाव में उतरेगी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का बिहार राज्य परिषद की सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में उपरोक्त बातें कहीं गयी हैं। बैठक में जारी प्रेस विज्ञप्ति में बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी की राज्य सचिवमंडल के सदस्य मो. जव्वार आलम ने कहा कि बिहार में अगामी विधानसभा चुनाव में वामदलों के साथ एकता बनाकर पार्टी चुनाव लड़ने का प्रयास करेगी। इस दिशा में वामदलों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है। बैठक में स्वीकृत राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि बिहार में आर्थिक विकास के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उल्टा प्रचार कर रहे हैं। यहां कृषि, उद्योग, बिजली आदि जो किसी भी राज्य के आर्थिक विकास के मेरूदंड होते हैं अत्यन्त दयनीय स्थिति में हैं। ऊपर से यू.पी.ए. के केन्द्र सरकार की नवउदारवादी नीतियों एवं जनविरोधी कार्रवाईयों के कारण महंगाई, बेराजगारी, कुपोषण आदि समस्याओं से बिहार की जनता परेशान है। राजद-लोजपा भी इन समस्याओं के समाधान के प्रति न तो ईमानदार है और न ही सक्षम। ऐसी परिस्थिति में बिहार में एक बेहतर राजनीतिक विकल्प की आवश्यकता है। प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में कोई भी बेहतर विकल्प वामपंथ के सहयोग के बिना नहीं बन सकता।
श्री आलम ने कहा कि बिहार की राजनीतिक परिस्थिति ऐसी बनती जा रही है जिसमें किसी एक दल या दलों के किसी एक गठबंधन द्वारा सरकार बनाने की संभावना क्षीण दिखायी पड़ रही है। चुनाव बाद ही सरकार बनाने के वास्ते कोई नया राजनीतिक समीकरण उभर सकता है जिसमें वामपंथ की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसलिए प्रस्ताव में राज्य की जनता से यह आह्वान किया गया है कि आगामी चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य वामदलों की शक्ति को बढ़ावे।
श्री आलम ने बतलाया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी हैं। राज्य में पार्टी द्वारा लड़ी जानेवाली सीटों की पहचान की जा रही है। प्रत्येक सीट के लिए उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों से अधिक से अधिक संख्या में पार्टी उम्मीदवार बनाने के बारे में गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ एवं दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने पर भी विचार किया जा रहा है। उम्मीदवार चयन का काम शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा।
श्री आलम ने वहां की आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महंगाई, खाद्य सुरक्षा, बेरोजगारी, भूमिसुधार, कृषि-औद्योगिक पिछड़ापन, बाढ़-सुखाड़, बिजली, पानी संकट, प्रशासनिक भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रयास करेगी कि आगामी चुनाव राज्य की जनता की जिन्दगी से जुड़े सवालों को लेकर लड़ा जाय, न कि जाति एवं साम्प्रदायिक गोलबंदी के आधार पर।
बैठक में पार्टी के महासचिव, ए.बी. बर्धन, उप महासचिव सुधाकर रेड्डी, राष्ट्रीय सचिव गुरूदास दासगुप्ता, सांसद एवं केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य गया सिंह भी उपस्थित थे। श्री ए.बी. बर्धन ने पार्टी ईकाइयों, नेताओं और कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वामपंथ के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा एकताबद्ध और सक्रिय होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि संसद या विधान सभाओं में वामपंथ की शक्ति को बढ़ाना आज एक राजनीतिक आवश्यकता बन गया है। क्योंकि कमजोर वामपंथ का लाभ उठाते हुए केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार स्वच्छन्द होकर जनविरोधी आर्थिक नीतियां चला रही है और जनहित की इसे कोई चिन्ता नहीं रह गयी है।
बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके हड़ताल पर रहे कालेज शिक्षकों एवं शिक्षाकेत्तर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से अपील की गयी है कि हड़ताली नेताओं से शीघ्र बातचीत करके कोई सम्मानजनक समझौता किया जाय ताकि उनकी हड़ताल जल्द समाप्त हो सके और कालेजों में पठन-पाठन एवं शिक्षण का काम हो सके। हड़ताल के कारण छात्रों की पढ़ाई तो ठप है ही नामांकन का काम भी वंचित हो गया है।
बैठक के आरम्भ में कानू सान्याल, गिरजा प्रसाद कोईराला, भैरोसिंह शेखावत, आचार्य राममूर्ति, सुधा श्रीवास्ताव, दिग्विजय सिंह सहित पार्टी के अन्य दिवंगत नेताओं और कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया गया।
पार्टी की राज्य परिषद के बैठक की अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता शत्रुघन प्रसाद सिंह ने की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का बिहार राज्य परिषद की सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में उपरोक्त बातें कहीं गयी हैं। बैठक में जारी प्रेस विज्ञप्ति में बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी की राज्य सचिवमंडल के सदस्य मो. जव्वार आलम ने कहा कि बिहार में अगामी विधानसभा चुनाव में वामदलों के साथ एकता बनाकर पार्टी चुनाव लड़ने का प्रयास करेगी। इस दिशा में वामदलों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है। बैठक में स्वीकृत राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि बिहार में आर्थिक विकास के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उल्टा प्रचार कर रहे हैं। यहां कृषि, उद्योग, बिजली आदि जो किसी भी राज्य के आर्थिक विकास के मेरूदंड होते हैं अत्यन्त दयनीय स्थिति में हैं। ऊपर से यू.पी.ए. के केन्द्र सरकार की नवउदारवादी नीतियों एवं जनविरोधी कार्रवाईयों के कारण महंगाई, बेराजगारी, कुपोषण आदि समस्याओं से बिहार की जनता परेशान है। राजद-लोजपा भी इन समस्याओं के समाधान के प्रति न तो ईमानदार है और न ही सक्षम। ऐसी परिस्थिति में बिहार में एक बेहतर राजनीतिक विकल्प की आवश्यकता है। प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में कोई भी बेहतर विकल्प वामपंथ के सहयोग के बिना नहीं बन सकता।
श्री आलम ने कहा कि बिहार की राजनीतिक परिस्थिति ऐसी बनती जा रही है जिसमें किसी एक दल या दलों के किसी एक गठबंधन द्वारा सरकार बनाने की संभावना क्षीण दिखायी पड़ रही है। चुनाव बाद ही सरकार बनाने के वास्ते कोई नया राजनीतिक समीकरण उभर सकता है जिसमें वामपंथ की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसलिए प्रस्ताव में राज्य की जनता से यह आह्वान किया गया है कि आगामी चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य वामदलों की शक्ति को बढ़ावे।
श्री आलम ने बतलाया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी हैं। राज्य में पार्टी द्वारा लड़ी जानेवाली सीटों की पहचान की जा रही है। प्रत्येक सीट के लिए उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों से अधिक से अधिक संख्या में पार्टी उम्मीदवार बनाने के बारे में गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ एवं दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने पर भी विचार किया जा रहा है। उम्मीदवार चयन का काम शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा।
श्री आलम ने वहां की आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महंगाई, खाद्य सुरक्षा, बेरोजगारी, भूमिसुधार, कृषि-औद्योगिक पिछड़ापन, बाढ़-सुखाड़, बिजली, पानी संकट, प्रशासनिक भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रयास करेगी कि आगामी चुनाव राज्य की जनता की जिन्दगी से जुड़े सवालों को लेकर लड़ा जाय, न कि जाति एवं साम्प्रदायिक गोलबंदी के आधार पर।
बैठक में पार्टी के महासचिव, ए.बी. बर्धन, उप महासचिव सुधाकर रेड्डी, राष्ट्रीय सचिव गुरूदास दासगुप्ता, सांसद एवं केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य गया सिंह भी उपस्थित थे। श्री ए.बी. बर्धन ने पार्टी ईकाइयों, नेताओं और कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वामपंथ के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा एकताबद्ध और सक्रिय होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि संसद या विधान सभाओं में वामपंथ की शक्ति को बढ़ाना आज एक राजनीतिक आवश्यकता बन गया है। क्योंकि कमजोर वामपंथ का लाभ उठाते हुए केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार स्वच्छन्द होकर जनविरोधी आर्थिक नीतियां चला रही है और जनहित की इसे कोई चिन्ता नहीं रह गयी है।
बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके हड़ताल पर रहे कालेज शिक्षकों एवं शिक्षाकेत्तर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से अपील की गयी है कि हड़ताली नेताओं से शीघ्र बातचीत करके कोई सम्मानजनक समझौता किया जाय ताकि उनकी हड़ताल जल्द समाप्त हो सके और कालेजों में पठन-पाठन एवं शिक्षण का काम हो सके। हड़ताल के कारण छात्रों की पढ़ाई तो ठप है ही नामांकन का काम भी वंचित हो गया है।
बैठक के आरम्भ में कानू सान्याल, गिरजा प्रसाद कोईराला, भैरोसिंह शेखावत, आचार्य राममूर्ति, सुधा श्रीवास्ताव, दिग्विजय सिंह सहित पार्टी के अन्य दिवंगत नेताओं और कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया गया।
पार्टी की राज्य परिषद के बैठक की अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता शत्रुघन प्रसाद सिंह ने की।
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1 comments:
शायद बिहार में अब भाकपा के दिन बहुत जायें।
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