भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

हार्वर्ड जिन दिवंगत - उनकी याद में गूगल पर left-n-progressive-group@googlegroups.कॉम की शुरुआत

नाम चामस्की ने एक बार उनके बारे में कहा था - ”उन्होंने एक सम्पूर्ण देश के दृष्टिकोण में बदलाव ला दिया। लाखों लोग जिस नजरिए से इतिहास को देखा करते थे, उसमें रातों-रात तब्दीली आ गई।“ नोम चामस्की की यह उक्ति जिनके बारे में थी, वह हार्वर्ड जिन अब नहीं रहे। 87 साल की उम्र में उनका देहान्त हो गया।जो इतिहास प्रचलन में हुआ करता है, वह शोषकों का इतिहास है। शोषकों के इतिहास को जांचा परखा जाता है, उस पर मन्तव्य दिए जाते हैं। इस काम को करने के लिए ‘निरपेक्षता’ की आड़ ली जाती है, ताकि इतिहास में मेहनतकशों के योगदान को धो ‘पोछ’ डाला जा सके। लेकिन सच्चा इतिहास तो मेहनतकश लिखते हैं। उनके संघर्ष को, उनकी परम्परा को कहां जगह मिलती है इतिहास के पन्नों पर? हम एक एकलव्य की बात करते हैं। हम अगर अपनी चारों ओर नजर दौड़ाएं तो एकलव्यों की अनन्त कतार दिखाई पड़ेगी।हार्वर्ड जिन ने ”ए पीपुल्स हिस्ट्री आफ यूनाइटेड स्टेट्स“ नामक महाग्रंथ की रचना की। जिन बड़े नामों की आभा से अमरीका का इतिहास रौशन था, उन नामों के पीछे केवल मानव हित नहीं वर्ग-स्वार्थ भी थे - इस सच्चाई को उन्होंने उजागर किया, किसी को उन्होंने नहीं बख्शा - चाहे वह क्रिस्टोफर कोलम्बस हों या अब्राहम लिंकन। टामस अल्वा एडिसन हों या थियोडोर रूजवेल्ट। गरीब किसान, मजदूर, दास प्रथा के विरूद्ध जिन्होंने असल लड़ाई लड़ी थी, युद्ध-विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता - हार्वर्ड जिन की लेखनी ने इन्हें इतिहास के रंगमंच पर उचित सम्मान के साथ स्थापित किया।17 साल की उम्र में हार्वर्ड जिन ने पहली बार अमरीकी कम्युनिस्ट पार्टी की रैली में हिस्सा लिया। उनका मानना था कि पूंजीवाद के बारे में मार्क्स का विश्लेषण आज भी प्रासंगिक है। खुद को वह ”मार्क्सवादी“ कहते थे, यद्यपि यह शंका भी उन्हें थी कि मार्क्स शायद उन्हें ”मार्क्सवादी“ न मानते। उन्होंने कभी भी अपनी राजनीति को छुपाने की कोशिश नहीं की। पेशे से अध्यापक हार्वर्ड जिन 1988 में सेवानिवृत हुए यद्यपि उनकी नौकरी बची हुई थी। अन्तिम दिन कक्षा समाप्त होने के 30 मिनट पहले ही उन्होंने छुट्टी घोषित कर दिया - चूंकि उन्हें हड़ताली मजदूरों की ‘पिकेट’ में शामिल होना था। छात्रों से भी उन्होंने आग्रह किया कि उनके साथ चलकर हड़ताली मजदूरों से अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करें।वे अंतिम सांस तक अपनी आस्था पर अड़िग रहे।उनकी स्मृति में हम गुगल पर इस ग्रुप को आज शुरू कर रहे हैं और हमारा प्रयास होगा कि हम अपने उद्देश्य में सफल हों -
सर्वहारा क्रान्ति - जिन्दाबाद!साम्राज्यवाद का नाश हो!
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‘कामरेड’ सिर्फ एक शब्द नहीं!

‘कामरेड’!
सिर्फ एक शब्द नहीं,
बिजली की लाखों रोशनियों को एक साथ जला देने वाला एक स्विच है
जिसे दबाते ही
रंग बिरंगी रोशनियों की एक विश्व-व्यापी कतार जगमगा उठती है!
एक स्विच, जो वाल्ट व्हिटमॅन को मायकोवस्की से
और पाब्लो नेरूदा को नाज़िम हिकमत से मिला देता है,
मॅक्सिम गोर्की, हावर्ड फ़ास्ट और यशपाल के बीच
एक ही प्रकाश-रेखा खींच देता है!

‘कामरेड’!
सिर्फ एक स्विच नहीं, एक चुम्बन है!
एक चुम्बन, जो दो इन्सानों के बीच की सारी दूरियों को
एक ही क्षण में पाट देता है
और वे इसके इच्चारण के साथ ही
एक दूसरे से यों घुलमिल जाते हैं
जैसे युगों के परिचित दो घनिष्ठ मित्र हों!
एक चुम्बन, जो कांगों की नीग्रो मज़दूरिन
और हिन्दुस्तान के अछूत मेहतर को
एक क्षण में लेनिन के साथ खड़ा कर देता है!
एक अदना से अदना इन्सान को
इतिहास बनाने के महान उत्तदायित्व से गौरवान्ति कर जाता है!
‘कामरेड’!
सिर्फ एक चुम्बन नहीं, एक मंच है
जो बोलने वाले और सुनने वाले दोनों को पवित्र कर देता है
एक मंत्र, जिसे छूते ही अलग-अलग देशों, नस्लों, रंगों और वर्गों के लोग
एक दूसरे के सहज सहोदर बन जाते हैं!
एक रहस्यमय मंत्र
जो इन्सान की आज़ादी, बराबरी और भाईचारे के लिए
कुरबान होने वाले लाखों शहीदों की समाधियों के दरवाजे
सबके लिए खोल देता है
और साधारण से साधारण व्यक्ति उनकी महानता से हाथ मिला सकता है!
‘कामरेड’!
दिलों को दिलों से मिलाने वाली एक कड़ी है,
शरीरों को शरीरों से जोड़ने वाली एक श्रंृखला है,
विषमता और भेदभाव के तपते हुए रेगिस्तान का एक मरूद्वीप है
जहां आकर जुल्म और अन्याय की आग में जलते हुए राहगीर
राहत की सांस लेते हैं,
एक दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं।
(कवि के शीघ्र प्रकाश्य संकलन ‘प्रतिनिधि कविताएं’ में से)
- डा. रणजीत
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भूली बिसरी यादें: लूला से हाल की मुलाकात

30 वर्ष पहले, जुलाई 1980 में, हम मानागुआ (निकारागुआ - अनुवादक) में मिले थे। मौका था सान्दिनिस्ता क्रांति की पहली वर्षगांठ का स्मरणोत्सव। यह मेरे लिबरेशन-थियोलॉजी (मुक्ति धर्मशास्त्र) के अनुनायियों के सम्बन्धों की बदौलत सम्भव हो सका। यह संस्था चिली में शुरू हुई और मैं 1971 में चिली के राष्ट्रपति अलेन्दे (उच्चारण ‘आएंदे’) से मिलने गया।मैंने फ्रिएर वेट्टो से लूला के बारे में काफी सुन रखा था। वह मजदूर नेता थे जिससे वामपंथी ईसाइयों को पहले से ही काफी उम्मीद थीं। वह ब्राजील देश निवासी, धातु उद्योग के एक विनम्र मजदूर, एक दिमागदार और सम्मानित ट्रेड यूनियन नेता थे। ब्राजील में 1960 के दशक तक यांकी साम्राज्यवाद (अमरीकी साम्राज्यवाद - अनुवादक) का सैनिक तानाशाही शासन था जिसने देश को बुरी तरह तबाह कर दिया था। ब्राजील के सम्बंध क्यूबा से तब तक बहुत अच्छे थे जब तक अर्धगोलार्ध में प्रभुत्व रखने वाली शक्तियों ने उन्हें पूरी तरह समाप्त नहीं कर दिया। कई दशक बीतने के बाद धीरे-धीरे हालात सुधर कर यहां तक पहुंचे हैं।हर देश का अपना इतिहास है, हमारे देश ने 1959 की आश्चर्यकारक घटना के बाद काफी मुसीबतें झेलीं - इतिहास के सबसे शक्तिशाली देश के आक्रमण झेले।अतः कैनकुन में हुई हमारी हाल की बैठक में लातिन अमरीकी और कैरिबियन क्षेत्र के देशों का एक समुदाय बनाने के प्रस्ताव असाधारण एवं गौरवशाली समझौता है। यह समझौता उस समय हो रहा है जब विश्व आर्थिक मंदी की चपेट में है, वातावरण में असमानता के कारण मानव जाति संकट में है तथा हैती की राजधानी पोर्ट ओ-प्रिन्स भूकम्प द्वारा तबाह हो चुका है। हैती महाद्वीप का सबसे गरीब देश है जिसने सबसे पहले गुलामी को समाप्त किया।हैती की समस्याएंमैं यह ‘यादें’ लिख ही रहा था और अभी कुल 6 हफ्ते पहले हैती में 2,00,000 लोगों की मौत की खबरें आईं, उसी बीच चिली में एक और भयानक भूकम्प की खबरें आईं। आर्थिक तौर पर भी यह हैती से अधिक विकसित है; अगर पक्की इमारतें नहीं होती तो शायद चिली के लाखों लोग मर जाते। इस बावत 20 लाख लोगों को नुकसान तथा 15 से 30 बिलियन डालर की हानि होने की रिपोर्ट है। इस विपदा में विश्व के लोगों का जिसमें हम भी शामिल हैं तथा एकजुटता, सहानुभूति चिली की जनता के साथ है। हालांकि जहां तक आर्थिक सहायता और किसी प्रकार की सहायता के मामले में क्यूबा कुछ अधिक करने की हालत में नहीं है। तथापि क्यूबा सरकार अपनी एकजुटता प्रकट करने वालों में पहली थी। हमने अपनी भावनाओं का इजहार उस समय कर दिया था जिस समय संचार व्यवस्था ठप्प पड़ी थी।............ हैती संसार के करोड़ों गरीब लोगों, जिसमें हमारे महाद्वीप के लोग भी अच्छी संख्या में हैं, का पर्याय बन चुका है।अभी जो भूकम्प आया था, उसकी तीव्रता रिचटर स्केल पर 8।8 थी। इसकी तीव्रता उस भूकम्प से अधिक थी जिसने पोर्ट-ओ-प्रिन्स को तहस-नहस कर दिया था। मुझे कानकुन में लिए गए फैसले की असलियत का पता चला और इसे आगे बढ़ाने के प्रयासों में मदद की जरूरत। साम्राज्य और उसके सहयोगी चाहे वे हमारे देशों के अन्दर हो या बाहर, लोगों की इस एकता और स्वतंत्रता के प्रयासों का विरोध करेंगे।लूला से मुलाकातमैं यह बात रिकार्ड में लाना चाहता हूं कि लूला की हाल की यह मुलाकात मेरे लिए महत्वपूर्ण यादगार मुलाकात थी, एक दोस्त के रूप में तथा एक क्रांतिकारी के रूप में। उन्होंने कहा था कि उनके राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त होने वाला था अतः अपने मित्र फिडेल से मिलना चाहते थे। इस वृतान्त से उन्होंने मुझे सम्मान दिया। मैं मानता हूं कि मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। मेरे और उनके बीच में बिरादराना संवाद होते थे, कभी क्यूबा में कभी विदेश में। एक बार मुझे उनके मकान पर जोकि साओ-पौलो में एक साधारण उपनगर में था, मिलने का मौका मिला। यहां वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। मुझे उस पूरे परिवार के साथ घुलने मिलने का मौका मिला। उनके पड़ोसी उनका बहुत सम्मान करते थे। तब किसको मालूम था कि वे एक दिन उस महान राष्ट्र के राष्ट्रपति होंगे, लेकिन उन्हें बहुत चिन्ता नहीं थी, उनके विरोधियों ने उन्हें दो बार पराजित करवा दिया था। राष्ट्रपति बनने से पहले हुई मुलाकातों के बारे में विस्तार से नहीं कहंूगा। हां 1980 के दशक के मध्य में हम हवाना में लातिन अमरीका के विदेशी ऋण के पीछे माथापच्ची कर रहे थे जो उस समय तक 300 बिलियन डालर तक पहुंच गया था और जिसकी अदायगी एक से अधिक बार कर दी गयी थी। वह जन्मजात जुझारू है।जैसा मैंने कहा कि उनके विरोधियों ने भारी मात्रा में पैसे और मीडिया के समर्थन से उन्हें चुनाव हरवा दिये। उनके करीबी सहायक तथा दोस्त जानते थे कि समय आ गया है जबकि वे वर्कर्स पार्टी और वामशक्तियों के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनें।जाहिर है कि उनके विरोधियों ने उनकी ताकत का गलत मूल्यांकन किया। उन्होंने सोचा कि वह संसद में अपना बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएंगे। यूएसएसआर समाप्त हो गया था, वे ब्राजील के मुखिया बन कर क्या कर सकेंगे? ब्राजील - वह राष्ट्र जिसके पास अपार सम्पदा है लेकिन विकास थोड़ा, जहां अमीरों और असरदार लोगों का ही बोलबाला है?लेकिन नव-उदारवाद संकट के दौर में था, वेनेजुएला में बोलीवारियन क्रान्ति सफल हो चुकी थी। मेनेम का पतन हो चुका था। पिनोचेर राजनीतिक मंच से अदृश्य हो चुका था। क्यूबा साम्राज्यवाद को टक्कर दे रहा था। लूला उस समय चुनाव जीते जिस समय अमरीका में बेईमानी से बुश जीता, जिसने अपने प्रतिद्वंद्वी एल. गोरे की जीत को चुरा लिया था।यह चुनौती भरे समय की शुरूआत थी। हथियारों की होड़ तथा मिलिट्री औद्योगिक काम्पलेक्स (सैन्य औद्योगिक एकता) की भूमिका और समृद्ध क्षेत्रों से टैक्स घटाना नए अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा उठाये गये पहले कदम थे।आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को उसने युद्धों में जीत अभियान को जारी रखने तथा कत्लेआम और यातना को साम्राज्यवाद के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का बहाना लेकर टाल दिया। गुप्त जेलों से संबंधित घटनाएं जिन्हें छिपा पाना सम्भव नहीं है, वह अमरीका और उसके सहयोगियों के सहअपराध का पर्दाफाश करती हैं।दूसरी तरफ पिछले 8 वर्षों में जब लूला ब्राजील के राष्ट्राध्यक्ष थे, ब्राजील ने धीरे-धीरे समस्याओं से निजात पाना शुरू कर दिया था। ब्राजील का तकनीकी विकास बढ़ रहा था और ब्राजील अर्थव्यवस्था में सुधार और इसका फैलाव बढ़ रहा था। उनके राष्ट्र मुखिया का पहला कार्यकाल बहुत कठिन था लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया और अनुभव हासिल किया। उनका अथक संघर्ष, मानसिक शान्ति, शान्त स्वभाव और कर्तव्य के प्रति बढ़ती लगन ने उन चुनौती भरे अंतर्राष्ट्रीय हालातों में ब्राजील का जीडीपी दो ट्रिलियन डालर के करीब था और ब्राजील की आर्थिक विकास दर दुनिया के पहले दस देशों की सूची में थी। हालांकि ब्राजील से अमरीका क्षेत्रफल के लिहाज से थोड़ा ही बड़ा हैै पर ब्राजील का जीडीपी अमरीका के जीडीपी का कुल मात्र 12 प्रतिशत है। लेकिन साम्राज्यवादी देश अमरीका विश्व को लूट रहा है और विश्व में एक हजार से अधिक स्थानों पर अपनी सेना को तैनात कर रखा है। 2002 के अंत में मुझे उनके राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाले समारोह को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चावेज भी वहां मौजूद थे। 11 अप्रैल को उनका तख्त पलट दिया गया और उसी वर्ष उन्होंने अमरीका द्वारा सुनियोजित तेल के व्यापार के खिलाफ साजिश का सामना किया। उस दौरान बुश अमरीका के राष्ट्रपति थे। ब्राजील, बोलिवारियन गणतंत्र और क्यूबा के आपसी संबंध मधुर थे।मेरी बीमारीअक्टूबर 2004 में मैं एक दुर्घटना का शिकार हो गया जिस कारण महीनों तक मेरी गतिविधियां स्थगित रहीं। फिर जुलाई 2006 के अंत में मैं गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। इस कारण मैंने पार्टी और देश के मुखिया का पदभार उसी वर्ष 31 जुलाई को छोड़ दिया क्योंकि मुझे लगने लगा था कि मैं अब दायित्व नहीं निभा पाऊंगा।ज्यों ही मेरी हालत में सुधार आया मैंने पढ़ने, लिखने और क्रांति के बारे मंे उपलब्ध सामग्री का अध्ययन शुरू कर दिया और कुछ यादों को छपवाने का विचार बनाया।फिर जब मैं बीमार पड़ा तो मेरे लिए सौभाग्य की बात थी कि लूला जब भी हमारे देश की यात्रा पर आते तो मुझसे जरूर मिलते और हमारी खुलकर बातें होती। मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं उनकी हर बात से सहमत था। मैं उनकी फसलों से जैविर्क इंधन के उत्पादन की योजना से असहमत हूं क्योंकि इससे भुखमरी एक भयंकर रूप ले सकती है।ब्राजील की समस्याएंमैं ईमानदारी से कहना चाहूंगा कि भुखमरी की यह समस्या ब्राजील की देन नहीं है और लूला की तो बिल्कुल नहीं। यह विश्व आर्थिक नीति का एक जरूरी हिस्सा है जो साम्राज्यवाद और उसके अमीर सहयोगियों द्वारा थोपी गयी है। ये मुल्क अपने बाजार के हित की रक्षा हेतु कृषि के उत्पादन पर विशेष रियायतें देकर विश्व के तीसरे देशों से खाद्यान्न आयात स्पर्धा में उन्हें मजबूर करते हैं कि वे इन देशों से औद्योगिक उपकरण खरीदने को मजबूर हों। ये उपकरण जिन देशों में बेचे जाते हैं उन्हें देशों के कच्चे माल तथा ऊर्जा श्रोतों का दोहन कर बनाए जाते हैं तथा गरीबी का कारण सदियों से इन देशों का उपनिवेश बने रहना है। मैं भलीभांति समझता हूं कि अमरीका व यूरोप की अनुचित स्पर्धा और विशेष रियायत के कारण ब्राजील को इथेनौल (ईथाइल अल्कोहल) का उत्पादन करने को बाध्य होना पड़ा है।ब्राजील में नवजात शिशु मृत्युदर 23.3 प्रति हजार है तथा प्रसूति मृत्युदर 110 प्रति हजार है जोकि अमीर औद्योगिक देशों में क्रमशः 5 एवं 15 है। हम इस प्रकार के दूसरे आकड़े भी दे सकते हैं।चुकन्दर से उत्पादित चीनी पर विशेष रियायत देकर यूरोप ने हमारे चुकन्दर से बनने वाली चीनी को यूरोप द्वारा अनुदान दिए जाने के कारण हमारे देश में गन्ने से बनने वाली चीनी को बाजार में बिकने से वंचित कर दिया है। हमारे गन्ना किसान वर्ष के अधिकतर समय काम से वंचित रहते हैं। इस बीच अमरीका ने हमारी बेहतरीन उपजाऊ जमीन छीन ली है और इसकी कम्पनियां चीनी उद्योग की मालिक बन गयी। तब अचानक एक दिन हमें हमारे चीनी कोटे से वंचित कर दिया और हमारे देश की आर्थिक घेराबंदी कर दी ताकि हमारी क्रान्ति और आजादी को समाप्त किया जा सके।अब ब्राजील ने गन्ना, सोयाबीन और अनाज का उत्पादन करने की विधि को विकसित कर दिया है जो अधिकतम उत्पादन देते हैं। एक दिन मैं एक ‘डाकूमेंट्री’ में देख रहा था कि सिएगो डी अविला में 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर सोयाबीन की खेती के बाद अन्न एगाएंगे जहां वह पूरे वर्ष उत्पादन कर सकेंगे। मैंने कहा कि वह आदर्श समाजवादी कृषि है जो उच्चकोटि का यांत्रिक है और अत्याधिक उत्पादकता देने वाला है।कैरिबियन देशों में कृषि के लिए सबसे बड़ी समस्या चक्रवात है जो दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।हमारे देश ने मारियल में एक अत्याधुनिक बन्दरगाह के निर्माण तथा वित्तीय सहायता देने के बावत ब्राजील के साथ एक विस्तारित परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगी। वेनेजुएला ब्राजील के कृषि उत्पादन तथा तकनीकी का प्रयोग चीनी उत्पादन तथा गन्ने की खोई से ताप-विद्युतीय शक्ति बनाने के उपयोग में ला रहा है। यह एक बहुत ही विकसित यंत्र है और उसका प्रयोग समाजवादी उत्पादन में भी किया जाता है। बोलावियन गणतंत्र में वे गैसोलीन से वातावरण पर होने वाला नुकसान को कम करने के लिए इथोनॉल का प्रयोग कर रहे हैं।पूंजीवाद और प्राकृतिक विनाशपूंजीवाद ने उपभोक्ता समाज को पैदा किया और पैदा किया ईंधन की बर्बादी जिससे पैदा हुआ नाटकीय रूप में मौसम में परिवर्तन। प्रकृति को 400 मिलियन वर्ष लगे उन वस्तुओं को पैदा करने में जिन्हें केवल 2 सदियों से खा रहे हैं। विज्ञान को इस प्रकार की ऊर्जा की खोज करनी है जो आज पेट्रोल से मिलने वाली ऊर्जा का विकल्प बन सके। कोई नहीं जानता यह कितना समय लेगा और इस पर कितनी लागत आएगी। क्या कभी हम उसे पा सकेंगे? कोपेनहेगन में बहस का यह विषय था और यह वार्ता पूर्णरूप से असफल रही।लूला ने मुझे बताया कि जब तक इथेनाल की कीमत गैसोलीन की कीमत का 70 प्रतिशत बैठती है तब तक इथेनॉल तैयार करना फायदेमन्द नहीं है। उन्होंने बताया कि ब्राजील के पास दुनिया में सबसे अधिक जंगल हैं। जंगलों के कटने की दर को धीरे-धीरे 80 प्रतिशत तक कम किया जाएगा।आज ब्राजील के पास समुद्र खोद कर ईंधन/तेल निकालने की विश्व की सबसे बेहतरीन तकनीक है जिसके द्वारा 7000 मीटर से अधिक गहराई से ईंधन प्राप्त किया जा सकता है। 30 वर्ष पहले यह काल्पनिक मालूम होता था।उन्होंने उच्च शिक्षा योजना के बारे में जो ब्राजील अपनाना चाहता है, बताया। इस दिशा में चीन द्वारा उठाये गये कदम की सराहना की। उन्होंने गर्व से बताया कि चीन के साथ उनके देश का व्यापार 40 बिलियन डालर तक पहुंच गया है।एक बात साफ है कि एक धातुकर्मी एक असाधारण और आदरणीय राजनेता बन गया है जिसकी आवाज हर अंतर्राष्ट्रीय बैठक में सुनी जाती है।उन्हें इस बात का गर्व है कि 2016 के ओलम्पिक खेलों के आयोजन हेतु उनके देश को चुना गया है। उनका देश 2014 के विश्व फुटबाल कप की मेजबानी भी करेगा। यह ब्राजील द्वारा परियोजनाओं के परिणाम आधार पर सम्भव हुआ है, जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया है।उनकी विश्वसनीयता का एक बड़ा सबूत है कि उन्होंने दुबारा चुनाव लड़ने से इन्कार किया और विश्वास प्रकट किया कि वर्कर्स पार्टी की सरकार आगे जारी रहेगी।वे जो उनकी ख्याति और सम्मान के राजप्रतिनिधि हैं ओर दूसरे जो साम्राज्य की सेवा में हैं, उन्होंने उनके क्यूबा आने की आलोचना की है। ऐसे ही लोगों ने आधी सदी तक क्यूबा के खिलाफ बहुत गलत प्रचार किया। लूला कई वर्षों से यह जानते थे कि हमारे देश में किसी को प्रताड़ित नहीं किया गया, कभी हमने अपने किसी विरोधी को नहीं मरवाया और हमने कीभी भी अपनी जनता से झूठ नहीं बोला। वह यह जानते हैं कि सच्चाई से उनके क्यूबाई मित्रों का अटूट संबंध है।क्यूबा से वह हमारे पड़ोसी हैती में चले गए। हमने हैती के लिए इस दुखद घड़ी में क्या कर सकते हैं, इस विषय पर उनसे खुलकर विचारों का आदान-प्रदान होता रहा। वह जानते हैं कि एक लाख से अधिक भूकम्प पीड़ित हैती निवासी हमारे डाक्टरों द्वारा उपचार पा चुके हैं। मैं जानता हूं उनकी दिली इच्छा हैती के नेक और काफी समय से दुखी लोगों की मदद करना है।मैं ब्राजील के राष्ट्रपति से अपनी यह पिछली न भूलने वाली मुलाकात हमेशा याद रखूंगा और इसे लोगों को बताने में मुझे कोई संकोच नहीं है।

- फिडेल कास्त्रो

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तीसरा आदमी कौन है

एक आदमी
रोटी बेलता है
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूं --
”यह तीसरा आदमी कौन है ?“
मेरे देश की संसद मौन है।
- धूमिल
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