भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

भाकपा ने अल्लामा फज़ले हक ”खैराबादी“ को श्रद्धांजलि देने आये चार केन्द्रीय नेताओं का उड़ाया मजाक

    लखनऊ 15 अक्टूबर। भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महान नायक तथा काले पानी की सजा पाने वाले पहले भारतीय अल्लामा फज़ले हक ”खैराबादी“ के जीवन से जुड़े पहलुओं पर चर्चा के लिए आज कांग्रेस के चार-चार केन्द्रीय नेताओं - दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, श्री प्रकाश जायसवाल तथा बेनी प्रसाद वर्मा के लखनऊ पधारने का मजाक उड़ाते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने कहा है कि आसन्न विधान सभा चुनावों में अल्पसंख्यकों के वोट बटोरने के लिए कांग्रेस यह कवायद कर रही है और श्रद्धेय अल्लामा फज़ले हक ”खैराबादी“ के प्रति इन नेताओं और कांग्रेस में जरा भी सम्मान की भावना नहीं है।
    भाकपा कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने आज यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा है प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के डेढ़ सौ वर्ष पूरे होने के पूर्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अगस्त 2006 में बाकायदा एक प्रस्ताव पारित कर संप्रग-1 सरकार से अमौसी हवाई अड्डे का नाम बेगम हजरत महल हवाई अड्डा रखने तथा अल्लामा फज़ले हक ”खैराबादी“ की स्मृति में खैराबाद अथवा सीतापुर में एक विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थान की स्थापना करने एवं उनकी प्रतिमा को खैराबाद रेलवे स्टेशन पर लगाने की मांग की थी। अल्लामा द्वारा प्रथम स्वाधीनता संग्राम का जो आंखों देखा हाल लिखा गया था, उसे हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित करने की भी मांग भाकपा ने की थी क्योंकि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का वह सबसे ज्यादा अधिकारिक दस्तावेज है। चूंकि भाकपा उस समय संप्रग-1 सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी, भाकपा महासचिव ए. बी. बर्धन ने एक पत्र लिख कर सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से भाकपा की इस मांग को पूरा करने का अनुरोध किया था परन्तु कांग्रेस के इन नेताओं ने अवध के इन बुजुर्गों के प्रति असम्मान जाहिर करते हुए भाकपा की मांग को ठुकरा दिया था। उसके थोड़े दिनों के बाद ही होने जा रहे विधान सभा चुनावों में जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए लखनऊ हवाई अड्डे का नाम चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा रख दिया था।
    प्रदीप तिवारी ने कहा है कि अब आसन्न विधान सभा चुनावों में मुसलमानों को अपनी ओर खींचने के लिए कांग्रेस आज की यह कवायद कर रही है और कांग्रेस के इन नेताओं को अल्लामा के जीवन, उनके सोच और उनके कामों के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
अल्लामा फज़ले हक ”खैराबादी“ के प्रति भाकपा की श्रद्धा को दोहराते हुए प्रदीप तिवारी ने कहा है कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम का फतवा जारी करने वाले अल्लामा शिक्षा के प्रति इतने समर्पित थे कि अंडमान जेल के तत्कालीन अधीक्षक के अनुरोध पर उन्होंने उनका उस्ताद बनना भी स्वीकार कर लिया था। प्रदीप तिवारी ने कहा कि यह अल्लामा की ही देन थी अंडमान जेल के बंदियों के पुत्र-पुत्रियों के नामों से उनके मज़हब और जाति का पता लगना बन्द हो गया था।
    भाकपा कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने भाकपा ने उन पुरानी मांगों को फिर दोहराते हुए प्रेस से अनुरोध किया है कि वे इस कार्यक्रम में आये कांग्रेस के नेताओं से इन बातों पर सवाल करें।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य