सम्मेलन के पूर्व अलीगढ़ में एक जुलूस 16 दिसम्बर को 11.00 बजे से निकाला जायेगा जो एक जनसभा में परिवर्तित हो जायेगा। जनसभा को भाकपा महासचिव ए. बी. बर्धन, उप महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी (पूर्व सांसद), भाकपा के केन्द्रीय सचिव मंडल के सदस्य गुरूदास दासगुप्ता (सांसद) तथा अतुल कुमार अंजान, केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य सैय्यद अज़ीज पाषा (सांसद), भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीष आदि सम्बोधित करेंगे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 21वें राज्य सम्मेलन में विमर्ष ”संवेदनषील, संघर्शषील और मजबूत वामपंथी विकल्प के निर्माण“ तथा ”किसानों, मजदूरों, छात्रों और नौजवानों के बुनियादी सवालों पर जनान्दोलन“ की रणनीति पर केन्द्रित होगा। भाकपा यह महसूस करती है कि केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही पूंजीवादी नीतियों के परिणामों - महंगाई, भ्रश्टाचार, भुखमरी, बेरोजगारी आदि के फलस्वरूप जनता के तमाम तबकों में बेचैनी है और प्रदेष की जनता कांग्रेस, बसपा, सपा और भाजपा के विकल्प की तलाष कर रही है और भाकपा अपने राज्य सम्मेलन में इसी विकल्प को प्रस्तुत करने के लिए रणनीति तैयार करेगी।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भाकपा ने अस्तित्वहीन तमाम राजनीतिक दलों द्वारा विधान सभा की सभी सीटों पर लड़ने के दावे को हास्यास्पद तथा कांग्रेस-लोकदल के मध्य हुये समझौते को दो हताष दिलों का मिलन बताया। इससे उत्तर प्रदेष विधान सभा चुनावों पर कोई विषेश प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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