भाकपा राज्य सचिव ने निर्वाचन आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि भाकपा द्वारा अपने कार्यक्रमों की सूचना लगातार इन चैनल्स को उपलब्ध कराई जा रही है। 21 जनवरी को भाकपा ने लखनऊ मुख्यालय पर अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया जिसकी सूचना सभी चैनल्स को दी गई। लेकिन ईटीवी, उत्तर प्रदेश, सहारा समय, उत्तर प्रदेश तथा पी-7 के अलावा किसी न्यूज चैनल्स ने इसका नोटिस नहीं लिया और एक पंक्ति भी भाकपा के घोषणापत्र के बारे में प्रसारित नहीं की जबकि सभी समाचार पत्रों ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया।
भाकपा ने कहा है कि यह कृत्य अपने आपमें ‘पेड न्यूज’ का ही एक प्रकार है। न्यूज चैनल्स की यह पक्षधरता न केवल लोकतंत्र के लिये घातक है अपितु आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन है। इस पर रोक लगाये जाने की आवश्यकता है।
आयोग को लिखे पत्र में भाकपा ने मांग की है कि सभी चैनल्स के लिये एक गाइडलाइन तैयार की जाये कि वे अपने बुलेटिनों के कुल प्रसारण समय में सभी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों को बराबर-बराबर स्थान दें। क्षेत्रीय दलों को इसके बाद स्थान दिया जा सकता है। साथ ही समाचार चैनल्स के प्रसारण पर निगरानी रखने को एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाये जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश, प्रेस परिषद के वरिष्ठ सदस्य, सेवानिवृत्त निर्वाचन आयुक्त तथा एक स्वतंत्र बुद्धिजीवी को शामिल किया जाये।
कार्यालय सचिव
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