सोमवार, 17 नवंबर 2014
at 6:26 pm | 0 comments |
केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ छह वामपंथी दलों का संयुक्त आन्दोलन आठ से चौदह दिसंबर तक
लखनऊ 17 नवम्बर। केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ देश के छह वामपंथी दल आगामी आठ से चौदह दिसंबर तक संयुक्त अभियान चलायेंगे। उपर्युक्त निर्णय यहां संपन्न छह वामदलों के प्रदेश स्तरीय नेताओं की बैठक में लिया गया। ज्ञात हो कि ये छहों दल राष्ट्रीय स्तर पर पहली नवंबर को ही इस आन्दोलन को प्रभावी बनाने का निर्णय ले चुके हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा.), आल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक, रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) -लिबरेशन एवं सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इण्डिया (कम्युनिस्ट) के पदाधिकारियों की संपन्न बैठक में निर्णय लिया गया कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा उठाये गये जनविरोधी कदमों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश भर में मिल कर अभियान चलाया जाये। लिये गये निर्णय के अनुसार वाम दल प्रदेश के सभी जनपदों में संयुक्त रूप से धरने, प्रदर्शन, सभायें एवं विचार गोष्ठियां आयोजित कर जनता को लामबन्द करेंगे। इससे पहले नवंबर माह के भीतर ही इन दलों की जनपद स्तर पर संयुक्त बैठकें की जायेंगी।
आठ से चौदह दिसंबर तक होने वाले इन आयोजनों में कमरतोड़ महंगाई, आवश्यक दवाओं के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी, महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (मनरेगा) को नेस्तनाबूद करने एवं श्रम कानूनों को असरहीन बनाने के सरकारी कदम, बीमा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने, काले धन को वापस लाने में सरकार की हीला हवाली और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के प्रयास जैसे मुद्दे शामिल होंगे। इसके अलावा संवैधानिक, शैक्षिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं में आरएसएस के एजेंडे को लागू करने, तथाकथित लव जेहाद तथा सांप्रदायिक प्रचार के अन्य माध्यमों के जरिये सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, दलितों और अन्य दबे कुचले तबकों पर अत्याचार जैसे मुद्दे भी इसमें शामिल होंगे।
बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि अपने चुनाव अभियान में देश की मेहनतकश जनता से एक से बढ़ कर एक लुभावने वायदे करने वाली भाजपा की केन्द्र सरकार आज इन्हीं तबकों की कमर तोड़ने पर उतारू है। ग्रामीण गरीब और बेरोजगारों का सहारा बनी मनरेगा योजना को आबंटित धन में लगभग पचास प्रतिशत की कटौती कर चुकी है। योजना के लिये धन भेजने में पहले ही रुकावटें खड़ी कर दी गयीं हैं। हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने जो समझौते किये हैं उनसे दवाओं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद उपभोक्ताओं के लिये पेट्रोल और डीजल के दामों में पर्याप्त गिरावट नहीं की गयी है। महंगाई सातवें आसमान पर है। सरकार श्रम कानूनों को असरहीन बनाने को कदम उठा चुकी है और अब भूमि अधिग्रहण कानून को ही बदलने की मंशा भी जता चुकी है। सौ दिन के भीतर काले धन को वापस लाकर जनता तक पहुँचाना तो दूर सरकार अब इस समस्या से मुंह चुरा रही है।
बीमा, रक्षा एवं रेलवे जैसे राष्ट्रीय महत्त्व के क्षेत्रों में भी एफडीआई को बढ़ाने को कदम उठाये जा रहे हैं। इसी तरह महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं अन्य कमजोर तबकों का उत्पीडन और उनकी लूट की दर में भी इजाफा हुआ है। अपने दीर्घकालिक संकीर्ण हितों को साधने की गरज से संघ परिवार सरकार के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थाओं में घुस पैठ कर रहा है और अपने कट्टरपंथी सांप्रदायिक अभियान को हवा दे रहा है। इससे समूचे देश में सांप्रदायिक तनावों में वृद्धि हो रही है। कारपोरेटों एवं दक्षिण पंथी ताकतों के द्वारा आर्थिक नवउदारवादी नीतियों को लागू करने के जरिये जनता के ऊपर हमला लगातार बढ़ रहा है जिससे जनता की रोजी रोटी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतएव वामदलों ने जनहित में आन्दोलन में उतरने का निश्चय किया है।
एक अन्य प्रस्ताव में लखनऊ विश्वविद्यालय में आइसा की गोष्ठी में आयी ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव कविता कृष्णन के ऊपर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हमले की निन्दा की गई।
बैठक में भाकपा के डा. गिरीश व अरविन्द राज स्वरूप, माकपा के प्रेमनाथ राय, भाकपा (माले) - लिबरेशन के रमेश सिंह सेंगर व अरुण कुमार, एआईएफबी के शिव नारायण चौहान, डा. एस.पी. विश्वास व विजय पाल सिंह, एसयूसीआई-सी के जगन्नाथ वर्मा, सपन बनर्जी व जयप्रकाश मौर्य एवं आरएसपी के संतोष गुप्ता ने भाग लिया।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...1 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...1 वर्ष पहले

लोकप्रिय पोस्ट
-
लखनऊ- 2 अप्रेल 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अनुसूचित जाति/ जनजाति उत्पीडन प्रतिरोधक क़ानून को कमजोर किये जाने ...
-
लखनऊ- 15 मार्च 2018, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर की बहुचर्चित लोकसभा सीटों पर हु...
-
देश की तीन प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियां अन्य वामपंथी जनवादी दलों को साथ लेकर केंद्र की घोर जनविरोधी, छलिया, सांप्रदायिक और फासीवादी रु...
-
बहुभाषाविद, अग्रणी विचारक, यायावर, इतिहासविद, तत्वान्वेषी, युगपरिवर्तनकारी साहित्य के रचयिता, किसान नेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ...
-
लखनऊ- कठुआ, उन्नाव, एटा, सिकंदरा राऊ ( हाथरस ), नोएडा, पीलीभीत, सूरत तथा देश और उत्तर प्रदेश के हर कोने से महिलाओं और अबोध बालिकाओं क...
-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बजट भाषण पर चर्चा के दौरान विधान परिषद् में “समाजवाद” को लेकर दिए गये वक्तव्य ने एक...
-
लखनऊ- गत दो दिन पहले रिकार्ड तोड़ चुकी पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में कल फिर 19 पैसे प्रति लीटर की वृध्दि कर दी गयी. गत दो दिन प...
-
आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडेरशन की प्लेटिनियम जुबली समारोह का हिस्सा बनिये AISF Platinium Jubilee Invitation
-
त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बजट भाषण पर चर्चा के दौरान विधान परिषद् में “समाजवाद” को लेकर दिए गये वक्तव्य ने एक नई ...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच महानगरों की विद्युत् व्यवस्था के निजीकरण को उपभोक...
