सोमवार, 8 दिसंबर 2014
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केन्द्र सरकार के जनविरोधी कदमों के खिलाफ वामदलों का आन्दोलन शुरू
लखनऊ- देश के छह वामपंथी दलों के आह्वान पर केन्द्र सरकार के जनविरोधी कारनामों के खिलाफ और दस सूत्रीय मांगपत्र को लेकर वामदलों का संयुक्त आन्दोलन आज समूचे देश में शुरू होगया.
उत्तर प्रदेश में भी आज से ही इसकी धमाकेदार शुरुआत हुयी और आन्दोलन में शामिल दलों – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा(माले), फार्बर्ड ब्लाक, आरएसपी एवं एसयूआईसी ने आज प्रदेश के अलग अलग जिलों में सभायें कीं सम्मेलन किये और जनपद हाथरस में भाकपा के तत्वावधान में एक धरने का आयोजन किया गया.
यह आन्दोलन प्रमुखतः मनरेगा को सीमित करने के प्रयासों, श्रम कानूनों में किये गये प्रतिकूल बद्लाबों, बीमा रेलवे रक्षा एवं अन्य आधारभूत क्षेत्रों को एफडीआई के हवाले किये जाने, महंगाई को काबू में न किये जाने, काले धन की वापसी के मामले में सरकार की हीला हवाली, भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने की कोशिशों, महिलाओं दलितों सहित सभी कमजोर तबकों पर लगातार बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ तथा देश और देश की जनता को सांप्रदायिकता के जरिये बाँटने की साजिशों के विरुध्द चलाया जारहा है.
वामदलों का आरोप है कि पिछले छह माहों में केन्द्र की मोदी सरकार ने एकतरफा कार्पोरेट और पूंजीपति घरानों को लाभ पहुंचाया है और किसान कामगार तथा दूसरे नागरिकों को तबाही की ओर धकेला है. यहाँ तक कि केरोसिन पर सब्सिडी खत्म कर दी गयी जबकि रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के खाते में भेजने का ढोंग रचा जारहा है. बेचारे उपभोक्ता इसे हासिल करने के लिए की जारही तमाम ओपचारिकताओं को पूरा करने की कबायद से परेशान हैं और वह यह भी आरोप लगा रहे हैं कि यह सब्सिडी उसी तरह उन्हें नहीं मिल पायेगी जिस तरह विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि उन्हें नहीं मिल पाती. गरीब लोगों को तो पहले ही पूरी कीमत देकर सिलेंडर खरीदना असंभव सा लग रहा है. सरकार को इन कदमों को वापस लेना चाहिये.
वामदलों का दावा है कि अपने कार्यकाल के पहले छह महीनों में इस सरकार से जनता के मोहभंग की शुरुआत होगयी है. ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला. यही वजह है की जनता के तमाम हिस्से सडकों पर उतर रहे हैं.
वामदलों का यह आन्दोलन उत्तर प्रदेश में १५ दिसंबर तक जारी रहेगा. हर जिले में अलग अलग तारीखों में सभायें, धरने, प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे जिसका समापन इलाहाबाद में १५ दिसंबर को संयुक्त धरने से किया जायेगा.
डा.गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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