फ़ॉलोअर
शनिवार, 7 मार्च 2015
at 10:51 pm | 0 comments |
भाकपा उत्तर प्रदेश का सम्मेलन उत्साह के वातावरण में संपन्न
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश का २२ वां राज्य सम्मेलन २८ फरवरी से २ मार्च के बीच इलाहाबाद में भारी उत्साह के वातावरण में संपन्न हो गया. सम्मेलन से पूर्व इलाहाबाद नगर में एक विशाल रैली निकाली गयी और आम सभा भी की गयी.
रैली का नेतृत्व भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने किया. सभा को प्रमुख रूप से भाकपा के केन्द्रीय सचिव का.अतुल कुमार सिंह अनजान ने संबोधित किया. सभा को संबोधित करते हुये का. अनजान ने मोदी सरकार की विफलताओं का खुलासा किया और उसके विरुध्द जन संघर्षों को तेज करने का आह्वान किया. राज्य सचिव डा. गिरीश ने उत्तर प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया और उसके काले कारनामों का पर्दाफाश करने तथा उसके खिलाफ जन लामबंदी तेज करने का आह्वान किया.
सभा के बाद ध्वजारोहण का. गिरधर गोपाल त्रिपाठी ने किया. तदुपरांत सम्मेलन का उद्घाटन सत्र शुरू हुआ. सम्मेलन की अध्यक्षता का. अशोक मिश्र, का. रामधन, का. निशा राठोर, का. हामिद अली एवं का. राजेन्द्र यादव, पूर्व विधायक के अध्यक्ष मंडल ने की. स्वागत भाषण स्वागत समिति के अध्यक्ष और उच्च न्यायालय के सीनियर एडवोकेट का. आर. के. जैन ने दिया.
सम्मेलन का उद्घाटन भाकपा के केन्द्रीय सचिव मंडल के सदस्य का. शमीम फैजी ने किया. अपने उद्घाटन भाषण में का. फैजी ने कहा कि गत लोक सभा चुनावों में देश के ही नहीं बाहर के कार्पोरेट घरानों ने भी मोदी की जीत के लिए हर हथकंडा अपनाया. कार्पोरेट पूंजी और आर.एस.एस. के घ्रणा फ़ैलाने वाले अभियान के चलते एक घोर दक्षिणपंथी सरकार मोदी के नेतृत्व में बजूद में आई है. यह सरकार अपने चुनावी वायदों को पूरा करने से साफ मुकर गयी है. वह कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुँचाने और जनता पर उसका बोझ डालने के काम में जुट गयी है. किसानों को तवाह करने वाला भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाया गया है तो मजदूरों को तवाह करने को श्रम कानूनों में बदलाव किया जारहा है. चुनावी वायदे पूरे न होने से जनता में आक्रोश पैदा होरहा है और उससे ध्यान हठाने को सांप्रदायिक हथकंडे चलाये जारहे हैं. उन्होंने मौजूदा चुनौतियों का मुकाबला करने को वामपंथी एकता पर बल दिया जो कार्यक्रम आधारित आंदोलनों के जरिये वाम-जनवादी एकता का आधार बनेगी.
भाकपा के आमंत्रण पर माकपा के राज्य सचिव का. हीरालाल यादव, फार्बर्ड ब्लाक के राज्य सचिव का. शिव नारायण चौहान एवं एसयूसीआई सी के सुधांशु मालवीय अपनी एकता का इजहार करने सम्मेलन में पहुंचे. भाकपा माले के सचिव का. रामजी राय ने संदेश प्रेषित किया . सभी ने वाम एकता को समय की मांग बताया.
दूसरे दिन प्रारंभ हुये सत्र में गत तीन सालों में देश भर में दिवंगत महान हस्तियों और पार्टी नेताओं को श्रध्दांजली अर्पित करते हुये शोक प्रस्ताव राज्य सहसचिव का. इम्तियाज़ अहमद ने प्रस्तुत किया. सम्मेलन ने दो मिनट का मौन रखा.
प्रतिनिधि सत्र में राज्य सचिव डा.गिरीश ने राजनैतिक रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार भी केन्द्र सरकार की तरह आर्थिक नव उदारवाद के एजेन्डे पर चल रही है. यही वजह है कि वह आमजनों के हितों को पूरा कर पाना तो दूर हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल है.वह सांप्रदायिकता से भी नहीं निपट पा रही है. लोगों में सरकार के प्रति मोहभंग होरहा है जो एक राजनैतिक शून्य पैदा कर रहा है. भाकपा और वाम दलों को मुद्दों के आधार पर संयुक्त और परिणाम दिलाने वाले आन्दोलन छेड़ कर इस शून्य को भरने की दिशा में काम करना चाहिए. मौजूदा परिस्थितियों का यह सबसे बड़ा तकाजा है.
कार्य और संगठन संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये राज्य सहसचिव का. अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि गत तीन वर्षों में प्रदेश में भाकपा ने लगातार आन्दोलन चलाये हैं. जन संगठनों ने भी कई काम किये हैं. इसकी झलक लोकसभा चुनावों में हमें पहले से अधिक मिले मतों के रूप में दिखाई देती है. सांगठनिक रिपोर्ट में मौजूदा चुनौतियों के अनुकूल सांगठनिक ढांचा खड़ा करने पर बल दिया गया है.
दोनों रिपोर्टों पर हुयी चर्चा में ४६ साथियों ने भाग लिया. रिपोर्ट पर चर्चा का स्तर गत राज्य सम्मेलनों की तुलना में बहुत संजीदा था जो पार्टी के सही दिशा में बढ़ने का सूचक है. चर्चा का प्रत्युत्तर दिए जाने के बाद दोनों रिपोर्टें ध्वनिमत से पारित की गयीं.
सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर लगभग एक दर्जन प्रस्ताव पारित किये गये जिनमें हाल ही में वर्षा और ओलों से हुयी हानि की भरपाई के लिए राज्य सरकार से मांग करने वाला प्रस्ताव प्रमुख है.
सम्मेलन के मध्य का. रनधीर सिंह सुमन द्वारा संपादित लोक संघर्ष पत्रिका के जन गीत विशेषांक ‘वह सुबह हमीं से आयेगी’ का लोकार्पण का. शमीम फैजी एवं का. अतुल अनजान ने किया.
सम्मेलन में वरिष्ठ कामरेडों का अभिनन्दन भी किया गया.
सम्मेलन में भविष्य के तमाम कार्यक्रमों का निर्धारण भी किया गया. का.गोविन्द पानसरे की याद में १६ मार्च को “ अंध विश्वास, संप्रदायवाद और भ्रष्टाचार विरोधी दिवस” आयोजित किया जायेगा. इस दिन पूरे प्रदेश में विचार गोष्ठियां, सभाएं और प्रदर्शन आदि आयोजित किये जायेंगे. का. पांसरे के हत्यारों को गिरफ्तार करने और हत्या की जांच सी.बी.आई. से कराने की मांग की जाएगी.
एक अन्य निर्णय के अनुसार यदि १ मई तक राज्य सरकार ने महान कम्युनिस्ट नेता का. जयबहादुर सिंह और का. झारखंडे राय की प्रतिमाओं का अनावरण नहीं किया तो भाकपा द्वारा खुद अनावरण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा.
राष्ट्रीय महाधिवेशन के बाद भूमि अधिग्रहण के सवाल पर व्यापक आन्दोलन खड़ा करने का संकल्प भी लिया गया.
सम्मेलन में एक ८१ सदस्यीय राज्य काउन्सिल और ५ सदस्यीय कंट्रोल कमीशन का चुनाव किया गया. राष्ट्रीय महाधिवेशन के लिए २१ प्रतिनिधि और २ वैकल्पिक प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया. ये सारे चुनाव सर्वसम्मती से हुये.
बाद में राज्य काउन्सिल ने सर्वसम्मति से तीसरी बार डा.गिरीश को राज्य सचिव चुना. कंट्रोल कमीशन ने का. आर.के. जैन को अपना अध्यक्ष चुना.
समापन सत्र में राज्य सचिव ने अध्यक्ष मंडल, स्वागत समिति, क्रेडेंशियल कमेटी, मिनट्स कमेटी, प्रस्ताव कमेटी तथा सभी वालंटियर्स को धन्यवाद दिया. अध्यक्ष मंडल की ओर से का. अशोक मिश्र ने सम्मेलन के समापन की घोषणा की.
डा. गिरीश.
३ मई से १० मई तक सारे प्रदेश में धन और अन्न संग्रह अभियान भी पूरी तैयारी से चलाया जायेगा.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
लखनऊ 18 जनवरी 2012। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने विधान सभा चुनाव हेतु अपने प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी। इस सूची में भाकपा ने ...
-
लखनऊ 16 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा (माले), आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक एवं रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने फैसला लिया है कि वे उत्तर...
-
दो साल से ज्यादा हो गये जब वाम मोर्चा ने संप्रग-1 सरकार से समर्थन वापस लेते समय जो कारण गिनाये थे उनमें एक मुद्दा महंगाई का भी था। आजादी के ...
-
लखनऊ 15 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कौंसिल की दो दिवसीय बैठक यहां पार्टी के राज्य कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक में पार्टी के रा...
-
World Socialist Web Site wsws.org Published by the International Committee of the Fourth International (ICFI) PUBLISHED THE FOLLOWING ITEM O...
-
The Communist Party of India strongly condemns Israel's piratical attacks on the high seas on a flotilla of civilian aid ships for Gaza ...
-
लखनऊ- 24 अगस्त 16, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान आदि में बाढ़ की भीषण तबाही से...
-
संप्रग शासन काल में पूंजीवाद के साथ जिस विशेषण का लगातार प्रयोग किया गया वह है ”क्रोनी“। अर्थशास्त्र का ज्ञान न रखने वाले लोग इसे छोटा...
-
National Executive (24th May 2011) adopted the following norms for the allotment of MP Lad funds by CPI Members of Parliament Earlier Memb...
-
इस सम्बंध में कोर्ट के निर्णय से ऐसा लगता है कि भारत अब भी विक्टोरियन साम्राज्यवादी, सामन्ती दौर में है, और जो सोशलिस्ट सपनों से बहुत दूर है...
कुल पेज दृश्य
7364536
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें