फ़ॉलोअर
मंगलवार, 31 दिसंबर 2019
at 7:24 pm | 0 comments |
नये साल में वामदलों के नये अभियान का शुभारंभ : 8 जनवरी की हड़ताल का समर्थन
प्रकाशनार्थ-
मोदी- योगी
सरकार की लोकविरोधी नीतियों के खिलाफ वामदलों का अभियान पहली जनवरी से
8 जनवरी को
होने वाली मजदूरों किसानों की हड़ताल का समर्थन करेंगे उत्तर प्रदेश के वामदल
लखनऊ- 31 दिसंबर 2019, वामपंथी दलों के केंद्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों ने मोदी
सरकार की मजदूर, खेतिहर मजदूर, किसान, आमजन और नौजवान विरोधी आर्थिक नीतियों और विभाजनकारी सामाजिक- राजनैतिक नीतियों
के खिलाफ उत्तर प्रदेश में नए वर्ष के पहले दिन 1 जनवरी से 7 जनवरी 2020 के बीच प्रदेश
व्यापी अभियान संगठित करने और 8 जनवरी को प्रस्तावित आम हड़ताल को समर्थन देने का निर्णय
लिया है।
संयुक्त बयान में वामदलों ने कहाकि मोदी सरकार की मुट्ठी
भर कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियो के कारण देश बरवादी के कगार पर आपहुंचा
है। बेरोजगारी 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है जिससे नौजवान अभूतपूर्व संकट का सामना
कर रहे हैं। शैक्षिक बजट की कमी, शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण
तथा विद्यालयों को आरएसएस की प्रयोगशाला बना देने से छात्रों का दम घुट रहा है और वे
इसका प्रतिरोध कर रहे हैं। खोखली होचुकी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण आम और गरीब लोग इलाज
के अभाव में मौत के शिकार होरहे हैं।
आर्थिक मंदी ने अर्थव्यवस्था की नींव खोखली कर दीं हैं।
औद्योगिक और क्रषी उत्पादन गिर कर न्यूनतम स्तर पर आगया है। उपभोक्ता की जेब खाली है
और बिक्री घटी है। आयात बड़ा है और निर्यात घटा है। इस कारण बेरोजगारी और बड़ रही है।
रुपये की कीमत घटती ही जारही है। खाली खजाने को रिजर्व बैंक से उधारी लेकर भरा जारहा
है। महंगाई चरम पर है। प्याज डेढ़ सौ रुपये किलो तक पहुँच गयी, पेट्रोल 80 और डीजल 70 को छूरहा है। रसोई गैस की कीमतें भी काफी ऊंची होगयीं
हैं। भ्रष्टाचार ने पूर्व के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं।
खेती के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में किसानों को
मदद पहुँचाने के बजाय किसानों को कुछ खैरात देकर फुसलाया जाया जारहा है। इससे किसान
अभूतपूर्व संकट का शिकार हैं। खेतिहर मजदूर और भी अधिक बदहाल हैं। उद्योग और व्यापार
की कमर नोटबंदी और जीएसटी ने तोड़ रखी है और ग्रामीण जनों के सीजनल रोजगार के रास्ते
बन्द होचुके हैं।
वेश कीमती सरकारी क्षेत्र को बेचा जारहा है। रेल तक
प्रायवेट की जारही हैं। अंबानी, अदानी जैसे मुट्ठी भर लोगों को
मालामाल किया जारहा है। देश की पूंजी का बड़ा हिस्सा मुट्ठी भर पूँजीपतियों पर जाचुका
है और गरीब भयंकर गरीबी में नारकीय जीवन जी रहे हैं। जनता में भयंकर आक्रोश है। इससे
ध्यान बंटाने और लोगों को प्रताड़ित करने के उद्देश से तीन तलाक, कश्मीर, सीएए, एनपीआर और एनआरसी
जैसे लोकतन्त्र विरोधी कार्य निरंतर जारी हैं। संविधान को तहस नहस किया जारहा है। विरोध
करने पर लाठी, डंडे और गोलियां बरसाई जारही हैं। तमाम निर्दोषों
को संगीन धाराओं में जेल भेजा जारहा है।
केन्द्र की तबाहकारी नीतियों को यूपी सरकार और भी ताकत
से लागू कर रही है। कानून व्यवस्था तार- तार होचुकी है, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, युवाओं और छात्रों से दुश्मन जैसा वरताव किया जारहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है और यूपी सरकार भय आतंक और तानाशाही
की पर्याय बन चुकी है। किसानों को गन्ने का बकाया नहीं मिल रहा, फसलों की उचित कीमत नहीं मिल रही है। मनरेगा की उपेक्षा और रोजगार योजनाओं
के अभाव में ग्रामीण मजदूर तवाह होरहे हैं। योगी सरकार दिखाबे के और बरगलाने वाले संकीर्ण
एजेंडों को चला रही है। असली मुद्दों से मुंह
चुरा रही है। लोग गुस्से में हैं और सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्हें सरकारी मशीनरी के
बल पर रौंदा जारहा है। ठोक दो, मार दो,
बन्द कर दो, बदला लिया जायेगा, छोड़ा नहीं
जाएगा जैसे भयानक शब्द कोई और नहीं सूबे की सरकार का मुखिया बोल रहा है।
वामपंथी दल उत्तर प्रदेश में इन सवालों पर लगातार अपनी
पूरी ताकत से पुरजोर आवाज उठा रहे हैं। अब इन सभी सवालों पर 1 से 7 जनवरी के बीच गाँव, गली और नुक्कड़ तक अभियान चलाया जायेगा और देश के दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों
द्वारा आहूत्त और किसान- खेतिहर मजदूर संगठनों द्वारा समर्थित 8 जनवरी की हड़ताल को
समर्थन दिया जायेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-
( मार्क्सवादी ) के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव एवं भाकपा- माले- लिबरेशन के
राज्य सचिव का॰ सुधाकर यादव ने वामपंथी दलों की जिला कमेटियों का आह्वान किया है कि
वे 1 से 7 जनवरी के बीच सघन अभियान चलायें और 8 जनवरी की हड़ताल को पुरजोर समर्थन प्रदान
करें।
जारी द्वारा-
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा उत्तर प्रदेश
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CUT IN PETROL-DIESEL PRICES TOO LATE, TOO LITTLE: CPI - *The National Secretariat of the Communist Party of India condemns the negligibly small cut in the price of petrol and diesel:* The National Secretariat of...5 वर्ष पहले
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र - विधान सभा चुनाव 2017 - *भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र* *- विधान सभा चुनाव 2017* देश के सबसे बड़े राज्य - उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के गठन के लिए 17वीं विधान सभा क...7 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...7 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल के सचिव डा0 गिरीश ने 17 से 21 सितंबर तक काठमांडू में संपन...
-
भाकपा की राज्य कौंसिल बैठक शुरू भाकपा राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने जारी किया आन्दोलन का पोस्टर लखनऊ 18 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्...
-
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 16वीं विधान सभा का चुनाव हो रहा है। यह चुनाव स्वतंत्र भ...
-
सहारनपुर की स्थिति को शीघ्र काबू में करे राज्य सरकार: भाकपा लखनऊ- 10 मई 2017, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आरोप लगाया है क...
-
MANIFESTO OF PROGRESSIVE WRITERS ASSOCIATION ADOPTED IN THE FOUNDATION CONFERENCE 1936 Radical changes are taking place in India...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रायबरेली के पावर प्लांट में हुयी ह्रदयविदारक घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. ...
-
चले चलो दिलों में घाव ले के भी चले चलो चलो लहूलुहान पांव ले के भी चले चलो चलो कि आज साथ-साथ चलने की जरूरतें चलो कि ख़त्म हो न जाएं जिन्द...
-
हरिशंकर परसाई की कहानियों में पात्र-वैविध्य की बात हम कर चुके हैं, इस वैविध्य का बहुत बड़ा कारण परिस्थितियां, उनसे जूझते चरित्र का निर्मित हो...
-
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल को 'असफलता के सौ दिन' शीर्षक से नवाजा है. ...
-
भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक 23 एवं 24 अगस्त 2010 को नई दिल्ली में यूनियन के अध्यक्ष अजय चक्रवर्ती पूर्व स...