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रविवार, 14 जून 2020

जौनपुर और आजमगढ़ की घटनाओं की न्यायिक जांच और रासुका हटाने की भाकपा ने मांग की



लखनऊ- 14 जून 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश की  भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जौनपुर जनपद के भदेठी और आजमगढ़ जनपद के सिकंदरपुर की घटनाओं के जरिये अपनी सांप्रदायिक राजनीति को धार देना चाहती है। अपने निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिये वह कोरोना काल में भी विभाजनकारी घ्रणित राजनीति करके देश, समाज और मेहनतकशों की एकता को गहरी हानि पहुंचा रही है।
निश्चय ही दोनों ही घटनायें दुर्भाग्यपूर्ण हैं और होनी नहीं चाहिए थी। भाकपा ऐसी घटनाओं को अशोभनीय और अवांच्छित मानती है। लेकिन इन घटनाओं को लेकर समुदाय विशेष पर एनएसए की कार्यवाही घोर अनुचित और राजनीति प्रेरित है। भाकपा इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि कोरोना काल में ही उत्तर प्रदेश भर में कोई दर्जन भर दलितों की हत्या होचुकी है और अन्य अनेक का उत्पीड़न हुआ है। प्रतिदिन महिलाओं के साथ बदसलूकी, हत्या और उत्पीड़न की वारदातें होरही हैं। पर उन मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाना तो दूर कई मामलों में एफ़आईआर तक नहीं हुयी अथवा बहुत मुश्किलों से हुयी। लेकिन उपर्युक्त दोनों मामलों में एकतरफा एनएसए की कार्यवाही सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की गरज से की गयी है।
भाकपा ने कहा कि आज ही आजमगढ़ जनपद के उबारपुर गांव में भाजपा लालगंज के जिलाध्यक्ष के बेटों ने मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों पर दिन- दहाड़े हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया। क्या न्यायहित में और निष्पक्षता का परिचय देते हुये सरकार उन पर रासुका लगायेगी, भाकपा ने सवाल खड़ा किया है।  
भाकपा सचिव मंडल ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकारें कोरोना से निपटने में पूरी तरह विफल हो गईं। देश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख से अधिक होकर दुनियाँ में देश चौथे स्थान पर पहुँच गया। अन्य मरीज भी इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। लोग भूखों मर रहे हैं। मजदूरों को रोजगार मिलना तो दूर तमाम उद्योग बन्द होरहे हैं और मजदूरों का काम छिन रहा है। किसानों को फल और सब्जियां खेतों में नष्ट करनी पड़ी हैं। कानून व्यवस्था तार तार होचुकी है। एक से एक विकराल घपले- घोटाले सामने आरहे हैं। लोग हतप्रभ हैं और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
इन असफलाताओं से ध्यान हटाने को भाजपा सरकार ने अपने चिर- परिचित हथकंडों को स्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अपने कुत्सित उद्देश्यों के लिये वह सरकारी मशीनरी को भी अन्यायपूर्ण और दमनकारी कार्यवाहियों के लिये बाध्य कर रही है। भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने मांग की कि दोनों मामलों में अवांच्छित रासुका हटाई जाये और न्यायहित में दोनों घटनाओं की जांच उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश से करायी जाए।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा,  उत्तर प्रदेश

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