भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

भाकपा एवं माकपा के शीर्ष नेता हाथरस पहुंचे : बिटिया के परिवार से मिल कर दुख जताया और ढाढ़स बंधाया


हाथरस/ लखनऊ - 6 अक्तूबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी॰ राजा, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) के महासचिव का॰ सीताराम येचुरी, भाकपा की सचिव एवं एटक की महासचिव का॰ अमरजीत कौर, माकपा की पॉलिट ब्यूरो सदस्य बृंदा करात, भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस की बिटिया के गांव बूलगड़ी पहुंचे और पीड़ित परिवार की पीढ़ा साझा की और उनको ढाढ़स बँधाया।

परिवार ने वामपंथी नेताओं को पीड़िता की हत्या, हालात और बदसलूकी के बारे में विस्तार से बताया। परिवार अब भी अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है और खुल कर बात करने से डर रहा है। वह न्याय की गुहार लगा रहा है और इसके लिये वह न्यायिक जांच चाहता है। उसकी पीड़ा यह भी है कि माननीय उच्च न्यायालय ने उन्हे 12 अक्तूबर को उपस्थित होने का नोटिस भेजा है और शोक के इन हालातों में उन्हें यह भी पीड़ादायक लग रहा है।

दोनों दलों के शीर्ष नेत्रत्व ने परिवार की पीड़ा को साझा किया और भरोसा दिलाया कि वे उनको न्याय दिलाने को हर स्तर पर सहयोग करेंगे। उपस्थित मीडिया से उन्होने कहा कि यूपी में जिस तरह महिलाओं, बेटियों दलितों और कमजोरों पर जुल्म हो रहे हैं उससे किसी भी इंसान की रूह कांप जाती है। उन्होने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की। उन्होने कहा कि बलरामपुर में बलात्कारियों पर एनएसए लगाया गया है क्योंकि वे मुस्लिम हैं। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं, पर यह आश्चर्यजनक है कि देश और दुनियाँ को जिस हादसे ने स्तब्ध कर दिया है, उसके आरोपियों पर एनएसए लगाना तो दूर भाजपा के सांसद और विधायक उन्हें जेल तक में वीआईपी सुविधाएं दिलवा रहे हैं। ऐसी सरकार से न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

एक सवाल के जबाव में वाम नेताओं ने कहा कि दंगाइयों की सरकार मुख्य समस्या से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है और विपक्ष पर दंगा भड़काने का आरोप लगा रही है। इस पर कौन विश्वास करेगा? सच तो यह है कि सरकार संरक्षित आरोपियों के समर्थक प्रतिदिन यहाँ आने वालों पर पथराव कर रहे हैं और उपद्रव करने की हर कोशिश कर रहे हैं। वे यह भी भूल गये हैं कि बाहर से आने वाले लोगों के साथ शालीनता से व्यवहार करना चाहिये, जैसा कि भारत की संस्क्रति कहती है।

वाम नेताओं ने एक स्वर से योगी सरकार को महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रही दरिंदगी को रोकने में असफल बताया और मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग की।

भाकपा नेता डा॰ गिरीश ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार से मांग की कि यदि परिवार के लोग उच्च न्यायालय जाने का निर्णय लेते हैं तो उनकी सुरक्षा और लाने ले जाने की ज़िम्मेदारी सरकार और प्रशासन ले। उन्होने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने की आवाज उठाना हमारा फर्ज है तथा हम आम लोगों से भाई चारा बनाये रखने की भी अपील कराते हैं।

वामदलों के नेताओं के साथ दर्जनों वाहनों के काफिले में सैकड़ों अनुशासित कार्यकर्ता भी मौजूद थे। परन्तु न तो नेताओं की जिंदाबाद का नारा लगा न ही किसी की मुर्दाबाद। कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे यहां संवेदनाएं व्यक्त करने आए हैं न कि राजनीति करने। वैसे ये कार्यकर्ता किसी भी चुनौती  का सामना करने को मुस्तैद थे। मौके पर मौजूद लोग उनकी शालीनता और अनुशासन की प्रशंसा कर रहे थे और स्थानीय प्रशासन भी तनावमुक्त महसूस कर रहा था।

प्रतिनिधि मण्डल में आदिकेशन एडवोकेट, गफ्फार अब्बास, सुहेव शेरवानी सभी भाकपा, ब्रजलाल भारती, भारत सिंह एवं इदरीश सभी माकपा आदि भी शामिल थे। शेष सैकड़ों कार्यकर्ता बैरीकेडिंग के बाहर लाल झंडे लिये खड़े थे।

डा॰ गिरीश

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शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

Left Parties Rejected CBI inquiry in Hathras case


 

उत्तर प्रदेश के वामदलों ने सीबीआई जांच की सिफ़ारिश को नकारा

 

लखनऊ- 3 अक्तूबर- उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों ने योगी सरकार द्वारा हाथरस प्रकरण की जांच के लिये सीबीआई जांच की सिफ़ारिश को पीड़ित परिवार को न्याय से वंचित करने और जांच को विलंबित करने की साजिश बताया है। यह पीड़ित परिवार द्वारा बार बार न्यायिक जांच की गुहार और उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराने की कार्यवाही के विपरीत है। यह आरोपियों के पक्ष में खड़े लोगों और भाजपा की कपटपूर्ण चाल का परिणाम है।

वामपंथी दलों ने कहा कि तोते (सीबीआई) की कारगुजारी अभी हाल में सारा संसार बाबरी मस्जिद दहन केस में देख चुका है। विध्वंसक बार बार दुहराते रहे कि उन्होने ढांचा तोड़ा है और सीबीआई ने उनके बेदाग छूटने की व्यवस्था कर दी। इस जांच पर भला कौन विश्वास कर सकता है।

वामदलों ने कहा कि घटना के दिन 14 सितंबर से लेकर आज तक प्रदेश सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवार का जघन्य उत्पीड़न करता रहा है और अब उनके ऊपर सीबीआई जांच थोप कर उत्पीड़न को जारी रखने और न्याय से वंचित करने का षडयंत्र है। रात के साढ़े नौ बजे एसआईटी टीम को पीढ़ितों के घर भेज देना भी उत्पीड़नात्मक कार्यवाही है। राज्य सरकार को इससे बाज आना चाहिये।

वामदलों ने कहा कि जिलाधिकारी हाथरस और लीपापोती करने वाले अन्य अधिकारियों के यथावत पदों पर बने रहते कोई निष्पक्ष जांच संभाव नहीं। उन सभी को माकूल सजा दी जानी चाहिये।

वामदलों के नेताओं माकपा राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव, भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश, भाकपा- माले के सचिव सुधाकर यादव एवं फारबर्ड के संयोजक अभिनव सिंह कुशवाहा ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा और हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव,

भाकपा- उत्तर प्रदेश   

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शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020

हाथरस प्रकरण-


 

बिटियाओं के साथ दरिंदगी और दमनकारी जंगलराज के खिलाफ-

 

मुख्यमंत्री के त्यागपत्र और बहू बेटियों की पूर्ण सुरक्षा के लिये-

 

वामपंथी दलों ने समूचे उत्तर प्रदेश में गांधी प्रतिमाओं पर किये आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन

 

लखनऊ- 2 अक्तूबर 2020, हाथरस की बेटी से दरिंदगी, आधी रात को जबरिया किये गये अंतिम संस्कार, बलरामपुर, भदोही, बुलंदशहर, बागपत, फ़तेहपुर में बेटियों के साथ हाल में हुयी दरिंदगी और हर जगह पुलिस प्रशासन का शर्मनाक आचरण, दलितों महिलाओं और किसानों पर अत्याचार, नफरत की राजनीति, मीडिया और राजनेताओं पर पुलिस- प्रशासन के क्रूर हमलों के खिलाफ आज वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने लगभग हर जिले में गांधी प्रतिमाओं पर धरने प्रदर्शन किये तथा मौन अनशन किये। वामपंथी दलों ने मुख्यमंत्री के त्यागपत्र और हाथरस के डीएम और एसपी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

कोरोना काल में हुयी वामपंथ की अनेक कार्यवाहियों में आज की कार्यवाही अभूतपूर्व थी। इतना ही नहीं लगातार कई दिनों से वामपंथी दल और उनके सहयोगी जन संगठन उत्तर प्रदेश में इन वारदातों पर उद्वेलित हैं और लगातार सड़कों पर उतर कर आंदोलित हैं। भले ही मीडिया की उपेक्षा का वे सामना कर रहे हैं।

आज यद्यपि सभी जिलों के वामपंथी पार्टियों एवं जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने दमखम दिखाया लेकिन हाथरस में कर्फ़्यू जैसी पाबंदियों को भेद कर भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा पर पहुँच कर धरना दिया। लखनऊ में अलग अलग स्थानों से गांधी प्रतिमा पर धरना दे रहे वामपंथी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिनमें माकपा राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव, मुकुट सिंह मधु गर्ग एवं माले के लीडर रमेश सेंगर सहित अनेक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें देर शाम रिहा किया गया। भाकपा कार्यकर्ताओं को भी जाने से रोक दिया गया।

कानपुर शहर, उरई, गाजीपुर, सुल्तानपुर, गोरखपुर, सोनभद्र, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, नोइडा, मुरादाबाद, चित्रकूट, बांदा, झांसी, बाराबंकी, गोंडा, कानपुर देहात, बुलंदशहर, कासगंज, लालगंज(आजमगढ़), भदोही, जौनपुर, फैजाबाद, कुशीनगर, शामली, फ़तेहपुर, लखीमपुर खीरी, बदायूं, मैनपुरी, मेरठ, आदि जिलों की सूचना बयान जारी होने तक लिखित रूप में प्राप्त हुयी है।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि हाथरस में प्रशासनिक, पुलिस, भाजपा और जातीय संगठनों का आतंक बना हुआ है। आंदोलन करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस संरक्षण में संगठित गुंडे पत्थर वरसा रहे हैं, नामी गिरामी टीवी चेनलों के एंकर्स और कैमरामैन आदि को न केवल बिटिया के घर जाने से रोका जा रहा है अपितु महिला पत्रकारों से अशोभनीय व्यवहार किया गया है। बिटिया के परिवार को बंधक बना लिया गया है और उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। दुख दर्द बांटने आने वाले राजनेताओं को न केवल रोका जा रहा है बल्कि उनसे मारपीट तक की जा रही है। यह सब राज्य सरकार के दूषित आदेशों के तहत किया जा रहा है। वामपंथी दल इसकी कड़े शब्दों में निन्दा कराते हैं।

वामदलों ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे और बहू बेटियों की सुरक्षा की गारंटी तक संघर्ष जारी रहेगा।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश  

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गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020

यूपी में जंगलराज

 

 

उत्तर प्रदेश बना बलात्कार प्रदेश- बेटियों की सुरक्षा के लिये चिन्तित माँ- बाप

 

हाथरस के बाद अब बलरामपुर सहित कई जगह हुयी दरिंदगी की वारदातें

 

हाथरस की सीमाएं सील, राजनेताओं को घुसने से रोका: लोकतन्त्र तार तार

 

वामदलों ने पुनः मांग की- इस्तीफा दें योगी  आदित्यनाथ

 

कल गांधी प्रतिमाओं पर आक्रोश जतायेंगे वामपंथी दल

 

लखनऊ- 1 अक्तूबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अपने प्रेस बयान में कहा है कि बालिकाओं और महिलाओं से दरिंदगी और उनकी जघन्य हत्याओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल योगी सरकार दरिंदगी के खिलाफ उठ रही हर आवाज को कुचलने पर उतर आयी है।

हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गयी है, 4 से अधिक लोगों को पुलिस इकट्ठा नहीं होने दे रही है, जनपद की सीमायें सील कर दी गईं हैं, हर राजनेतिक व्यक्ति को जनपद में प्रवेश करने से बलपूर्वक रोका जा रहा है, पीड़िता के गाँव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदनायें व्यक्त करने जाने वालों को बलपूर्वक खदेड़ा जा रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सैकड़ों के खिलाफ मुकदमे लिखे जा रहे हैं। बलात्कारों पर खुल कर राजनीति करने वाली राज्य सरकार अब विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। वह पूरी तरह लोकतन्त्र को कुचलने पर आमादा है।

हाथरस की बेटी की चिता की आग अभी ठंडी नहीं हुयी थी कि जनपद बलरामपुर में हाथरस से भी भयानक वारदात हुयी है। जनपद के थाना गैसड़ी के ग्राम मझौली की दलित छात्रा का स्कूल से लौटते समय अपहरण कर लिया, उसके साथ गैंगरेप किया गया, उसके दोनों पैर तोड़ दिये गये, कमर तोड़ दी गयी, इससे पहले मुंह बंद करने के लिये घातक इंजेक्शन ठूंस दिया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत होगयी।

इसके अलावा शाहजहांपुर, बुलंदशहर, आजमगढ़ में भी इसी तरह की जघन्य घटनायें सामने आयी हैं। यूपी में प्रति दिन इसी तरह की लगभग दर्जन भर वारदातें घट रही हैं। हर बेटी के माता पिता अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिये चिन्तित हैं। अन्याय के लिये उठ रही हर आवाज को योगी सरकार पुलिस- प्रशासन के बल पर कुचल रही है।

भाकपा का आरोप है कि यूपी में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों, किसानो और मजदूरों का अलग अलग तरीकों से उत्पीड़न किया जा रहा है। नित रोज उठ रहे मुद्दों को उठाने वाले विपक्ष एवं वामपंथी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह सब उस सरकार को बचाने के लिये किया जा रहा है जो प्रशासन पर से नियंत्रण खो बैठी है, बेटियों और आम आदमी की रक्षा करने में असमर्थ है और नैतिक रूप से पराजित हो चुकी है।

भाकपा वामपंथ की इस मांग को पुनः दोहराती है कि शासन का नैतिक अधिकार खो चुके मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं और उन्हें पद से त्यागपत्र  दे देना चाहिए।

बेटियों को न्याय दिलाने, हर तरह का उत्पीड़न रोके जाने, नफरत की राजनीति और लोकतन्त्र की हत्या से बाज आने आदि सवालों पर उत्तर प्रदेश में वामपंथी दल कल गांधी जयंती पर गांधीजी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने के बाद विरोध प्रदर्शन करेंगे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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