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शनिवार, 6 फ़रवरी 2021

किसान आंदोलन पर हठधर्मिता त्यागे केन्द्र सरकार


सफल रास्ताजाम एवं व्यापक विरोध प्रदर्शन के लिये भाकपा ने किसानों और कार्यकर्ताओं को दी बधाई

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खड़े किए गये तमाम अवरोधों के बावजूद सफल रहा आंदोलन: भाकपा ने दमन की निन्दा की

किसान आंदोलन की आड़ में घोर जनविरोधी और लोकतंतर्विरोधी एजेंडे पर काम कर रही हैं भाजपा सरकारें: डा॰ गिरीश

गन्ना मूल्य घोषित करने और चीनी मिलों पर गन्ने के बकाए को किसानों को दिलाने की मांग भी की गयी

लखनऊ- 6 फरबरी 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल ने आज देश भर में सफलतम चक्का जाम के लिये देश के किसानों- कामगारों को क्रांतिकारी बधाई दी। भाकपा ने उत्तर प्रदेश के भाकपा, अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन एवं वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को विशिष्ट बधाई दी जिन्होने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खड़े किए गए तमाम अवरोधों के बावजूद उत्तर प्रदेश के जिलों जिलों में धरने, प्रदर्शन एवं विरोध सभाएं आयोजित कीं और ज्ञापन सौंपे।

गत रात्रि कुछ किसान नेताओं द्वारा अचानक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं दिल्ली में हाईवे जाम न करने की घोषणा से असमंजस की स्थिति पैदा होगयी थी, लेकिन भाकपा और सहयोगी संगठनों ने पहले से ही धरने/ प्रदर्शन एवं सभा आदि करने का फैसला ले रखा था। अतएव बदली परिस्थिति में भी उसे बरकरार रखा गया।

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिलों के प्रशासन ने जगह जगह इस आंदोलन की राह में रोड़े अटकाये। तमाम नेताओं को अर्दब में लेने की कोशिश की। भाकपा जौनपुर के सचिव का॰ कल्पनाथ गुप्ता को हाउस अरेस्ट करने के बावजूद वहाँ सभा कर ज्ञापन दिये गये। रास्ता जाम स्थगन की दिल्ली से घोषणा के बावजूद उरई में का॰ कैलाश पाठक के नेत्रत्व में सर्वदलीय किसान समर्थक मोर्चे के सैकड़ों कार्यकर्ता हाइवे पर पहुँच गये। वहाँ सभा कर ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। वाराणसी में किसानों के समर्थन में अधिवक्ता, पत्रकार और आम नागरिक उतर आए तो कई जिलों में आदिवासियों ने मोर्चा संभाला। अन्य अनेक जिलों में किसानों के समर्थन में महिलाएं, खेत मजदूर, मजदूर, छात्र एवं नौजवान सड़कों पर उतरे।

राष्ट्रपति को सौंपे गये ज्ञापनों में तीनों क्रषी क़ानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने को कानून बनाने, शहीद किसानों के परिवारों को रु॰ 25- 25 लाख का मुआबजा  दिये जाने, आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमे वापस लिये जाने, गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा किए जाने तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों और विपक्ष के आंदोलनकारियों के विरूध्द की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाही रोके जाने की मांग की गयी।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि देश भर के लोगों का ध्यान किसान आंदोलन पर टिका है और भाजपा सरकारें उसकी आड़ में निरंतर जनता को लूटने के एजेंडे पर काम कर रही है। पेट्रोल, डीजल एवं रसोई की कीमतों में भारी बदोत्तरी कर दी गयी है। वेशकीमती सरकारी संपत्तियों को पूँजीपतियों के हाथों बेचा जा रहा है। गन्ने का 2021 का समर्थन मूल्य घोषित किया नहीं गया और गन्ना सप्लाई पर्चियों पर कीमत के खाने में शून्य लिख कर दिया जा रहा है। पिछले सत्र का किसानों का करोड़ों रुपया चीनी मिलों पर बकाया पड़ा है। सरकार न किसानों की सुन रही है न आमजनों की। आज के ज्ञापनों में इन सवालों को भी उठाया गया।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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