भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

रविवार, 31 अक्तूबर 2021

उत्तर प्रदेश के वामदल फिर गर्म



महंगाई, खाद की किल्लत, धान की खरीद न किये जाने और बेरोजगारी के खिलाफ 9 नवंबर को सड़कों पर उतरेंगे वामदल।

 लखनऊ- 31 अक्टूबर 2021, उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों की एक बैठक आज यहां संपन्न हुयी। बैठक में बर्दाश्त के बाहर जा पहुंची महंगाई, रासायनिक खादों की कमी और काला बाजारी से जूझते किसानों की पीड़ा, धान और अन्य कृषि उपजों की सरकारी खरीद में खड़े किये जारहे अवरोध, बाढ़ और तूफान से हुयी फसल हानि की भरपायी से सरकार की किनाराकशी, युवाओं को रोजगार से वंचित रखने एवं वामदलों और अन्य  की गतिविधियों को पुलिस के बल पर बाधित करने जैसे प्रमुख  सवालों पर आंदोलन को धार देने पर विचार किया गया।
निर्णय लिया गया कि उपर्युक्त सवालों पर आगामी 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश भर में वामदल संयुक्त रूप से जंगजू प्रदर्शन करेंगे। ये प्रदर्शन मुख्य तौर पर खाद बिक्री केन्द्रों, धान खरीद केन्द्रों, तहसीलों अथवा जिला मुख्यालयों पर किये जायेंगे। स्थानानुसार अथॉरिटीज को ज्ञापन सौंपे जायेंगे।
वामदलों ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में रासायनिक खाद की जबर्दस्त किल्लत किसान विरोधी केन्द्र और राज्य सरकार की देन है। अपनी मांगों के लिये 11 माह से जूझ रहे किसानों को सबक सिखाने के उद्देश्य से खाद का अभाव खड़ा किया गया है।  
इसी उद्देश्य से धान आदि फसलों को निर्धारित कीमत पर सरकार द्वारा खरीदा नहीं जा रहा, सरकारी मुलाजिम तमाम बहाने लगा कर उपजों को रिजेक्ट कर रहे हैं और किसान खुले बाजार में आधे से भी कम दामों पर इसे बेचने को लाचार हैं।
वोटों की नशेड़ी सरकार जब अपनी वोटों की फसल उगाने में मस्त है, तब किसान खाद न मिल पाने और फसल न बो पाने से पस्त है। अति वारिश और तूफान से हुयी फसलों की बर्बादी से वह पहले ही हलकान है। संवेदनहीन सरकार द्वारा मुआवजा देना तो दूर हानि का अभी तक सर्वे तक नहीं कराया गया।
खाद की भारी कमी के चलते जगह जगह किसान कई कई दिनों तक लाइनों में लगे हैं, लाइन में खड़े खड़े किसान ने दम तोड़ दिया, उनमें आपसी झगड़े हो रहे हैं, विक्रय एजेंसियों से झगड़े हुये हैं, यहां तक कि खरीद केन्द्रों पर गोलीबारी तक हुयी है और ललितपुर में तो एक किसान ने आत्महत्या तक कर ली।
बड़े पैमाने पर खाद की काला बाज़ारी जारी है। इसे मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है और काला बाजारी रोकने को समिति गठित की है। यह दीगर बात है कि मुख्यमंत्री काला बाजारियों को ठोक नहीं पा रहे, जैसे कि वे तमाम मजलूमों को ठोकवाते रहते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा जमाखोरों और काला बाजारियों की पुश्तैनी पार्टी है।
इस बीच पेट्रोल डीजल रसोई गैस के दाम सातवें आसमान पर पहुंचा दिये गये हैं। एक माह में ही प्रति लीटर 8 रुपये का इजाफा हुआ है। इन बढ़ोत्तरियों से समूचा बाजार महंगाई की चपेट में है। त्यौहारी सीजन में जनता के अरमानों पर पानी फिर गया है।
 बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय सरकार झूठे आंकड़े फैला रही है। बीमारियों से जनता को बचाने में सरकार पूरी तरह फेल है। लोगों के गुस्से और नाराजगी से डरी सरकार वामपंथ और विपक्ष के आंदोलनों में पुलिस बल का दुरुपयोग कर बाधाएं उत्पन्न कर रही है।
अतएव  वामदलों ने 9 नवंबर को सड़कों पर उतरने का निश्चय किया है।
वामदलों ने आगरा में भाजपाइयों द्वारा लगाये गये झूठे आरोपों के आधार पर 3 होनहार कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी, उन पर देशद्रोह के आरोप लगाने तथा उनका भविष्य उजाड़ने की करतूत की कठोरतम शब्दों में निंदा की है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
साथ ही त्रिपुरा में संघ गिरोह द्वारा अल्पसंख्यकों के विरुध्द चलाये जा रहे हिंसक अभियान की तीव्र भर्त्सना करते हुए  जिम्मेदार सभी को कानून के हवाले करने की मांग की है। वामदलों ने रेखांकित किया कि वहां उपस्थित हुयी भयावह स्थिति में वामपंथी दलों ने कारगर हस्तक्षेप किया वहीं अन्य कटटरपंथियों ने अफवाहों को रसद मुहैया करा के अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया। जनता को दोनों से सावधान रहना होगा।
आज की बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी के राज्य सचिव डा. हीरालाल यादव, भाकपा माले के राज्य सचिव का. सुधाकर यादव, आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक के प्रदेश संयोजक का. अभिनव कुशवाहा एवं लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद कुरैशी आदि शामिल थे।
 डा. गिरीश

»»  read more

शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021

खाद दो! धान खरीदो! वरना गद्दी छोड़ दो!



खाद की किल्लत पैदा कर किसानों से बदला लेरही हैं भाजपा सरकारें- भाकपा

शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित न की गयी तो भाकपा खामोश नहीं बैठेगी

 लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में रासायनिक खाद की जबर्दस्त किल्लत किसान विरोधी केन्द्र और राज्य सरकार की देन है। अपनी मांगों के लिये 11 माह से जूझ रहे किसानों को सबक सिखाने के उद्देश्य से खाद का अभाव खड़ा किया गया है। 
इसी उद्देश्य से धान आदि फसलों को निर्धारित कीमत पर सरकारी तौर पर खरीदा नहीं जा रहा और किसान आधे से भी कम दामों पर इसे बेचने को लाचार हैं।
वोटों की नशेड़ी सरकार जब अपनी वोटों की फसल उगाने में मस्त है, तब किसान खाद न मिल पाने और फसल न बो पाने से पस्त है। अति वारिश और तूफान से हुयी फसलों की बर्बादी से वह पहले ही हलकान है।
खाद की भारी कमी के चलते जगह जगह किसान कई कई दिनों तक लाइनों में लगे हैं, उनमें आपसी झगड़े हो रहे हैं, विक्रय एजेंसियों से झगड़े हुये हैं, यहां तक कि गोलीबारी हुयी है और ललितपुर में तो एक किसान ने आत्महत्या तक कर ली।
बड़े पैमाने पर खाद की काला बाज़ारी जारी है। इसे मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है और काला बाजारी रोकने को समिति गठित की है। यह दीगर बात है कि मुख्यमंत्री काला बाजारियों को ठोक नहीं पा रहे, जैसे कि वे तमाम मजलूमों को ठोकवाते रहते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा जमाखोरों और काला बाजारियों की पुश्तैनी पार्टी है।
भाकपा ने चेतावनी दी कि यदि खाद की काला बाजारी तत्काल रोकी न गयी, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया नहीं गया और किसानों की सभी उपजें सरकारी केंद्रों पर खरीदने की व्यवस्था न की गयी तो भाकपा शीघ्र ही खाद बिक्री केन्द्रों और धान क्रय केन्द्रों पर प्रदर्शन करेगी।
डा. गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा,  उत्तर प्रदेश।
29- 10-2021

»»  read more

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

आगरा में वाल्मीकि युवक हत्याकांड


 

भाकपा ने हत्या के आरोप में पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने और

न्यायिक जांच की मांग की

 

लखनऊ- 21 अक्तूबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने आगरा में वाल्मीकि युवक की पुलिस द्वारा हत्या पर गहरा रोष जताते हुये इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। पार्टी ने सभी दोषी पुलिसकर्मियों को हत्या के अभियोग में गिरफ्तार करने और पीड़ित परिवार को रुपए एक करोड़ मुआबजा दिये जाने, पीड़ित परिवार के एक को नौकरी दिये जाने तथा घटना की जांच सर्वोच्च न्यायालय से कराने की मांग की है।

एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि उत्तर प्रदेश सरकार हत्या और दमन की सरकार बन कर रह गयी है। हर दिन प्रदेश में किसी न किसी मजदूर, किसान, दलित, महिला अथवा व्यापारी की हत्या पुलिस या भाजपा पोषित माफियाओं के हाथों होरही है। ऊपर से प्रधानमंत्री डींगें हांक गए हैं कि यूपी में माफिया माफी मांग रहा है। सच कहा जाये तो यूपी जंगलराज में तब्दील होचुका है। थाने में हुयी चोरी के सबूत मिटाने को थाना पुलिस ने यह जघन्य कांड कर डाला। सच तो यह है कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को शासन का बेलगाम गिरोह बना रखा है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहाकि पार्टी राज्य केन्द्र ने भाकपा की जिला आगरा कमेटी को निर्देश दिया है कि पुलिस प्रताड़ना के शिकार वाल्मीकि परिवार को न्याय दिलाने के लिये हर संभव प्रयास करें।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

»»  read more

सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

उत्तर प्रदेश में बारिश से हुयी भारी तवाही की संपूर्ण भरपाई तत्काल करे राज्य सरकार: भाकपा


शासकों के पापों की सजा किसानों को क्यों दे रही है कुदरत? कह रहे हैं पीड़ित किसान

लखनऊ- 18 अक्तूबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में बे- मौसम वारिश से हुयी भीषण तवाही का तत्काल संज्ञान ले और फसल, धन और जनहानि की न्यायोचित भरपाई को शीघ्र कारगर कदम उठाये।

एक प्रेस बयान में भाकपा सचिव मंडल ने कहाकि गत दो दिनों से लगातार होरही भारी वारिश और बिजली गिरने से प्रदेश में कई दर्जन लोगों और पशुधन की जानें चली गईं, सैकड़ों मकान ध्वस्त होगये और खरीफ और रबी की दोनों फसलें बड़े पैमाने पर बर्वाद हुयी हैं। सरकार की नीतियों से पहले ही आर्थिक रूप से खोखले हुये किसानों की तो मानो कमर ही टूट गयी है, और वे कह रहे हैं कि शासकों के पापों की सजा कुदरत किसानों को क्यों दे रही है?

खरीफ फसलों में धान तो पूरी तरह नष्ट होगया है। जो फसल कट गयी वो या तो डूब गयी या बह गयी है, और जो कट नहीं पायी वो पूरी तरह से बिछ गयी है। अब जल जमाव और कीचड़ के चलते उसकी कटायी संभव नहीं है। इसी तरह कार्तिकी बाजरा, अरहर उड़द, मूंग,  ग्वाल आदि खरीफ फसलें भी पूरी तरह विनष्ट होगयीं हैं।

अभी अभी बोयी गयी रबी की फसलों की भी भारी हानि हुयी है। जो आलू बोये जा चुके हैं वे जमीन के अंदर ही गल जाएंगे और जिनकी बोआई के लिए खेत तैयार किए गये थे वो अब कई हफ्ते तक बोये नहीं जा सकेंगे। अभी अभी बोयी गईं सरसों, मटर, पालक, मैथी, मूली,  शलजम, धनियाँ और हाल ही में रोपित टमाटर, बैगन, गोभी आदि की फसलें भी नष्ट हो चुकी हैं।

हालात ये हैं कि इन दोनों फसलों में किसानों ने जो भारी लागत लगाई वो भी डूब चुकी है। उत्तर प्रदेश के अधिकतर किसानों के सामने अगली फसल की बोआई और जीवन- यापन का संकट आ खड़ा हुआ है। वारिश के अभी कई दिनों जारी रहने की संभावना व्यथित करने वाली है। अप्रत्याशित बिजली कटौती से किसान पहले ही परेशान हैं।

भाकपा ने सरकार से कहा कि वह किसानो, मुसलमानों और विपक्ष के खिलाफ चलाये जा रहे अपने झूठे प्रचार की तंद्रा से बाहर आए और धन, जन और फसल हानि की संपूर्ण भरपायी तत्काल करे।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने सफल रेल रोको आंदोलन, जिसको कि भाकपा ने समर्थन प्रदान किया था, के लिये सभी किसान संगठनों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वारिश से बरवादी की तत्काल भरपायी को भी किसान संगठन प्रमुख मुद्दा बनायेंगे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

»»  read more

शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

पुतला दहन की आड़ में भाकपा कार्यकर्त्ताओं की अवैध गिरफ्तारी की निन्दा: तत्काल रिहा हों सभी कार्यकर्ता


लखनऊ- 15 अक्तूबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज उत्तर प्रदेश में बिना किसी अभियोग अथवा वारंट के भाकपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की अवैध गिरफ्तारी और लोकतान्त्रिक गतिविधियों को पुलिस के बल पर बाधित करने की कड़े शब्दों में निन्दा की है। भाकपा ने सभी की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है।  

ज्ञात हो कि लखीमपुर किसान संहार में न्याय हासिल करने और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने कई कार्यक्रमों की घोषणा की है। आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले दहन किये जाने थे। भाकपा ने इन आंदोलनों को नैतिक समर्थन प्रदान किया है।

पुतले दहन से घबराई पुलिस ने कल रात से ही कई भाकपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बिना कोई कारण बताये अथवा बिना वारंट दिखाये घरों से उठाकर थानों में निरुध्द कर दिया। पार्टी कार्यालयों अथवा पुतला दहन के संभावित क्षेत्रों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। लेकिन फिर भी तमाम जगह पुतले जलाये गये और प्रदर्शन कर ज्ञापन दिये गये। भाकपा ने यदि भौतिक समर्थन दिया होता तो यह कार्यवाही और भी जबर्दस्त होती।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य सरकार अपने गुंडों और पुलिस प्रशासन के जरिये किसानों, व्यापारियों और गरीब तबकों की हत्यायेँ करा रही है, वहीं विरोध प्रदर्शन के लिये पुतला दहन जैसी लोकतान्त्रिक गतिविधियों को पुलिस के बल पर रौंद रही है। यही भाजपा जब विपक्ष में थी तो प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का पुतला जलाना इसका सबसे प्रिय शौक था। भाकपा भाजपा के इस दोगलेपन और निरंकुशता की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

»»  read more

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2021

भाकपा प्रतिनिधिमंडल का लखीमपुर एवं बहराइच जनपदों का दौरा कल दिनांक- 8 अक्तूबर को


शहीद किसान और पत्रकार परिवारों का दुख दर्द साझा करेंगे भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राज्य सचिव डा॰ गिरीश एवं अन्य नेतागण 

लखनऊ/ नई दिल्ली- 7 अक्तूबर 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव  डा॰ गिरीश के नेत्रत्व में कल दिनांक- 8 अक्तूबर 2021 को लखीमपुर एवं बहराइच जायेगा।

प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे के हमले में शहीद किसानों और पत्रकार परिवारों से भेंट कर उनका दुख दर्द बांटेगा तथा घटनास्थल का निरीक्षण करेगा।

प्रतिनिधिमंडल में डा॰ गिरीश के अतिरिक्त पार्टी की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य का॰ राजेश तिवारी, राज्य काउंसिल सदस्य का॰ रघुराज सिंह, हरपाल सिंह भोजवाल, मो॰ सलीम, विजय त्रिवेदी, अखिल भारतीय नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष विनय पाठक, किसान नेता गंगासिंह सहित अन्य कई नेता शामिल रहेंगे।


»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य