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रविवार, 31 अक्टूबर 2021

उत्तर प्रदेश के वामदल फिर गर्म



महंगाई, खाद की किल्लत, धान की खरीद न किये जाने और बेरोजगारी के खिलाफ 9 नवंबर को सड़कों पर उतरेंगे वामदल।

 लखनऊ- 31 अक्टूबर 2021, उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों की एक बैठक आज यहां संपन्न हुयी। बैठक में बर्दाश्त के बाहर जा पहुंची महंगाई, रासायनिक खादों की कमी और काला बाजारी से जूझते किसानों की पीड़ा, धान और अन्य कृषि उपजों की सरकारी खरीद में खड़े किये जारहे अवरोध, बाढ़ और तूफान से हुयी फसल हानि की भरपायी से सरकार की किनाराकशी, युवाओं को रोजगार से वंचित रखने एवं वामदलों और अन्य  की गतिविधियों को पुलिस के बल पर बाधित करने जैसे प्रमुख  सवालों पर आंदोलन को धार देने पर विचार किया गया।
निर्णय लिया गया कि उपर्युक्त सवालों पर आगामी 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश भर में वामदल संयुक्त रूप से जंगजू प्रदर्शन करेंगे। ये प्रदर्शन मुख्य तौर पर खाद बिक्री केन्द्रों, धान खरीद केन्द्रों, तहसीलों अथवा जिला मुख्यालयों पर किये जायेंगे। स्थानानुसार अथॉरिटीज को ज्ञापन सौंपे जायेंगे।
वामदलों ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में रासायनिक खाद की जबर्दस्त किल्लत किसान विरोधी केन्द्र और राज्य सरकार की देन है। अपनी मांगों के लिये 11 माह से जूझ रहे किसानों को सबक सिखाने के उद्देश्य से खाद का अभाव खड़ा किया गया है।  
इसी उद्देश्य से धान आदि फसलों को निर्धारित कीमत पर सरकार द्वारा खरीदा नहीं जा रहा, सरकारी मुलाजिम तमाम बहाने लगा कर उपजों को रिजेक्ट कर रहे हैं और किसान खुले बाजार में आधे से भी कम दामों पर इसे बेचने को लाचार हैं।
वोटों की नशेड़ी सरकार जब अपनी वोटों की फसल उगाने में मस्त है, तब किसान खाद न मिल पाने और फसल न बो पाने से पस्त है। अति वारिश और तूफान से हुयी फसलों की बर्बादी से वह पहले ही हलकान है। संवेदनहीन सरकार द्वारा मुआवजा देना तो दूर हानि का अभी तक सर्वे तक नहीं कराया गया।
खाद की भारी कमी के चलते जगह जगह किसान कई कई दिनों तक लाइनों में लगे हैं, लाइन में खड़े खड़े किसान ने दम तोड़ दिया, उनमें आपसी झगड़े हो रहे हैं, विक्रय एजेंसियों से झगड़े हुये हैं, यहां तक कि खरीद केन्द्रों पर गोलीबारी तक हुयी है और ललितपुर में तो एक किसान ने आत्महत्या तक कर ली।
बड़े पैमाने पर खाद की काला बाज़ारी जारी है। इसे मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है और काला बाजारी रोकने को समिति गठित की है। यह दीगर बात है कि मुख्यमंत्री काला बाजारियों को ठोक नहीं पा रहे, जैसे कि वे तमाम मजलूमों को ठोकवाते रहते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा जमाखोरों और काला बाजारियों की पुश्तैनी पार्टी है।
इस बीच पेट्रोल डीजल रसोई गैस के दाम सातवें आसमान पर पहुंचा दिये गये हैं। एक माह में ही प्रति लीटर 8 रुपये का इजाफा हुआ है। इन बढ़ोत्तरियों से समूचा बाजार महंगाई की चपेट में है। त्यौहारी सीजन में जनता के अरमानों पर पानी फिर गया है।
 बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय सरकार झूठे आंकड़े फैला रही है। बीमारियों से जनता को बचाने में सरकार पूरी तरह फेल है। लोगों के गुस्से और नाराजगी से डरी सरकार वामपंथ और विपक्ष के आंदोलनों में पुलिस बल का दुरुपयोग कर बाधाएं उत्पन्न कर रही है।
अतएव  वामदलों ने 9 नवंबर को सड़कों पर उतरने का निश्चय किया है।
वामदलों ने आगरा में भाजपाइयों द्वारा लगाये गये झूठे आरोपों के आधार पर 3 होनहार कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी, उन पर देशद्रोह के आरोप लगाने तथा उनका भविष्य उजाड़ने की करतूत की कठोरतम शब्दों में निंदा की है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
साथ ही त्रिपुरा में संघ गिरोह द्वारा अल्पसंख्यकों के विरुध्द चलाये जा रहे हिंसक अभियान की तीव्र भर्त्सना करते हुए  जिम्मेदार सभी को कानून के हवाले करने की मांग की है। वामदलों ने रेखांकित किया कि वहां उपस्थित हुयी भयावह स्थिति में वामपंथी दलों ने कारगर हस्तक्षेप किया वहीं अन्य कटटरपंथियों ने अफवाहों को रसद मुहैया करा के अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया। जनता को दोनों से सावधान रहना होगा।
आज की बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी के राज्य सचिव डा. हीरालाल यादव, भाकपा माले के राज्य सचिव का. सुधाकर यादव, आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक के प्रदेश संयोजक का. अभिनव कुशवाहा एवं लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद कुरैशी आदि शामिल थे।
 डा. गिरीश

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