सुनियोजित लक्ष्यों पर बुलडोजर
चला कर भय तो उत्पन्न किया जा सकता है, कानून का राज नहीं: डा॰
गिरीश।
लखनऊ- 25 अप्रैल 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सचिव डा॰ गिरीश के
नेत्रत्व में जनपद- इलाहाबाद के थाना- थरवई अंतर्गत ग्राम- खेवराजपुर का दौरा किया
जहां गत 16 अप्रैल को एक पशु व्यापारी सहित उसके परिवार के 5 व्यक्तियों की बर्बर तरीके से हत्या कर घर में आग लगा दी गयी थी।
प्रतिनिधिमंडल में डा॰ गिरीश के अतिरिक्त भाकपा राज्य कार्यकारिणी
सदस्य का॰ नसीम अंसारी, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य सचिव का॰
फूलचंद यादव, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव
का॰ जवाहरलाल विश्वकर्मा तथा इलाहाबाद के भाकपा नेता का॰ रामफेर तिवारी आदि प्रमुख
रूप से शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने वहां पहुँच कर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण
किया, परिवार के एकमात्र शेष सदस्य पशु व्यापारी के युवा पुत्र श्री सुनील सिंह
यादव से भेंट कर उन्हें ढाढस बंधाया तथा निकट संबंधियों व ग्रामवासियों से घटना के
बारे में जानकारी ली।
इलाहाबाद से यहां पहुंचने पर एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य
सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि पशु व्यापारी, उनकी पत्नी, दिव्यांग
बेटी, गर्भवती बहू और एक साल की बेटी की न्रशंस हत्या और हत्या
के पहले की गयी बर्बरता कानून के राज की घनघोर असफलता और राज्य सरकार के माथे पर कलंक
का टीका है। भाकपा इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।
पुलिस और खुफिया तंत्र की इससे बड़ी विफलता क्या हो सकती है कि
घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद भी अपराधियों को पकड़ना तो दूर हत्यारों का सुराग तक
नहीं लगाया जा सका है। इससे पीड़ित परिवार व्यथित, चिंतित और घबराया हुआ है।
म्रत व्यापारी के पुत्र सुनील ने कहाकि मेरे परिवार के हत्यारे जल्द से जल्द पकड़े जाने
चाहिए और हमें न्याय मिलना चाहिये। एक रिश्तेदार महिला ने कहाकि हम चाहते हैं कि जो
हादसा हमारे साथ हुआ है वह किसी अन्य के साथ न हो। इसके लिये जरूरी है कि सभी हत्यारे
जल्द से जल्द जेल के सींखचों के पीछे हों।
उपस्थित ग्रामवासियों ने बताया कि जनपद इलाहाबाद में सन 2017
से अब तक 8 परिवार खत्म कर दिये गये हैं जिनमें 34 का कत्ल हुआ है। इन हत्याओं से पहले
कई में महिलाओं/ बालिकाओं से दरिंदगी तक हुयी। एक अन्य सामूहिक हत्याकांड तो अप्रैल
माह में ही हुआ है। वे कहते हैं कि इन संगीन वारदातों के अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा
होता तो अपराधियों की हिम्मत एक के बाद एक हत्याकांडों को अंजाम देने की न होती। इन
सामूहिक हत्याकांडों के अतिरिक्त जनपद में हर दिन एक दो हत्याएं अथवा संगीन आपराधिक
वारदातें हो रहीं हैं।
इन घटनाओं से इलाहाबाद के नागरिक भयभीत हैं। अकारण सी दिखने
वाली इन वारदातों ने लोगों को अंदर तक हिला दिया है। पुलिस का नाकारापन और विफलता उन्हें
विचलित किए हुये है। यह कानून के राज की विफलता और राज्य सरकार की अक्षमता का प्रतीक
है। जो सरकार सुनियोजित लक्ष्यों पर बुलडोजर चला कर वाहवाही और वोट बटोरती है वह प्रदेश
के नागरिकों के जीवन की रक्षा करने में असमर्थ है। इलाहाबाद या किसी अन्य जगह का नाम
बदलने मात्र से वहां सुशासन कायम नहीं होजाता राज्य सरकार को समझना चाहिए।
भाकपा ने मांग की है कि इस समेत समूचे हत्याकांडों का ‘विश्वास
करने योग्य’ खुलासा जल्द से जल्द किया जाये और अपराधियों को जेल
के सींखचों के पीछे भेजा जाये। उत्तर प्रदेश पुलिस के निकम्मेपन और अहमन्यता को देखते
हुये जरूरी होगया है कि जांच केंद्रीय एजेंसियों को सौंपी जाये। खेवराजपुर हत्याकांड
और आगजनी से विनष्ट परिवार के वारिश सुनील यादव को अपने जीवन को पुनः पटरी पर लाने
के लिये रुपये पचास लाख का आर्थिक अनुदान दिया जाये।
भाकपा ने चेतावनी दी कि प्रदेश के लोगों की जिंदगियाँ समाप्त
करने के इस खेल को भाकपा मूकदर्शक बन देखती नहीं रहेगी और शीघ्र ही इसके खिलाफ सशक्त
आवाज उठायी जाएगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
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