भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल
22, कैसर बाग, लखनऊ- 226001
दिनांक- 1 जुलाई, 2022
प्रकाशनार्थ-
पुलिस कानून हाथ में लेकर अल्पसंख्यको, दलितों और विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित
कर रही है
भाकपा ने निचलौल ( महाराजगंज ) एवं मऊ पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्यवाही
की मांग की
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर
प्रदेश के सचिव मण्डल ने जनपद- महाराज गंज की थाना- निचलौल पुलिस पर कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं
एवं अखिल भारतीय नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष का॰ अमजद शाह को थाने ले जाकर बुरी
तरह पीटे जाने, उन्हें थूक कर चटवाने, सभी
के परिवारों को संगीन केसों में फंसा देने, जेल भेजने और उनके
प्रति सांप्रदायिक भाषा का स्तेमाल करने का आरोप लगाया है। भाकपा ने थानाध्यक्ष का
फौरन तबादला कर उसके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही करने तथा कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं
और उनके परिवारों को उक्त तानाशाह थानाध्यक्ष से बचाने की मांग की है।
भाकपा ने गत 20 जून को मऊ कोतवाली पुलिस द्वारा सीपीएम नेता
का॰ प्रेमनाथ राय के साथ दुर्व्यवहार के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की
मांग भी की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महानिदेशक, उत्तर
प्रदेश पुलिस को लिखे पत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने
कहा है कि जनपद- महाराज गंज के थाना- निचलौल की पुलिस 29 जून 2022 को भारी संख्या
में पुलिस बल के साथ देर शाम ग्राम- जयश्री पहुंची और अखिल भारतीय नौजवान सभा
उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, महाराजगंज के सह सचिव कामरेड अमजद शाह सहित रोहित,
समीर एवं अखिलेश भारती को गिरफ्तार कर थाना निचलौल ले आयी।
उन सभी का कथित कसूर यह था कि उन्होने कुछ अन्य नौजवान सभा
कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर अखिल भारतीय नौजवान सभा ( AIYF )
के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत अपने ही गांव जयश्री में शाम 5 बजे
विवादास्पद ‘अग्निपथ/ अग्निवीर योजना’
का पुतला जला कर लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध जताया था।
थानाध्यक्ष निचलौल श्री रामाज्ञा सिंह ने थाने ले जाकर
उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दीं, बुरी तरह पीटा और सभी को लाक अप में बंद कर
दिया। उनके मोबायल फोन भी छीन लिए गये।
हद तो तब हो गयी जब अगले दिन 30 जून 2022 को सुबह 8. 00 बजे
थानाध्यक्ष रामाज्ञा सिंह ने अमजद शाह, रोहित समीर एवं अखिलेश
भारती को लाकर से निकाल कर अपने कार्यालय में ले जाकर नंगा कराके पट्टा और जूतों
से बुरी तरह मारा पीटा। इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने अमजद शाह को थूक कर चटवाया और
कहा कि साले कटुये पाकिस्तान बनाना चाहते हो, बहुत जल्दी ही
तुम गोली से उड़ा दिये जाओगे आदि। इसके बाद उन्हें फिर से लाकर में बन्द कर दिया
गया।
इसके दो घंटे बाद सभी को डाक्टरी परीक्षण के नाम पर
स्वास्थ्य केन्द्र निचलौल ले जाया गया। अमजद शाह ने डाक्टर को सारी चोटें दिखाईं।
मगर पुलिस के दबाव में डाक्टर चोटें दर्ज करने को तैयार नहीं था। मनमाना लिख कर
कागजों पर जबर्दस्ती हस्ताक्षर कराने और अंगूठा लगाने की कोशिश की गयी और जब नहीं
किया तो पुलिस अमजद शाह के छोटे भाई सद्दाम को पकड़ लायी और उसे भी बुरी तरह मार
पीट कर डाक्टरी परीक्षण के कागजातों पर दस्तखत करने और कराने को बाध्य किया गया।
समस्त कागजातों पर हस्ताक्षर करा के थानाध्यक्ष ने धमकी दी कि सरकार के खिलाफ जा
रहे हो, सारे परिवार का जीवन बरवाद कर देंगे। अगर हमारे खिलाफ कुछ भी बोला- बताया
तो सभी के परिवारों को संगीन दफाओं में मुकदमे लगा कर जेल में डाल देंगे।
थानाध्यक्ष निचलौल का एक एक वाक्य और कदम इस बात का परिचायक
है कि वह सांप्रदायिक मानसिकता से ओतप्रोत एक तानाशाह रवैये का अधिकारी है जो खुद
कानून को तोड़ता है।
उपर्युक्त सभी पेशबंदियाँ कर और सभी को आतंकित कर चारों का
शान्ति भंग के आरोप में चालान कर दिया गया, जिन्हें परिवारी जनों ने जमानत पर छुड़ा
लिया है। सभी के परिवार पुलिस के भय और किसी अनहोनी की आशंका से असुरक्षित महसूस
कर रहे हैं।
आपके संज्ञान में यह भी लाना उचित समझता हूं कि गत 20 जून
को मऊ जनपद के मऊ कोतवाली की पुलिस मऊ स्टेशन से सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य
कामरेड प्रेमनाथ राय को पकड़ ले गयी, उनके चांटा मारा और परिचय देने पर कहा कि
कम्युनिस्ट तो देशद्रोही होते हैं। भाकपा और माकपा के स्थानीय नेताओं ने जब वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तब प्रेम नाथ राय को छोड़ा गया।
अनेक उदाहरण हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिस राजनीतिक
द्रष्टिकोण से काम कर रही है और वह अल्पसंख्यकों, दलितों, उनके पक्ष में आवाज उठाने वाले वामपंथी कार्यकर्ताओं और विपक्षियों को
निशाना बना रही है। राजनैतिक कार्यकर्ताओं के साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर खुद
कानून हाथ में ले रही है। यह लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के लिये घातक है।
भाकपा राज्य सचिव ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अनुरोध
किया है कि थानाध्यक्ष- निचलौल ( महाराजगंज ) का वहाँ से तत्काल स्थानांतरण कर
उनके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही की जाये। कामरेड अमजद शाह और अन्य पर दर्ज किया
गया मुकदमा रद्द किए जाये, और उनके परिवारों की थानाध्यक्ष निचलौल से
सुरक्षा की जाये। साथ ही साथी प्रेमनाथ राय से दुर्व्यवहार करने वाले मऊ कोतवाली
के दोषी पुलिसकर्मियों को भी दंडित किया जाये।
मानवाधिकारों की सुरक्षा, राजनैतिक कार्यकर्ताओं के
सम्मान और जान की रक्षा, लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के प्रति
विश्वास के लिये यह अति आवश्यक है, भाकपा राज्य सचिव ने पत्र
में लिखा है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश
9412173664, 7055893132
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