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शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

लोकपाल मुद्दे पर बर्द्धनकी भूख हडताल










भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव ए.बी.बर्द्धन ने उच्च पदों पर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये संसद के आगामी शीतकालीन सत्र मे ही एक मजबूत एवं असरदार लोकपाल विधेयक पारित करने और बढती महंगायी पर तुरंत अंकुश लगाने की मांग की है।

श्री बर्द्धन ने उक्त दोनों मांगों को लेकर आज यहां जंतर मंतर पर पार्टी नेताओं के साथ 24 घंटे की भूखहडताल शुरू की-यद्यपि इस मौके पर उन्होंने साफ किया कि भ्रष्टाचार केवल लोकपाल विधेयक से ही नहीं खत्म होगा और विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों का कालाधन वापस लाने के साथ काला धन पैदा कर रही आर्थिक वित्तीय नीतियों मे बदलाव की भी लडायी लडनी होगी।

आक्यूपाई वाल स्ट्रीट-के नारे के साथ कारपोरेट लोभ के खिलाफ शुरू हुये आंदोलन में अमरीका तथा दुनिया के अनेक देशों मे संघर्ष के गांधीवादी रास्ते के इस्तेमाल के बाद अब एक कम्युनिस्ट नेता की अगुवायी मे आज देश भर में जिला एवं प्रखंड स्तर तक हो रही भूख हडताल को लोकपाल विधेयक के सवाल पर 74 वर्षीय समाजसेवी अन्ना हजारे के हाल के आमरण अनशन की अगली कडी माना जा रहा है 1 वे 86 वर्षीय भाकपा महासचिव की यह छठी भूख हडताल है और 1952 में तो कैदियों पर पुलिस हमले के विरोध मे रायपुर जेल में उनकी अनिश्चितकालीन भूख हडताल 45 दिन तक चली थी।

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