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शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

इन उत्तर प्रदेश के "पार्थों" के खिलाफ कब कार्यवाही होगी? भाकपा


उत्तर प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली

भाकपा ने घोटालों की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की

 

लखनऊ- 29 जुलाई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों से पूछा है कि उत्तर प्रदेश के “पार्थों” के विरूध्द ईडी ( ED ) की कार्यवाही कब होगी? कब उत्तर प्रदेश में सरकार और प्रशासन में बैठे और नित नये घोटालों के लिये जिम्मेदारों संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा?

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा सचिव मंडल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में तबादलों, नियुक्तियों, सरकारी खरीद और निर्माण कार्यों में गंभीर भ्रष्टाचार और धांधली की खबरें निरंतर सार्वजनिक हो रही हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा हाल ही में उद्घाटित बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे में तो पहली बरसात में ही अनेकों खाइयां पैदा हो गयीं। लेकिन इन सारे मामलों पर केन्द्र और प्रदेश की सरकारें चुप्पी साधे बैठीं हैं। इनके जिम्मेदारों पर न तो ईडी की कार्यवाही हुयी न ही इनके विरूध्द कहीं बुलडोजर गरजते दिखा।

इतना ही नहीं अब फसल बीमा करने वाली कंपनियों द्वारा किसानों की लूट का भी पर्दाफाश हो चुका है। किसानों को मुफ्त बिजली देने के वायदे से मुकर चुकी सरकार अब उन्हें बरवाद करने को विद्युत मीटर लगा रही है। हैरान करने वाली बात है कि बहु-प्रचारित सीएम पोर्टल तक से शिकायतें गायब कर दी जाती हैं। भाजपा में अनेक लोग ऐसे शामिल हो गये जिन्होने सपा एवं बसपा सरकारों में रहते भ्रष्टाचार के जरिये अवैध और अकूत संपत्तियों का पहाड़ खड़ा कर लिया। इन सब मामलों पर भाजपा सरकारों की चुप्पी परेशान करने वाली है। चन्द माफियाओं को छोड़ उत्तर प्रदेश में ईडी और बुलडोजर या तो विपक्षियों पर हमलावर हैं या फिर आम लोगों पर।

भाकपा ने कहा कि भ्रष्टाचार और घोटालों के ये मामले उजागर हो चुके हैं, कोई दबे- छिपे  नहीं हैं। अतएव भाकपा मांग करती है कि जनहित में भ्रष्टाचार के इन मामलों की न्यायिक जांच कराई जाये और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित कर कड़ी कार्यवाही की जाये।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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रविवार, 24 जुलाई 2022

हाथरस: कांबड़ियों की मौत- भाकपा राज्य सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया


कांबड़ियों की मौत प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का परिणाम: भाकपा

आस्थावानों को उकसा कर उन्हें राम भरोसे छोड़ देती है सरकार

लखनऊ- 24 जुलाई,2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश आज हाथरस जनपद के थाना- सादाबाद अंतर्गत अलीगढ़- आगरा मार्ग पर ग्राम बढ़ार के निकट उस स्थल पर पहुंचे जहां 22/ 23 जुलाई की मध्यरात्रि को एक डंफर ने कांबड़ियों के एक जत्थे को कुचल दिया था। इस दर्दनाक हादसे में ग्वालियर जनपद के पाँच कांबड़ियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था, एक अन्य की अस्पताल में मौत होगयी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।

डा॰ गिरीश ने घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया, मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों से वार्ता की और घटना के बाद की जा रही कथित और खोखली सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रशासन ने यद्यपि घटनास्थल के अधिकांश सबूत हटा दिये हैं लेकिन पसरे पड़े खून के धब्बे और बिखरी पड़ी धार्मिक सामग्री घटना की वीभत्स कहानी आज भी बयां कर रहे हैं।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव ने 6 शिव भक्तों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख जताया और शोक संतप्त उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। भाकपा ने प्रत्येक म्रतक के परिवार को रुपये 50 लाख का मुआबजा दिये जाने तथा गंभीर रूप से घायलों को रुपये 10 लाख दिये जाने की मांग की है। समूचे प्रकरण और अव्यवस्थाओं की उच्चस्तरीय जांच कराने और ज़िम्मेदारी मुकर्रिर कर दंडित किए जाने की मांग की है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि इस घटना से पहले जनपद में प्रशासन ने सुरक्षा संबंधी कोई कदम नहीं उठाये। 15 जुलाई को भी जनपद में हुयी एक दुर्घटना में दो काबड़िए दुर्घटना में घायल हुये थे लेकिन प्रशासन मगरूर बना रहा। कल की दुर्घटना के बाद प्रशासन ने बदहवाशी में जो कथित वैरीकेडिंग कराई और वो उखड़ भी गयी। गांव मीतई पर उखड़ी पड़ी वैरीकेडिंग के फोटो उनके पास हैं, डा॰ गिरीश ने दावा किया है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और भाजपा राजनैतिक उद्देश्यों से कांबड़ियों को भीड़ बना कर निकल पड़ने को उकसाती है। वह दलित पिछड़े और अन्य बेरोजगार युवाओं को अपनी वोट की राजनीति का ईंधन बनाती है। उन पर हेलिकॉप्टरों से फूल वर्षा कराती है और तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं करने के दाबे करती है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्थाएं की नहीं जातीं। फलतः हर वर्ष दर्जनों कांबड़िए जान से हाथ धो बैठते हैं और दुर्घटनाओं की प्रतिक्रिया में वाहन और अन्य संपत्तियों को नष्ट कर दिया जाता है। एक एक शिव भक्त दसियों हजार खर्च कर बैठता है और व्यापारी उनसे खूब लाभ उठाते हैं।

आज ही अखबारों में प्रकाशित यह खबर झकझोरने वाली है कि मुख्यमंत्री जी के आदेश पर मेरठ और सहारनपुर मंडल में कांबड़ियों पर हेलीकोप्टर्स से फूल वर्षा की जायेगी। प्रदेश में लगभग दर्जन भर कांबड़ियों की मौत के बावजूद ये जश्न उस सरकार के लिए शर्म की बात है, जो हिंदूवादी होने का दावा करती है। भाकपा दुख की इस घड़ी में पुष्पवर्षा के इस जश्न को तत्काल रद्द करने की मांग करती है।

भाकपा ने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाएँ रात्रि में घटित होती हैं, अतएव रात में या तो कांबड़ यात्रा बंद रखी जाये या फिर वाहन चालन रोका जाये। सबसे महत्वपूर्ण है कि शासक दल को अपने निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिये शिव भक्तों की आस्था के दोहन से बाज आना चाहिए। प्रबुध्द लोग अच्छी तरह जानते हैं कि शासक वर्ग इन आस्थापर्वों को उत्साहित कर महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार और अराजकता जैसे मुद्दों से आमजनों का ध्यान बँटाना चाहते हैं।

इस विजिट में डा॰ गिरीश के साथ का॰ नाहर सिंह, हिमांशु एवं मोहम्मद नासिर साथ थे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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बुधवार, 6 जुलाई 2022

केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार की जनता को कुचलने वाली नीतियों को उजागर करेंगे वामपंथी और जनवादी दल


वामपंथी एवं जनवादी दलों का राज्य स्तरीय सम्मिलन संपन्न

बुलडोजरवाद, पुलिस उत्पीड़न, वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले, संविधान और लोकतन्त्र को कुचलने, महंगाई, बेरोजगारी, अल्पसंख्यकों के प्रति जहरीली आक्रामकता, जाति आधारित गणना, विधायक निधि में अनावश्यक बढ़ोत्तरी  तथा अग्निवीर योजना आदि सवालों पर संयुक्त अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।  

लखनऊ- 6 जुलाई 2022, उत्तर प्रदेश के चार वामपंथी दलों और लगबाग दो दर्जन जनवादी पार्टियों के प्रतिनिधियों का एक राजनीतिक सम्मिलन (Political Meet) आज यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के क़ैसर बाग स्थित राज्य कार्यालय पर संपन्न हुआ। सम्मिलन में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा  माले, फारबर्ड ब्लाक, लोकतान्त्रिक जनतादल एवं दो दर्जन छोटे दलों के प्रतिनिधि शामिल हुये। बैठक की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने की।  

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश की भांति ही उत्तर प्रदेश भी आज आजादी के बाद के सबसे गहरे संकट से गुजर रहा है। डबल इंजिन की सरकार की नीतियों और कारगुजारियों ने आम जनता को गहरे संकट में डाल दिया है। अर्थव्यवस्था चरमराई हुयी है। उससे निपटने के नाम पर जनता के ऊपर भारी बोझ लादा जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर, कई कई छद्म टैक्स आरोपित कर, महंगाई बढ़ा कर और युवाओं को बेरोजगार बना कर चंद पूँजीपतियों को मालामाल किया जा रहा है। आम जनता अपार कष्ट भोगने को मजबूर है, और उसका यह आक्रोश छोटी मोटी अनेक असंगठित और स्वतःस्फूर्त कार्यवाहियों में जाहिर हो रहा है। लेकिन यह अभी कोई संगठित रूप नहीं ले पा रहा। जनविरोधी और कारपोरेटपरस्त केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें इस आक्रोश को भांप रही हैं। अतएव हर क्षण आक्रोश को भटकाने और दबाने के षडयंत्रों में जुटी हैं। अपने इन्हीं हथकंडों से वह जनता की आकांक्षाओं को पलीता लगा कर नये नये एजेंडे थोप रही हैं। विपक्षी और वामपंथी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार नियमित नौकरियाँ छीनी जा रही हैं और बेरोजगारी अप्रत्याशित स्तर तक पहुंच गयी है। सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार जून महीने में ही बेरोजगारों की कतार में एक करोड़ तीस लाख लोग जुड़ गए। केन्द्र सरकार ने अब अग्निपथ/ अग्निवीर योजना लागू कर सरकार ने देशभक्त और बेरोजगार युवाओं पर बड़ा हमला बोला है। यह देश की सुरक्षा से खिलबाड़ भी है। विरोध करने पर युवाओं के आंदोलन को बुरी तरह कुचला गया है और उन्हें जेलों में डाला गया।

उत्तर प्रदेश सरकार जनता के व्यापक हिस्सों से उठ रही मांगों से भाग रही है। भाजपा ने दलितों और पिछड़ों को जाति- धर्म के नाम पर बरगला कर उनका वोट हासिल कर सरकारें तो बना लीं, पर अब वह उनकी समस्याओं के निदान और सामाजिक न्याय के सवाल से मुंह चुरा रही है। इसीलिए केन्द्र और राज्य सरकारें जाति आधारित जनगणना और गणना कराने में निरंतर टालमटोल कर रही हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर जातीय गणना कराने की मांग निरंतर उठ रही है। व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायक निधि को बढ़ा कर 5 करोड़ रुपए कर दिया है। जन कल्याण की योजनाओं के धन में कटौती कर विधायकों को मालामाल बनाया जा रहा है।

महंगाई पहले ही सातवें आसमान पर है और अब जिम्मेदार संस्थाओं ने विकास दर के नीचे जाने और महंगाई को छप्पड़ फाड़ कर आगे जाने की भविष्यवाणियाँ की हैं। डालर के मुक़ाबले रुपए की कीमत निरंतर गिर रही है। सरकार देश की जीडीपी का 83 प्रतिशत कर्ज ले चुकी है और आज आहार नागरिक पर लगभग रुपये 99 का कर्ज चढ़ा है। चंद कार्पोरेट्स घरानों की संपत्तियों में गहरा इजाफा हुआ है जबकि गरीबी के नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुयी है। जनता का जीवन संकट में आ गया है और कई किसानों और अन्य लोगों ने धनाभाव से पीड़ित हो स्वयं अथवा परिवारों सहित आत्महत्याएं की हैं। रोजगार देने वाली परंपरागत योजनाओं से मुकरने, मनरेगा को सीमित करने, भर्ती जाम और सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से बेरोजगारी ने युवाओं और मजदूरों को भुखमरी के गर्त में धकेल दिया है।

सरकारों का पीछा कर रही समस्याओं से ध्यान हटाने को सत्ता की ताकत से चूर संघ परिवार द्वारा नफरत और विभाजन पर आधारित अपनी अल्पसंख्यक विरोधी विचारधारा को सरकारों के जरिये अमल में लाने से आज अल्पसंख्यकों के खिलाफ भारी घ्रणा अभियान चलाया जा रहा है। इसकी कीमत देश प्रदेश की जनता को पर चुकानी पड़ रही है। ज्वलंत समस्याओं से आक्रोशित जनमानस को बुलडोजर चला कर और पुलिस को दमन की खुली छूट दे कर भयाक्रांत किया जा रहा है। महिलाओं दलितों और कमजोर तबकों पर अत्याचार सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। वामपंथी और अन्य जनवादी शक्तियों और शख़्सियतों पर पुलिस के हमले तेज हुये हैं। राजनीति से प्रेरित इस तमाम दमनचक्र के बावजूद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जरतम स्थिति में है।

इस सम्मिलन में आगे मिल कर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सबसे पहले जनता के ज्वलंत सवालों पर संयुक्त क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाएँगे। पहला सम्मेलन अगस्त माह में वाराणसी में आयोजित किया जायेगा जिसमें अभियान की आगे की रूपरेखा भी प्रस्तुत की जाएगी।

अभियान के संचालन हेतु एक समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया जिसका नाम वामपंथी दलों और जनवादी शक्तियों की समन्वय समिति” रखा गया।

सम्मिलन में चर्चा का शुभारंभ डा॰ गिरीश ने किया। चर्चा में डा॰ हीरा लाल यादव, सुधाकर यादव, उदय राज सिंह, डी के यादव, जुबेर अहमद, पूर्व विधायक इम्तियाज़ अहमद, मधु गर्ग, अरुण सिंह, पूर्व विधायक राम लाल, अरविंद राज स्वरूप, प्रेम नाथ राय, रमेश सेंगर, अशोक मिश्रा आदि ने भाग लिया।

जारी द्वारा

डा॰ गिरीश

 

 

 

 

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शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

CPI on Police atrocities in UP

 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल

22, कैसर बाग, लखनऊ- 226001

दिनांक- 1 जुलाई, 2022

प्रकाशनार्थ-

पुलिस कानून हाथ में लेकर अल्पसंख्यको, दलितों और विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है

भाकपा ने निचलौल ( महाराजगंज ) एवं मऊ पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मण्डल ने जनपद- महाराज गंज की थाना- निचलौल पुलिस पर कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं एवं अखिल भारतीय नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष का॰ अमजद शाह को थाने ले जाकर बुरी तरह पीटे जाने, उन्हें थूक कर चटवाने, सभी के परिवारों को संगीन केसों में फंसा देने, जेल भेजने और उनके प्रति सांप्रदायिक भाषा का स्तेमाल करने का आरोप लगाया है। भाकपा ने थानाध्यक्ष का फौरन तबादला कर उसके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही करने तथा कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को उक्त तानाशाह थानाध्यक्ष से बचाने की मांग की है।

भाकपा ने गत 20 जून को मऊ कोतवाली पुलिस द्वारा सीपीएम नेता का॰ प्रेमनाथ राय के साथ दुर्व्यवहार के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महानिदेशक, उत्तर प्रदेश पुलिस को लिखे पत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा है कि जनपद- महाराज गंज के थाना- निचलौल की पुलिस 29 जून 2022 को भारी संख्या में पुलिस बल के साथ देर शाम ग्राम- जयश्री पहुंची और अखिल भारतीय नौजवान सभा उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, महाराजगंज के सह सचिव कामरेड अमजद शाह सहित रोहित, समीर एवं अखिलेश भारती को गिरफ्तार कर थाना निचलौल ले आयी।

उन सभी का कथित कसूर यह था कि उन्होने कुछ अन्य नौजवान सभा कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर अखिल भारतीय नौजवान सभा ( AIYF ) के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत अपने ही गांव जयश्री में शाम 5 बजे विवादास्पद अग्निपथ/ अग्निवीर योजना का पुतला जला कर लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध जताया था।

थानाध्यक्ष निचलौल श्री रामाज्ञा सिंह ने थाने ले जाकर उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दीं, बुरी तरह पीटा और सभी को लाक अप में बंद कर दिया। उनके मोबायल फोन भी छीन लिए गये।

हद तो तब हो गयी जब अगले दिन 30 जून 2022 को सुबह 8. 00 बजे थानाध्यक्ष रामाज्ञा सिंह ने अमजद शाह, रोहित समीर एवं अखिलेश भारती को लाकर से निकाल कर अपने कार्यालय में ले जाकर नंगा कराके पट्टा और जूतों से बुरी तरह मारा पीटा। इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने अमजद शाह को थूक कर चटवाया और कहा कि साले कटुये पाकिस्तान बनाना चाहते हो, बहुत जल्दी ही तुम गोली से उड़ा दिये जाओगे आदि। इसके बाद उन्हें फिर से लाकर में बन्द कर दिया गया।

इसके दो घंटे बाद सभी को डाक्टरी परीक्षण के नाम पर स्वास्थ्य केन्द्र निचलौल ले जाया गया। अमजद शाह ने डाक्टर को सारी चोटें दिखाईं। मगर पुलिस के दबाव में डाक्टर चोटें दर्ज करने को तैयार नहीं था। मनमाना लिख कर कागजों पर जबर्दस्ती हस्ताक्षर कराने और अंगूठा लगाने की कोशिश की गयी और जब नहीं किया तो पुलिस अमजद शाह के छोटे भाई सद्दाम को पकड़ लायी और उसे भी बुरी तरह मार पीट कर डाक्टरी परीक्षण के कागजातों पर दस्तखत करने और कराने को बाध्य किया गया। समस्त कागजातों पर हस्ताक्षर करा के थानाध्यक्ष ने धमकी दी कि सरकार के खिलाफ जा रहे हो, सारे परिवार का जीवन बरवाद कर देंगे। अगर हमारे खिलाफ कुछ भी बोला- बताया तो सभी के परिवारों को संगीन दफाओं में मुकदमे लगा कर जेल में डाल देंगे।

थानाध्यक्ष निचलौल का एक एक वाक्य और कदम इस बात का परिचायक है कि वह सांप्रदायिक मानसिकता से ओतप्रोत एक तानाशाह रवैये का अधिकारी है जो खुद कानून को तोड़ता है।

उपर्युक्त सभी पेशबंदियाँ कर और सभी को आतंकित कर चारों का शान्ति भंग के आरोप में चालान कर दिया गया, जिन्हें परिवारी जनों ने जमानत पर छुड़ा लिया है। सभी के परिवार पुलिस के भय और किसी अनहोनी की आशंका से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

आपके संज्ञान में यह भी लाना उचित समझता हूं कि गत 20 जून को मऊ जनपद के मऊ कोतवाली की पुलिस मऊ स्टेशन से सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य कामरेड प्रेमनाथ राय को पकड़ ले गयी, उनके चांटा मारा और परिचय देने पर कहा कि कम्युनिस्ट तो देशद्रोही होते हैं। भाकपा और माकपा के स्थानीय नेताओं ने जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तब प्रेम नाथ राय को छोड़ा गया।

अनेक उदाहरण हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिस राजनीतिक द्रष्टिकोण से काम कर रही है और वह अल्पसंख्यकों, दलितों, उनके पक्ष में आवाज उठाने वाले वामपंथी कार्यकर्ताओं और विपक्षियों को निशाना बना रही है। राजनैतिक कार्यकर्ताओं के साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर खुद कानून हाथ में ले रही है। यह लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के लिये घातक है।

भाकपा राज्य सचिव ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अनुरोध किया है कि थानाध्यक्ष- निचलौल ( महाराजगंज ) का वहाँ से तत्काल स्थानांतरण कर उनके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही की जाये। कामरेड अमजद शाह और अन्य पर दर्ज किया गया मुकदमा रद्द किए जाये, और उनके परिवारों की थानाध्यक्ष निचलौल से सुरक्षा की जाये। साथ ही साथी प्रेमनाथ राय से दुर्व्यवहार करने वाले मऊ कोतवाली के दोषी पुलिसकर्मियों को भी दंडित किया जाये।

मानवाधिकारों की सुरक्षा, राजनैतिक कार्यकर्ताओं के सम्मान और जान की रक्षा, लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के प्रति विश्वास के लिये यह अति आवश्यक है, भाकपा राज्य सचिव ने पत्र में लिखा है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश  

9412173664, 7055893132

 

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