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शनिवार, 22 मई 2010

सड़क परिवाहन श्रमिकों का अखिल भारतीय विराट धरना

२३ अप्रैल २०१० को नेशनल फेडरेशन ऑफ इण्डियन रोड ट्रान्सपोर्ट वर्कर्स (एन।एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू.) के आह्वान पर देश के हर कोने से आये हजारों सड़क परिवहन श्रमिकों ने नई दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अखिल भारीतय विराट धरना आयोजित किया। इनमें से अधिकांश राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों के श्रमिक थे, जबकि शेष निजी क्षेत्र के यात्री सड़क परिवहन एवं माल सड़क परिवहन के श्रमिक थे।ईशर सिंह, बी. रामाराव, बल्देव सिंह, घनघस एवं एच.वी. अनन्त सुब्बाराव की अध्यक्ष मण्डली ने धरने का संचालन किया।एन.एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू. के महसचिव एम.एल. यादव ने धरने का उद्घाटन करते हुए प्रगतिशील वैकल्पिक राष्ट्रीय सड़क परिवहन नीति एवं अन्य महत्वपूर्ण मांगों के बारे में 16 नवम्बर, 2007 को सकारात्मक विचार करने के लिए प्रस्तुत किये गये ज्ञापन की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करके इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि ना तो अभी तक हमारे प्रस्तावों को स्वीकार किया गया है और ना ही हमारे प्रतिनिधियों को बातचीत के लिये बुलाया गया है। उन्होंने रेखांकित किया कि एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार देश के 70 प्रतिशत लोगों की परिवहन आवश्यकता को पूरा करने के लिए 6,72,000 बसों की जरूरत है, किन्तु इस समय सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र दोनों के पास केवल 2,75,000 बसें ही मौजूद हैं। इस तरह 3,97,000 बसों की कमी है। उन्होंने राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों की भूमिका में माल परिवहन की गतिविधियों को जोड़ते हुए देश के लोगों की परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिये इन संस्थानों को मजबूत एवं विस्तारित करने काअनुरोध किया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के यात्री एवं माल परिवहन दोनों में कार्यरत लगभग दो करोड़ असंगठित श्रमिक वेतन, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं अन्य सुविधाओं के सम्बन्ध में अलग-अलग बन्धनमुक्त नियोक्ताओं के निर्दयतापूर्ण शोषण के शिकार हैं। उन्होंने बताया कि एन.एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू. द्वारा सड़क परिवहन श्रमिकों के विभिन्न केन्द्रीय श्रमिक संगठनो को एक संयुक्त मोर्चे में लोने की पहल की जायेगी ताकि केन्द्र/राज्य सरकारों की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त संघर्ष किया जा सके।सांसद एवं एटक के महासचिव गुरुदास दास गुप्ता ने अपने सम्बोधन में केन्द्र सरकार के कई जन विरोधी कदमों को जिक्र करते हुये देश के सड़क परिवहन श्रमिकों का आह्वान किया कि वे देश की जनता एवं श्रमिक संगठनों पर केन्द्र सरकार के आने वाले तीव्र हमलों का मुकाबला करने के लिये बड़े संयुक्त संघर्ष की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि आई.पी.एल. क्रिकेट के नाम पर लाखों करोड़ रुपयों की लूट हो रही है, किन्तु गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों सहित आम मेहनतकशों की समस्याओं पर ध्यान दनेे की फुर्सत केन्द्र सरकार को नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार कीजनविरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। धरनार्थियों को ईशर सिंह, बी. रामाराव, बल्देव सिंह घनघस, एच.वी. अनन्त सुब्बाराव, आर.एल. डोगरा एवं निर्मल सिंह धालीवाल आदि ने भीसम्बोधित किया। धरना प्रारम्भ होने से पूर्व राजाराम त्यागी ने सभ सहभागियों का स्वागत किया।केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किये गये ज्ञापन में पूर्व में प्रस्तुत प्रगतिशील वैकल्पिक राष्ट्रीय सड़क परिवहन नीति के अलावा निम्न अन्य मांगों को दोहराया गया है:1. राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों को उनकी आवश्यकता के अनुसार आसान ऋण देने के लिये राष्ट्रीय विकास वित्त निगम स्थापित किया जाये।2. मजबूत सड़कों का विस्तार करते हुये उनकी पर्याप्त सामयिक मरम्मत की व्यवस्था की जाये।3. राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों को आपूर्ति किये जाने वाले डीजल, ऑयल एवं बस चैसिस आदि पर आबकारी शुल्क समाप्त किया जाये।4. निजी क्षेत्र के सड़क परिवहन श्रमिकों को उनकी नियोजित संख्या को दरकिनार करके, उन्हें उनके कार्यस्थानों पर उपलब्ध ई.एस.आई. योजना के माध्यम से चिकित्सा सुविधा दी जाये। यदि उनके कार्यस्थानों पर ई.एस.आई. योजना उपलब नहीं है, तो ऐसे सड़क परिवहन श्रमिकों को उनके नियोजकों या केन्द्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा चिकित्सा सुविधा दी जाने की व्यवस्था की जाये।5. निजी क्षेत्र के सड़क परिवहन श्रमिकों के लिये केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजनायें बनायी जायें।6. सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र दोनों के सड़क परिवहन श्रमिकों के टेªड यूनियन अधिकारों एवं लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की जाये। ज्ञापन में निम्न अनुरोध किया गया हैः(अ) हमारे प्रगतिशील वैकल्पिक राष्ट्र सड़क परिवहन नीति दस्तावेज को स्वीकार किया जाये या इस बारे में कोई समय गंवाये बिना हमारे प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श करने के लिये संयुक्त बैठक आयोजित की जाये, ताकि बारहवीं पंचवर्षीय योजना के मूर्तरूप लेने से पहले उसमें देश के लोगों के अनुकूल, सस्ती, सुरक्षित एवं प्रदूषणमुक्त प्र्रगतिशील सड़क परिवहन सेवायें देने के लिये उपयुक्त प्रावधान जोड़े जा सकें।(ब) उपरोक्त अन्य मांगों पर भी तत्काल सकरात्मक विचार किया जाये। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री कमलनाथ द्वारा एन.एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू. के प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया गया कि शीघ्र ही सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एन.एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू. के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक आयोजित करवायी जायेगी। सांसद एवं एटक के महासचिव गुरुदास दास गुप्ता के नेतृत्व में गये एन.एफ.आई.आर.टी.डब्ल्यू. के प्रतिनिधि मण्डल में जी.एल. धर, डी.एल. सचदेव, बी. रामाराव, एच.वी. अनन्त सुब्बाराव, आर.एल. डोगरा एवं एम.एल यादव शमिल थे।
- हरगोविन्द शर्मा

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