पिछले बीस-पच्चीस सालों में आपने बारी-बारी से बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा को जिता कर उन्हें प्रदेश में सरकार बनाने का मौका दिया तो केन्द्र में भी सरकार बनाने के अवसर मुहैया कराये। आपने इन पर विश्वास किया परन्तु बार-बार धोखा खाया। सरकार बनाने के बाद इन सभी दलों ने विनाशकारी नई आर्थिक नीतियों को ही लागू किया, जिसमें आम जनता की कोई जगह नहीं है। सरमायेदारों का मुनाफा बढ़ा, उनकी सम्पत्तियों में हजारों गुना की बढ़ोतरी हुई, अपराध बढ़े, भ्रष्टाचार बढ़ा, इन दलों के लखपति नेता करोड़पति हो गये।
आपको क्या मिला? महंगाई बढ़ी। तेल, दाल और चीनी की कीमतों में इन बीस-पच्चीस सालों में कितनी बढ़ोतरी हुई, यह बताने की जरूरत नहीं है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में महीने में दो बार वृद्धि की जाने लगी। महंगाई को संसद में जब-जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मुद्दा बनाकर उठाना चाहा, महंगाई का समर्थन करने के लिए कांग्रेस, बसपा, सपा और भाजपा सब एक ओर खड़े हो गये।
बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा ने स्कूलों को दुकान बना दिया। बच्चों को पढ़ाने के लिए जमीन और जेवर बेचने या फिर कर्जा लेने की नौबत आने लगी।
बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा ने सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियों पर रोक लगा दी। नौजवान बेरोजगारों की फौज तैयार हो गयी।
कानपुर की सूती मिलों की बंदी से शुरू हुआ कारखाना बंदी का सिलसिला पूरे सूबे में अभी भी जारी है। सार्वजनिक तथा सहकारी क्षेत्र की तमाम चीनी मिलों को बंद कर दिया गया। लाखों मजदूर बेरोजगार हो गये। समाजवादी पार्टी तथा बसपा की सरकारों ने यू.पी. हैण्डलूम कारपोरेशन और कताई मिलों को बंद कर बुनकरों को तबाह कर दिया।
बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा सभी ने अपने-अपने पसंदीदा सरमायेदारों को सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की बहुमूल्य संपत्तियों तथा किसानों की उपजाऊ जमीनों को सौंप दिया।
अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं, नर्से नहीं हैं, दवायें नहीं हैं। हिन्दुस्तान के दिल उत्तर प्रदेश को बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा ने मिल कर बीमार बना दिया है। बिजली आती नहीं है। मनरेगा में मिलने वाली पूरी मजदूरी मिलती नहीं है। बिना लिये दिये कोई काम होता नहीं है। किसानों को खाद, बीज, बिजली, पानी सब महंगा मिलता है। उनकी फसलों के वाजिब दाम उन्हें मिलते नहीं। गाहे-बगाहे किसानों की आत्महत्या के समाचार मिलते हैं।
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि केन्द्र के कई मंत्री जेल में हैं तो कुछ जेल जाने वाले हैं। बसपा सरकार के कई मंत्रियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा ने इनमें से कुछ दागी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। सपा और बसपा दोनों सरकारों के मुख्यमंत्रियों पर कमाई से ज्यादा सम्पत्ति होने के आरोप हैं। कांग्रेस जांच नामक रिमोट के जरिये सपा और बसपा दोनों को कंट्रोल करती है।
चुनावों के दौर में बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा सभी के नेता हेलीकाप्टरों से उड़-उड़ कर आपके लिए आसमान से तारे तोड़ कर लाने के वायदे कर रहे हैं क्योंकि चुनावों में इन्हें आपके मतों की जरूरत है। इन्होंने इसके पहले के चुनावों में भी इसी तरह के वायदे आपसे किये थे लेकिन सरकार बनाने के बाद आपके लिए कुछ नहीं किया। ये सभी आपके गुनाहगार हैं।
आपको याद होगा कि जब केन्द्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन से सरकार बनी थी तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दवाब में ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून, सूचना का अधिकार कानून और वनवासियों के अधिकारों का कानून जैसे कानून बने थे। महंगाई नियंत्रण में रही थी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ तथा जनता के तमाम तबकों की मांगों को लेकर लड़ाई लड़ती रही है। जगह-जगह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के ईमानदार उम्मीदवार खड़े हैं, जिन्हें विजयी बनाकर आप प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा को बदल सकते हैं।
मतदाता भाइयों और बहनों,
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आपका आह्वान करती है कि -
हंसिया-बाली वाले बटन को दबा कर 16वीं विधान सभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराओ;
साम्प्रदायिक, जातिवादी और वंशवादी ताकतों को परास्त करो;
भ्रष्ट, अपराधी तथा माफिया सरगनाओं को विधान सभा में पहुंचने से रोको; तथा
किसान, मजदूर और आम आदमी की बर्बादी की जिम्मेदार आर्थिक नवउदारवाद की नीतियों को पीछे धकेलो।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार, महंगाई और अपराधों के खिलाफ तथा प्रदेश एवं उसकी जनता के चौतरफा विकास के लिए आपका मत चाहती है। हम एक बार आपसे अपील करते हैं कि इस बार आप हंसिया-बाली वाले बटन को दबा कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को मौका दें।
जय हिन्द!
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