फ़ॉलोअर
सोमवार, 28 जुलाई 2014
at 1:10 pm | 0 comments |
अलीगढ़ में हुये दलितों के सामूहिक हत्याकाण्ड पर भाकपा ने जारी की जांच रिपोर्ट
लखनऊ 28, जुलाई – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्य सचिव डा. गिरीश के नेत्रत्व में अलीगढ़ जनपद के लोधा थानान्तर्गत वीरमपुर गांव का दौरा किया जहां गत दिनों दलितों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश में जुटे दबंगों ने तीन दलितों की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी और एक अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के जिला सचिव सुहेव शेरवानी, सहसचिव रामबाबू गुप्ता, पूर्व सचिव एहतेशाम बेग, आर.के. महेश्वरी, रनवीर सिंह अरुण कुमार सोलंकी राजकिशोर एवं हरिश्चंद्र लोधी शामिल थे.
दौरे के बाद यहाँ जारी एक रिपोर्ट में डा. गिरीश ने कहा कि गांव के जाटव जाति के परिवार को आबंटन में मिली जमीन पर कब्ज़ा करने की नीयत से दबंग सवर्ण परिवार उन्हें वर्षों से प्रताड़ित कर रहा था. इस बीच सरकारें बदलती रहीं मगर पुलिस-प्रशासन पीड़ित पक्ष को ही प्रताड़ित करता रहा. घटना वाले दिन जब ये दलित घर पर आकर दोपहर का खाना खारहे थे लगभग आठ-दस दबंग लोग गंडासे, फरसे तथा दूसरे हथियारों से लैस होकर उनके घर पर चढ़ आये और उनको घसीटते- पीटते खेतों पर लेगए. एक दलित महिला और दो पुरुषों की मौके पर ही मौत होगयी जबकि चौथे घायल का अलीगढ विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है.
मृतकों में से एक कैलाश की पत्नी ने बताया कि वह दौड़ कर पूरे गांव से मदद की गुहार लगाती रही मगर कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. गांव की एक बुजुर्ग महिला ने उसे मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जिससे उसने 100 नम्बर डायल कर पुलिस को इत्तला दी लेकिन तब तक कातिल खूनी खेल खेल चुके थे. यहां तक कि शवों को जमीन में दबा देने के उद्देश्य से गड्ढे तक खोद चुके थे.
घर की बुजुर्ग महिला ने बताया कि जमीन विवाद को सुलझाने को लेकर उसने तहसील से थाने तक बार बार गुहार लगाई मगर हर स्तर पर उसीके परिवार को यातना दी गयी और दबंगों को हर तरह से मदद पहुंचाई गयी. आज भी दबंगों की ओर से लगातार धमकियां मिल रही हैं. अभी तक दो आरोपियों के अलाबा कोई कातिल पकड़ा नहीं गया है. वे गांव के एक सिरे पर स्थिति झोंपड़ों में अपने को बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उनकी पीड़ा यह है कि कुछ दिनों बाद जब गांव से पुलिस पिकेट हठ जायेगी तो परिवार की सुरक्षा का क्या होगा?
भाकपा ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में शासन प्रशासन दबंगों, अपराधियों और सांप्रदायिक तत्वों के हाथ की कठपुतली बन कर रह गया है और यह तत्व दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों एवं अन्य कमजोरों पर बेखौफ होकर हमलाबर होरहे हैं. असहाय और निरीह जनता इस जंगलराज की यातना झेलने को अभिशप्त है.
भाकपा ने निर्णय लिया कि जिला पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही अलीगढ़ के जिलाधिकारी से मिल कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग करेगा. भाकपा की मांग है कि घटना के सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये, उनके ऊपर रासुका लगाई जाये, पीड़ित परिवार को नियमानुसार मुआबजा दिया जाये, उन्हें अलीगढ़ अथवा खुर्जा की कांशीराम कालोनी में आवास दिया जाये, घायल का पूरा इलाज कराया जाये, मृतक कैलाश के डेढ़ वर्षीय पुत्र की शिक्षा का जिम्मा राज्य सरकार ले तथा गांव के दलितों के आवासों का निर्माण कराया जाये और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये.
भाकपा ने चेतावनी दी है कि यदि उपर्युक्त के संबंध में जिला प्रशासन ने समुचित कदम नहीं उठाये तो जनपद स्तर पर आन्दोलन तो किया ही जायेगा राज्य स्तर पर भी मामले को उठाया जायेगा.
डा. गिरीश
»» read more
शनिवार, 26 जुलाई 2014
at 6:04 pm | 0 comments |
सहारनपुर की घटनाओं पर भाकपा ने चिंता व्यक्त की : राज्य सरकार से कड़ी कार्यवाही की मांग की
लखनऊ २६ जुलाई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज सहारनपुर में चल रही हिंसक वारदातों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भाकपा ने इसे शांति को पलीता लगाने की सांप्रदायिक शक्तियों का दुश्चक्र करार दिया है. भाकपा ने इस बात पर गहरा अफ़सोस जताया है कि अभी भी प्रशासन हालातों पर काबू नहीं पा सका है और हिंसक और उपद्रवी तत्व वहां खुला खेल खेल रहे हैं. हालातों पर अविलम्ब काबू पाया जाना बेहद जरूरी है.
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि सहारनपुर में एक उपसमुदाय का दूसरे समुदाय से वहां एक धर्मस्थल के विस्तार को लेकर पिछले ६-७ साल से विवाद चल रहा था. शासन- प्रशासन मामले को सुलझाने में विफल रहा था. ताजा घटनाक्रम के अनुसार इस बीच उपसमुदाय ने निर्माण कार्य करा लिया था और लिंटर डालने की तैय्यारी चल रही थी. इसी बात को लेकर गत रात दोनों पक्ष आमने सामने आगये वहां हिंसक वारदातें शुरू होगयीं. हिंसा में अब तक दो लोगों की जानें जचुकी हैं.
अब सांप्रदायिक तत्व मौके का लाभ उठाने में जुट गये हैं. भगवा ब्रिगेड गली कूचों में अल्पसंख्यकों की सम्पत्तियों को जला रही है, लूट रही है. गरीबों के ठेले खोमचे जला कर राख कर दिए गये. सभी जानते हैं कि आज कांठ को लेकर भाजपा ने पूरे प्रदेश को उपद्रवों की जड़ में लेने की योजना बनाई हुई थी. सहारनपुर की घटना आपरेशन-कांठ का विस्तार है. कल ही उत्तरांचल में हुये उपचुनावों में तीनों सीटें हार चुकी भाजपा खिसियाई बिल्ली की तरह खम्भा नोंच रही है और मोदी सरकार की असफलताओं पर पर्दा डालने को सांप्रदायिक दंगे भड़काने पर उतारू है.
भाकपा राज्य सचिव ने समाजवादी पार्टी की राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह ध्रुवीकरण की राजनीति से लाभ उठाने के चक्र से बाहर आये और हिंसक और उपद्रवी तत्व जिस भी समुदाय के हों, उन्हें सख्ती से कुचल दे. भाकपा ने प्रदेश भर की अमन पसंद ताकतों से अपील की है कि वह शांति और भाईचारा बनाये रखने को आगे आयें और प्रदेश को हिंसा की आग में झोंकने के प्रयासों को परवान न चड़ने दें.
कल अलीगढ़ पहुंचेगा भाकपा का जांच दल-
भाकपा राज्य कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भाकपा का एक जाँच दल कल- २७ जुलाई को अलीगढ़ जनपद के वीरमपुर गांव जायेगा जहां गत दिनों दबंगों ने एक भूमि विवाद को लेकर तीन दलितों की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी.
डा. गिरीश
»» read more
गुरुवार, 24 जुलाई 2014
at 6:31 pm | 0 comments |
अलीगढ में दलितों की हत्या की भाकपा ने की निन्दा.
लखनऊ २४ जुलाई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अलीगढ़ जनपद के लोधा थाना अंतर्गत वीरमपुर गांव में गांव के ही दबंगों द्वारा तीन दलितों की हत्या और एक अन्य को गंभीर रूप से घायल करने की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की है. भाकपा ने सभी दोषियों को शीघ्र से शीघ्र गिरफ्तार किये जाने और दलित परिवारों को सुरक्षा और न्याय दिलाने की मांग की है.
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार महिलाओं, दलितों एवं अन्य कमजोरों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल है. अलीगढ़ के इन दलितों की जमीन हडपने का षड्यंत्र वर्षों से चल रहा था, मगर पुलिस प्रशासन घटना की गंभीरता से आँख मूंदे रहा और यह जघन्य कांड हो गया. दिन दहाड़े चार पांच दलितों को घर से घसीट कर ले जाना और खेत पर ले जाकर उनकी पीट-पीट कर हत्या करना क्या इस बात का सबूत नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है. आये दिन महिलाओं के साथ दरिंदगी की वारदातें भी थमने का नाम नहीं लेरही हैं.
भाकपा ने मांग की है कि दलितों की हत्या के सभी आरोपियों को शीघ्र से शीघ्र जेल के सींखचों के पीछे पहुंचाया जाये, पीड़ित दलित परिवार को नियमानुसार मुआवजा दिया जाये तथा पीड़ित परिवार को समुचित सुरक्षा दी जाये.
भाकपा ने अपनी अलीगढ़ जिला इकाई को निर्देश दिया है कि वह घटनास्थल पर पहुँच न्याय दिलाने को आवश्यक कदम उठाये.
डा. गिरीश
»» read more
सोमवार, 21 जुलाई 2014
at 4:30 pm | 0 comments |
मोहनलालगंज प्रकरण पर पुलिस की जाँच संदेह के घेरे में: भाकपा ने सी. बी. आई. जाँच की मांग की.
लखनऊ- २१ जुलाई, २०१४- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि मोहनलालगंज में महिला के साथ हुई दरिंदगी प्रकरण पर पुलिस का रवैय्या एकदम अविश्वसनीय है और यह इस संगीन मामले को हल्का कर रफा-दफा करने की साजिश है. इस स्थिति में भाकपा ने घटना की जाँच सी. बी. आई. से कराने की मांग की है.
यहाँ जारी एक बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि तमाम हालात और मीडिया की छानवीन से यह स्पष्ट होजाता है कि घटना में कई लोग शामिल थे और भोथरे तथा भारी औजार से घटना को अंजाम दिया गया. लेकिन पुलिस ने खुलासे को जिस नाटकीयता से पेश किया है उससे साफ झलकता है पुलिस किसी ताकतवर शख्स को बचाने की कबायद में जुटी है और पूरी कहानी को एक व्यक्ति के ऊपर टिका दिया है.
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्ता के शीर्ष कर्णधार आये दिन बलात्कारियों की प्रतिरक्षा में और उनके मनोबल को बढाने वाले बयान देते रहते हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार होरही दुराचार की घटनाओं के पीछे एक कारण यह भी है. ऐसी सत्ता के मातहत काम कर रहे पुलिसजनों से न्याय की उम्मीद भी कम ही रह जाती है. मोहनलालगंज प्रकरण में भी पुलिस की कार्यवाही पूरी तरह संदेहास्पद है.
ऐसी स्थिति में पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने को जरूरी है कि इस घटना की जाँच सी. बी. आई. से कराई जाये. अतएव भाकपा राज्य सरकार से मांग करती है कि वह बिना विलम्ब किये मोहनलालगंज प्रकरण की सी. बी. आई. से जांच कराने की संस्तुति करे. लोकमत भी इसी के पक्ष में है. यदि सरकार लोकभावनाओं को ठुकराने की हिमाकत करेगी तो लोकमत भी उसे करारा जबाब देगा, भाकपा राज्य सचिव ने कहा है.
डा. गिरीश
»» read more
शुक्रवार, 18 जुलाई 2014
at 7:12 pm | 0 comments |
मोहनलाल गंज रेप कांड सरकार के माथे पर कलंक- भाकपा
लखनऊ- १८ जुलाई २०१४, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने इस बात पर गहरा अफ़सोस जताया कि राजधानी में सरकार की नाक के नीचे मोहनलालगंज के बलिहाखेडा में एक और बेटी दरिंदगी की शिकार होगयी. रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना ने जहां समाज को हिला कर रख दिया है वहीँ महिलाओं की इज्जत और जान की रक्षा में पूरी तरह असफल राज्य सरकार के माथे पर एक और कलंक का टीका चस्पा कर दिया है. भाकपा राज्य सचिव मंडल इस वीभत्स घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करता है और राज्य सरकार से मांग करता है कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जाये.
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि प्रदेश में शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता हो जिस दिन किसी न किसी अबला को अपनी आबरू और जान न गंवानी पड़ रही हो. अभी सिकंदरा राऊ की दलित महिला की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि कल मोहनलालगंज में यह जघन्य कांड होगया. प्रदेश में असुरक्षा और हैवानियत का ऐसा हाल पहले कभी देखने को नहीं मिला. भाकपा पीडिता की पहचान करने और दोषी पुलिसजनों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करती है.
भाकपा ने कल १९ जुलाई को इस घटना के विरोध में भारतीय महिला फेडरेशन द्वारा जी.पी.ओ. पार्क में आयोजित धरने को अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया है.
डा. गिरीश
»» read more
बुधवार, 16 जुलाई 2014
at 6:47 pm | 0 comments |
सिकंदराराऊ(हाथरस) कांड प्रशासनिक लापरवाही और विभाजनकारी ताकतों की करतूत- भाकपा
लखनऊ- १६ जुलाई- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य सचिव डा. गिरीश के नेत्रत्व में आज हाथरस जनपद के कस्बा सिकन्दराराऊ पहुंचा जहां गत दिनों एक विवाहिता को धोखे से ससुराल से लाकर सामूहिक दुराचार किया गया और इसके बाद पीड़िता ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली अथवा उसकी हत्या कर दी गयी. पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन द्वारा बरती लापरवाही एवं उपेक्षा की प्रतिक्रिया में आक्रोशित लोग सडकों पर उतर आये थे और वहां अनेक वाहन एवं ठेले- खोमचे फूंके गये. सांप्रदायिक और जातीय विभाजन का खेल खेलने वालों ने वहां जमकर अपना खेल खेला और कस्बा भयंकर दंगों की गिरफ्त में आने से बाल-बाल बच गया.
पीडिता के परिवार, पड़ोसियों एवं स्थानीय नागरिकों से व्यापक चर्चा के बाद प्रेस को जारी रिपोर्ट में भाकपा नेताओं ने कहा कि पीड़ित मृतका के साथ हुई दरिंदगी के बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय होगया होता और दरिंदों के खिलाफ तत्काल कठोर कदम उठाये होते तो इसकी इतनी विकराल प्रतिक्रिया नहीं होती. अपराधियों को पकड़ने में हीला हवाली की गयी और म्रत्यु से पूर्व पीडिता के मजिस्ट्रेटी बयान तक नहीं लिए गये. यह जानते हुये भी कि पीडिता और दरिन्दे अलग अलग संप्रदाय के हैं और घटना दूसरा मोड़ भी ले सकती है, प्रशासन ने मृतका के अंतिम संस्कार से पहले ऐतियादी जरूरी कदम नहीं उठाये.
सड़कों पर उतरी आक्रोशित भीड़ को समझा बुझा कर शांत करने के बजाय पुलिस प्रशासन ने लाठी गोली का सहारा लिया. मौके का लाभ उठाने को सांप्रदायिक और जातीय विभाजन की राजनीति करने वाले तत्व सक्रिय होगये और बड़े पैमाने पर आगजनी कर डाली. बड़े वाहनों के अतिरिक्त समुदाय विशेष के ठेले खोमचों को खास निशाना बनाया गया.
यहां उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के शासन में संप्रदाय विशेष के गुंडों और असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है और वे खुलकर गुंडई करते हैं. पुलिस प्रशासन भी उनके विरुध्द कार्यवाही से बचता है. इसकी बहुसंख्यक समुदाय में प्रतिक्रिया होती है सांप्रदायिक तत्व इसका लाभ उठाते हैं. आज उत्तर प्रदेश में यह प्रतिदिन होरहा है. राज्य सरकार को इस परिस्थिति को समाज के व्यापक हित में समझना चाहिये और प्रशासन को आवश्यक निर्देश देने चाहिये. सम्बंधित समाज के उन ठेकेदारों को भी इन तत्वों को पटरी पर लाने को काम करना चाहिये जो वोटों के समय समाज के ठेकेदार बन जाते हैं.
भाकपा का आरोप है कि आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस ने पीड़िता के दलित बहुल मोहल्ले पर हमला बोल दिया. एक युवक गोली से तो दूसरा पुलिस के ट्रक की चपेट में आकर घायल होगया. घरों के दरवाजे तोड़ डाले गये और महिलाओं और बच्चों तक को पीट पीट कर घायल कर दिया गया. बदले की भावना से और बिना जांच किये ही दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. तमाम लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी पुलिस देरही है. लोग खौफ के साये में हैं और पलायन कर रहे हैं. भाकपा इस सबकी कठोर शब्दों में निंदा करती है.
भाकपा मांग करती है कि पीड़िता से दुराचार करने वाले सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाये, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये, आगजनी के बाद गिरफ्तार किये गये निर्दोष लोगों को जाँच कर छोड़ा जाये, पीडिता के परिवार को मुआबजा दिया जाये तथा घायलों को भी मुआबजा दिया जाये.
भाकपा के इस प्रतिनिधिमंडल में डा. गिरीश के साथ राज्य काउन्सिल सदस्य बाबूसिंह थंबार, चरण सिंह बघेल, पपेन्द्र कुमार, सत्यपाल रावल, द्रुगपाल सिंह, विमल कुमार एवं मनोज कुमार राजौरिया आदि शामिल थे.
डा. गिरीश
»» read more
सोमवार, 14 जुलाई 2014
at 6:53 pm | 0 comments |
महंगाई की मार और अपराधों की बाढ़ के विरुध्द भाकपा ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया.
लखनऊ- १४ जुलाई- केंद्र सरकार के लगभग डेढ़ माह के शासनकाल में महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं. राज्य सरकार के कई कदम महंगाई को बढ़ावा देने में मददगार साबित होरहे हैं. प्रदेश में अपराध और अपराधी बेलगाम होचुके हैं. आम जनता त्राहि-त्राहि करने लगी है. महंगाई की मार और अपराधों की बाढ़ से त्रस्त जनता की आवाज को केंद्र और राज्य सरकार तक पहुँचाने और उन्हें इस सबसे राहत दिलाने को आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने समूचे उत्तर प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन आयोजित किये. प्रदर्शनों के उपरांत राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे गये. भाकपा राज्य सचिव ने दाबा किया कि इन प्रदर्शनों में पार्टी की अपेक्षा से अधिक लोग सडकों पर उतरे. इसका कारण है चुनाव अभियान के दौरान मोदी द्वारा दिया गया “अच्छे दिन लाने” का भरोसा समय से पूर्व ही टूट गया है और जनता अपने को ठगी हुई महसूस कर रही है. यही कारण है कि वह सडकों पर उतरने को बाध्य हुई है.
दोपहर होते-होते भाकपा के राज्य मुख्यालय पर जिलों जिलों से जुझारू तरीके से किये गये धरने/प्रदर्शनों की रिपोर्ट आने लगी थी जो प्रेस नोट लिखे जाने तक जारी थी.
राजधानी लखनऊ में भाकपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी के कैसरबाग मुख्यालय से कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और वहां एक आमसभा की. प्रदर्शन का नेत्रत्व जिला सचिव मोहम्मद खालिक, सहसचिव ओ.पी.अवस्थी, परमानंद एवं महिला फेडरेशन की नेता आशा मिश्रा एवं कांती मिश्रा ने किया.
सभा को संबोधित करते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूरी तरह से पिछली केंद्र सरकार के नक़्शे कदम पर चल रही है. अभी इस सरकार को सत्ता संभाले लगभग डेढ़ माह ही हुआ है लेकिन इसने आम जनता के ऊपर इतना बोझ लाद दिया जितना कि डेढ़ साल में भी नहीं लादा जाना चाहिये. सरकार ने दो-दो बार डीजल व पैट्रोल के दाम बढ़ा दिये, रेल किराया और मालभाड़े में असहनीय बढ़ोत्तरी कर दी. सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप चीनी, प्याज, टमाटर तथा खाने-पीने की तमाम चीजों में उल्लेखनीय वृध्दि हुयी है. लगभग तमाम जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी जारी है. रेल बजट और आम बजट से गरीब और आम लोगों को तमाम तरह की राहत की उम्मीद थी लेकिन मोदी सरकार ने पूरी तरह निराश किया है. “अच्छे दिन आने वाले हैं” के नारे पर रीझ कर जनता ने मोदी को अपार बहुमत से सत्तासीन किया था लेकिन आज वही जनता महंगाई की मार से बेजार है. वह कहने लगी है-‘आखिर कब आयेंगे अच्छे दिन’ ?
डा.गिरीश ने कहा कि प्रदेश की अखिलेश सरकार ने डीजल पैट्रोल सहित कई वस्तुओं पर टेक्स बढ़ा कर महंगाई बढ़ाने में योगदान किया है. आलू प्याज टमाटर आदि तमाम चीजों की जमाखोरी धड़ल्ले से जारी है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. राज्य अभूतपूर्व बिजली संकट से रूबरू है. अपराधों खासकर महिलाओं पर दुराचरण की जघन्य वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं. प्रदेश में सांप्रदायिक शक्तियां अपना फन उठा रहीं हैं मगर राज्य सरकार उससे निपट पाने में असमर्थ है. उत्तर प्रदेश की जनता को तो दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि भाकपा जनता को इस तरह लुटते-पिटते नहीं देख सकती. उस समय जब सारी पार्टियाँ हार का मातम मना रहीं हैं और भाजपा जीत का जश्न मनाने में मशगूल है, उत्तर प्रदेश की भाकपा जनता के दर्द निवारण के लिये सडकों पर उतर कर आवाज उठा रही है. यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा.
कानपुर के राम आसरे पार्क में भाकपा के प्रांतव्यापी आह्वान पर जिला सचिव का. ओमप्रकाश के नेत्रत्व में धरना दिया गया. वहां सम्पन्न सभा की अध्यक्षता राम प्रसाद कनोजिया ने की. सभा को संबोधित करते हुये भाकपा के राज्य सहसचिव अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि मोदी सेकर ने रेल बजट और आम बजट के द्वारा पूरी की पूरी अर्थ व्यवस्था देशी व विदेशी कार्पोरेट्स के हवाले कर दी है. रक्षा और बीमा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होगया है. रेलभाड़ा वृध्दि एवं सब्सिडी कटौती से महंगाई और बढ़ेगी और जनता को और अधिक कठिनाइयों से दो चार होना होगा. हमें आने वाले दिनों में कठिन संघर्षों के लिए भी तैयार रहना होगा.
बलिया में पार्टी के जिला सचिव एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य का. दीनानाथ सिंह के नेत्रत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर एक विशाल धरना दिया गया और आमसभा की गयी. सभा की अध्यक्षता विद्याधर पांडे ने की. महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही. राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में महंगाई के ऊपर कारगर अंकुश लगाने की मांग की गयी.
मेरठ में राज्य कार्यकारिणी के सदस्य शरीफ अहमद एवं जिला सचिव राजबाला के नेत्रत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया. पूर्व सचिव कुंदनलाल के नेत्रत्व में एक दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिला और उन्हें महंगाई और अपराधों पर रोक लगाने हेतु ज्ञापन सौंपा.
झाँसी में राज्य कार्यकारिणी सदस्य शिरोमणि राजपूत एवं जिला सचिव भगवानदास पहलवान के नेत्रत्व में जिलाधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया. प्रस्तुत ज्ञापन में महंगाई पर रोक लगाने और बुन्देलखण्ड को सूखा पीड़ित घोषित किये जाने की मांग भी की गयी.
बदायूं में जिला सचिव रघुराज सिंह के नेत्रत्व में जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना दिया गया. वहां सम्पन्न सभा को उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के राज्य सचिव फूलचंद यादव ने संबोधित किया. जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में महंगाई पर कारगर अंकुश लगाने और अपराधों को रोके जाने की मांग की गयी.
गाज़ियाबाद में जिला सचिव जितेन्द्र शर्मा, बब्बन, शकील अहमद, शरदेन्दु शर्मा के नेत्रत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर व्यापक नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया. इसके बाद एक आमसभा की गयी जिसे अन्य के अतिरिक्त दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. सदाशिव ने भी संबोधित किया. ज्ञापन भी सौंपा गया.
सोनभद्र में राबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय पर बढ़ी संख्या में लोगों ने धरना/प्रदर्शन किया जिसका नेत्रत्व जिला सचिव रामरक्षा ने किया. सांसद प्रत्याशी अशोक कुमार कनोजिया की अध्यक्षता में सम्पन्न सभा को वसावन गुप्ता, आर. के. शर्मा, ऊदल, अमरनाथ सूर्य आदि ने संबोधित किया. महंगाई और अपराधों पर रोक लगाने संबंधी ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया.
बुलंदशहर के स्याना में राज्य कार्यकारिणी सदस्य एवं जिला सचिव अजयसिंह के नेत्रत्व में गांधी मेमोरियल स्कूल से उपजिलाधिकारी कार्यालय तक लम्बा जुलूस निकाला गया जिसमें महिलायें भी बढ़ी तादाद में उपस्थित थीं. बाबा सागरसिंह के नेत्रत्व में एक सभा की गयी तथा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
औरैय्या में जिला सचिव अतरसिंह कुशवाहा के नेत्रत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. वरिष्ठ नेता श्रीकृष्ण दोहरे की अध्यक्षता में सभा सम्पन्न हुयी तथा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
ललितपुर में जिला सचिव बाबूलाल अहिरवार एवं किशनलाल के नेत्रत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया. प्रारंभ में उपजिलाधिकारी ने कार्यकर्ताओं को आन्दोलन न करने की धमकी दी लेकिन भाकपा नेताओं ने जबर्दस्त नारेबाजी के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया. बाद में उपजिलाधिकारी ने आकर ज्ञापन प्राप्त किया.
हाथरस में राज्य काउन्सिल सदस्य बाबूसिंह थंबार, जिला सचिव होशियारसिंह एवं कार्यवाहक सचिव चरणसिंह बघेल की अगुआई में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया.
इलाहाबाद में वरिष्ठ नेता आर. के. जैन एवं राज्य काउन्सिल सदस्य नसीम अंसारी के नेत्रत्व में पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला कचेहरी में धरना दिया और आमसभा की. बाद में एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया.
पीलीभीत में जिला सचिव चिरौंजीलाल के नेत्रत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
जनपद कुशीनगर की कसया तहसील पर जिला सहसचिव का. मोहन गौर के नेत्रत्व में सैकड़ों किसान कामगारों ने प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी कसया को सौंपा गया.
आजमगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के बाहर सैकड़ों भाकपा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. रामसूरत यादव की अध्यक्षता एवं जिला सचिव हामिद अली के नेत्रत्व में सम्पन्न सभा को किसानसभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज बेग, रामाज्ञा यादव, श्रीकांत सिंह, सांसद प्रत्याशी हरिप्रसाद सोनकर एवं जितेन्द्र हरि पांडे ने संबोधित किया.
गोंडा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में भी एक सफल धरने का आयोजन किया गया. वहां सम्पन्न सभा को सुरेश त्रिपाठी, सत्यनारायन तिवारी, दीनानाथ त्रिपाठी, सांसद प्रत्याशी ओमप्रकाश एवं जिला सचिव रघुनाथ गौतम ने संबोधित किया. जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
आगरा में सुभाष पार्क से विशाल जुलूस निकाला गया जो कलेक्ट्रेट पर पहुँच कर आमसभा में तब्दील होगया. सभा को रमेश मिश्रा, तेजसिंह वर्मा, हरविलास दीक्षित, ओमप्रकाश प्रधान एवं जिला सचिव ताराचंद ने संबोधित किया.
मथुरा में रजिस्ट्री कार्यालय से प्रारंभ हुआ जुलूस जिलाधिकारी कार्यालय पहुँच सभा में बदल गया जिसे गफ्फार अब्बास, बाबूलाल, पुरुषोत्तम शर्मा, अब्दुल रहमान आदि ने संबोधित किया.
जनपद जालौन के उरई में मजदूर भवन से जिलाधिकारी कार्यालय तक एक प्रभावशाली जुलूस निकाला गया और आमसभा की गयी. सभा को वरिष्ठ नेता कैलाश पाठक, जिला सचिव सुधीर अवस्थी, डा. पाल, विजयपाल यादव एवं विनय पाठक ने संबोधित किया. ज्ञापन में अन्य मांगों के अतरिक्त बुन्देलखण्ड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी की गयी.
अन्य सभी जिलों में भी पहले से ही प्रदर्शनों की तैय्यारी की सूचना है, और वहां से धरनों प्रदर्शनों के समाचार लगातार मिल रहे हैं.
डा.गिरीश
»» read more
रविवार, 13 जुलाई 2014
at 6:13 pm | 0 comments |
महंगाई, जमाखोरी एवं अपराधों के विरुध्द भाकपा का आन्दोलन १४ जुलाई को.
लखनऊ- १३, जुलाई २०१४. आसमान लांघ रही महंगाई, जमाखोरी और रिकार्डतोड़ अपराधों के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दिनांक- १४ जुलाई को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर धरने- प्रदर्शन संगठित करेगी. आन्दोलन के उपरांत जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिये जायेंगे.
उपर्युक्त के संबंध में यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि अपने लगभग डेढ़ माह के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने अपने कारनामों से महंगाई को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है. राज्य सरकार भी बढ़े पैमाने पर चल रही जमाखोरी को रोक नहीं रही और उसने कई तरह के टैक्स बढ़ा कर महंगाई को बढ़ाने में मदद की है. प्रदेश में अपराध और महिलाओं से दुराचरण की वारदातें थमने का नाम नहीं लेरही हैं. भाकपा चाहती है कि महंगाई और अपराधों से जनता को राहत मिले. इसी उद्देश्य से भाकपा ने आन्दोलन करने का निश्चय किया है.
डा. गिरीश
»» read more
गुरुवार, 10 जुलाई 2014
at 5:33 pm | 0 comments |
आम आदमी को निराश और धनिक वर्ग को लाभ दिलाने वाला है आम बजट
लखनऊ-१० जुलाई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि अच्छे दिन आने वाले हैं के सपनों और चुनाव अभियान के दौरान मोदी द्वारा किये गये असंख्य लुभावने वायदों के चलते देशवासियों को इस बजट से भारी उम्मीदें थीं. सरकार के डेढ़ माह के कार्यकाल में बढ़ी महंगाई से निजात पाने की आशा भी इस बजट से की जा रही थी. ये सभी एक ही झटके में तार तार होगयीं. यह बजट कोई नयी दिशा नहीं देता. यह आकड़ों का मायाजाल और शब्दों का जंजाल है जिसमें आम और गरीब आदमी के हाथ निराशा ही हाथ लगी है. देश और विदेश के बड़े उद्योग घरानों को लाभ के अवसर जरूर खोलता है यह बजट.
मोदी सरकार के पहले बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहा कि इस बजट ने कई चीजें भी साफ कर दीं हैं. पहली – मौजूदा सरकार पिछली सरकार की आर्थिक नीतियों को ही और मजबूती से आगे बढ़ाने वाली है. दूसरी - जिन नीतियों का विपक्ष में रह कर भाजपा विरोध करती थी आज सत्ता में आकर उन्हीं नीतियों को मुस्तैदी से लागू कर रही है. तीसरी – महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सवाल इसकी प्राथमिकता में नहीं हैं, और नहीं आम और गरीब आदमी.
सरकार ने रक्षा जैसे राष्ट्ररक्षा के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश को २६% से बढ़ा कर ४९% कर दिया. बीमा क्षेत्र में भी यह निवेश ४९% तक लेजाने का फैसला लेलिया. भाजपा और उसका स्वदेशी जागरण मंच इसके खिलाफ लगातार अभियान चलाया करते थे, यह सब फरेब साबित हुआ. निजीकरण को बढ़ावा देने को पीपीपी माडल को तरजीह देने का खुला ऐलान किया गया है और जनता के धन से मुनाफा कमाने वालों को मालामाल करने का रास्ता खोल दिया गया है. कुल मिला कर यह एफडीआई और पीपीपी का बजट है. इस बजट को लाकर सरकार ने साबित कर दिया कि वह पूंजीपतियों की, पूंजीपतियों के वास्ते उन्हीं के द्वारा लायी गयी सरकार है.
आय कर में थोड़ी छूट देकर मध्यवर्ग को लुभाने की कोशिश की गयी है, लेकिन बढ़ती महंगाई और बढ़ती मुद्रास्फीति के चलते ये राहत बेअसर होजायेगी ये सभी जानते हैं. मन्दिर के पुजारी की तरह हर क्षेत्र को थोडा थोडा प्रसाद बांटा गया है जिससे बुनियादी विकास संभव नहीं है. भूमिहीनों को कर्ज और कृषि को कुछ आबंटन किये गये हैं लेकिन कठोर प्रशासकीय नियमों के चलते यह राहत शायद ही प्रभावी हो पाये.
आइआइटी, आइआइएम, मेडिकल कालेज अथवा एम्स जैसे नये शैक्षिक प्रतिष्ठान खोलने की घोषणा स्वागत योग्य है लेकिन प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक की बुनियादी शिक्षा के हालात सुधारने के लिए बजट में कुछ भी नहीं है. सिगरेट तम्बाकू महंगे करने की बात तो समझ में आती है पर कपड़े महंगे करने की बात तो समझ से परे है.
डा.गिरीश ने कहा कि सरदार पटेल का सभी सम्मान करते हैं और उनकी प्रतिमा निर्माण के लिये आबंटन पर कोई ऐतराज नहीं है. लेकिन सवाल यह उठता है कि मोदीजी के आह्वान पर सरदार पटेल की प्रतिमा के निर्माण के नाम पर देश भर से जो लोहा और धन इकट्ठा किया गया उसका हिसाब कौन देगा? क्या यह धन भी श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिये एकत्रित धन की तरह काल के गाल में समा गया. मालवीय जी की स्मृति में योजना चले इससे ऐतराज नहीं है, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की उपेक्षा का औचित्य समझ से परे है.
डा.गिरीश ने कहा कि इस सरकार के डेढ़ माह के कार्यकाल में महंगाई ने ऊंची छलांग लगाई है, और अब रही सही कमी रेल और आम बजट ने पूरी कर दी है. भाकपा केंद्र सरकार के जन विरोधी और देश विरोधी क्रियाकलापों के खिलाफ आगामी १४ जुलाई को पूरे प्रदेश में जिला केन्द्रों पर धरने प्रदर्शन आयोजित करेगी.
डा.गिरीश.
»» read more
सोमवार, 7 जुलाई 2014
at 7:32 pm | 0 comments |
विभाजन की राजनीति का नया कांटा - कांठ
कांठ अब भी धधक रहा है. मंदिर पर माइक लगाना इतना भारी पड़ जायेगा, कांठवासियों ने शायद स्वप्न में भी न सोचा हो. लूट के लिये सत्ता और सत्ता के लिये वोट, फिर वोट के लिये विभाजन और विभाजन के लिये धर्म और जाति को औजार बनाना, यही खेल खेला जा रहा है आज उत्तर प्रदेश में. कांठ इस खेल का नया मोहरा है जो फूटवादी और लूटवादी ताकतों और सत्ता प्रतिष्ठान के लिये कमोवेश एक जैसे अवसर प्रदान करता है.
कांठ के ग्राम अकबरपुर चैदरी के माजरा नया गांव के मन्दिर पर श्रध्दालुओं ने माइक लगाया हुआ था. इस बीच पुराने माइक को हठा कर नया माइक लगाया गया. हमारे धर्मपरायण देश में रोजाना न जाने कितने मन्दिर – मस्जिद बनाये जा रहे हैं और उन पर कब कानफोडू माइक टांग दिए जाते हैं, जान पाना बेहद कठिन है.
लेकिन अकबरपुर चैदरी में मन्दिर पर टांगा गया माइक अति विशिष्ट माइक साबित हुआ तो इसमें बेचारे माइक का क्या दोष? बताया जारहा है कि इस मन्दिर पर महाशिवरात्रि एवं जन्माष्टमी के अवसर पर ही माइक चलाने की अनुमति है. फिर भोले भाले ग्रामवासियों को नया माइक लगाने का खयाल अचानक क्यों आया, पेंच यहीं से शुरू होता है. सूत्र बताते हैं कि पवित्र रमजान माह के शुरू होने से पहले मन्दिर पर माइक लगाने का फलितार्थ समझने वालों ने ही इसका ताना- बाना बुना. मुरादाबाद के वर्तमान सांसद और स्थानीय कार्यकर्ताओं के इर्द- गिर्द ही इस घटना का चक्र घूम रहा है. वे इस जनपद की ठाकुरद्वारा सीट से विधायक थे जो उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई है. शीघ्र ही प्रदेश में खाली हुई दर्जन भर विधानसभा सीटों के साथ ही चुनाव होना है. भाजपा की नजर इन सीटों को किसी भी कीमत पर अपनी झोली में डालने पर गढ़ी है. ज्ञातव्य है कि ये सारी सीटें भाजपा विधायकों के सांसद बन जाने से रिक्त हुई हैं. अतएव भाजपा के लिए इन सभी को जीतना बेहद महत्त्वपूर्ण है.
यह गांव पीस पार्टी के विधायक अनीसुर्रहमान का गांव है. सभी समुदायों में उनका सम्मान है. यह बात बहुतों को अखरती है. उस समाजवादी पार्टी को भी जिसे लोकसभा चुनावों में करारी पराजय का सामना करना पड़ा है. वह इस हार से हतप्रभ भी है. वह अपनी इस पराजय के लिये सपा से अल्पसंख्यक वोटों के छिटकने को भी एक कारण मानती है. सपा १२ विधानसभा सीटों के उपचुनावों को लेकर काफी गंभीर है. वह इन सीटों में से कुछ को भाजपा से झटक कर संदेश देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला सपा ही कर सकती है. खबर है कि रमजान से पहले मन्दिर पर से माइक उतरवाने को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया और स्थानीय सपाइयों ने माइक उतरवाने को प्रशासन पर दबाव बनाया. इसे अप्रत्याशित ही माना जायेगा कि स्थानीय प्रशासन ने २७ जून को नया गांव पहुँच कर मन्दिर का ताला तोड़ कर माइक उतार दिया. विरोध करने वाली भीड़ को पुलिस ने बुरी तरह धुना. महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. कई स्त्री- पुरुष पुलिसिया कार्यवाही में जख्मी हुये. ये अधिकतर दलित समुदाय के थे.
यहां सवाल उठता है कि माइक को उतरवाने के लिये पुलिसिया कार्यवाही ही क्या एकमात्र विकल्प थी? क्या इससे पहले कोई नागरिक पहल नहीं की जानी चाहिये थी? क्या स्थानीय विधायक और गांव के सभी समुदायों के लोगों को बैठा कर मामले को नहीं सुलझाया जा सकता था? लेकिन पुलिस- प्रशासन ने एक ही विकल्प चुना, पुलिसिया कार्यवाही का. और प्रशासन का यही कदम पुलिस और राज्य सरकार को शक के घेरे में ला खड़ा करता है. सब कुछ मुजफ्फरनगर कांड की तर्ज पर चल रहा था.
माइक उतारने की घटना एक स्थानीय घटना थी और इस पर स्थानीय प्रतिरोध को नकारा नहीं जा सकता. लेकिन भाजपा तो जैसे मौके की तलाश में ही बैठी थी. गत लोकसभा चुनावों में हुये ध्रुवीकरण के चलते दलित मतों का एक भाग भाजपा की झोली में चला गया था अतएव भाजपा के लिये इस वर्ग को अपने साथ बनाये रखने की चुनौती भी है. फिर क्या था, भाजपा नेताओं के बयानों की झड़ी लग गयी. मुजफ्फरनगर के सांसद और अब केंद्र सरकार में राज्यमन्त्री एक दर्जन नेताओं के साथ कांठ को कूच कर गये जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने रोक दिया. अगले दिन भाजपा और उसके आनुसंगिक संगठनों ने मुरादाबाद कलेक्ट्रेट में उग्र और अराजक प्रदर्शन किया. तनाव के चलते कांठ के बाजार अब तक बंद हैं. ४ जुलाई को भाजपा ने वहां महापंचायत का एलान किया और मुजफ्फरनगर दंगों के उसके सारे सिपहसालार कांठ की और कूच कर दिये. आसपास के जिलों की भीड़ भी एकत्रित की गयी. रोके जाने पर भीड़ ने कांठ स्टेशन पर धाबा बोल दिया. पुलिस और भाजपाइयों के बीच हुये इस तुमुल- युध्द में जिलाधिकारी गम्भीर रूप से घायल होगये और उनकी आंख की रोशनी चली जाने की खबर है. अन्य कई दर्जन नागरिक घायल हुये तथा करोड़ों करोड़ की सार्वजनिक सम्पत्तियां नष्ट होगयीं. घंटों रेल यातायात ठप रहा और यात्रियों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. छापामार युध्द की तरह पुलिस को बार बार चकमा देकर भाजपाई तोड़फोड़ की कारगुजारियों को अंजाम देते रहे. यह कोई नक्सली हमला नहीं था जिन पर कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी केन्द्रीय गृह मंत्री जारी कर चुके हैं. अपितु यह तो वोट के उन सौदागरों का निर्विघ्न तांडव था जो भारतीय संस्क्रती और सभ्यता की दुहाई देते नहीं थकते और सत्ता हथियाने के लिये कुछ भी कर गुजरने से नहीं चूकते. सौभाग्य अथवा दुर्भाग्य से वे आज केंद्र में सत्तासीन हैं. करेला नीम चढ़ गया है.
लोकसभा चुनावों में अप्रत्याशित जीत ने भाजपा की सत्ता की भूख को बढ़ा दिया है. वह अब उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के सपने देख रही है. उसे भलीभांति पता है कि चुनाव अभियान के दौरान उछाला गया ‘अच्छे दिन आने वाले हैं ‘ का लुभावना नारा छलावा साबित होने जारहा है और मोदी लहर का जल्दी ही कचूमर निकलने वाला है. अतएव वह उत्तर प्रदेश में जल्दी से जल्दी विधान सभा चुनाव कराने को उद्यत है ताकि मोदी लहर पर सवार होकर सत्ता पर काबिज होसके. अतएव वह प्रदेश सरकार को किसी भी तरह गिराने को हाथ पांव मार रही है. इसके लिये वह हर उस स्थानीय घटना जिसमें दो अलग अलग समुदाय लिप्त हों को सांप्रदायिक रूप देने में जुट जाती है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद से प्रदेश में हर रोज एक न एक ऐसी वारदात हो रही है जिसको आसानी से सांप्रदायिक रूप दे दिया जाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश इन घटनाओं का सघन केंद्र बना हुआ है. भाजपा का कोई न कोई मोर्चा हर दिन विरोध प्रदर्शन के नाम पर अराजकता पैदा करता दिखाई दे रहा है और उनका प्रांतीय नेत्रत्व सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठाता रहता है. उसके केन्द्रीय नेत्रत्व का उसे सम्पूर्ण समर्थन हासिल है. विधान सभा की १२ सीटों और मैनपुरी की लोक सभा सीट के उपचुनाव में वह सौफीसद कामयाबी को उत्सुक है. इन सीटों में आधा दर्जन सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही हैं, इससे भाजपा की व्यग्रता को आसानी से समझा जा सकता है.
समाजवादी पार्टी ने भी लोकसभा चुनावों में अपनी करारी हार और सांप्रदायिक विभाजन का लाभ उठाने की अपनी नीति की विफलता से लगता है कोई सबक नहीं लिया है. वह न तो प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर ला पारही न सांप्रदायिक वारदातों को रोक पारही है. वह दुविधा की स्थिति में भी जान पड़ती है. सपा नेत्रत्व का एक हिस्सा भाजपा के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहा है तो शीर्ष नेत्रत्व कह रहा है कि मुरादाबाद में कुछ हुआ ही नहीं. राजनीति, शासन और प्रशासन की इस विकलांगता का भरपूर लाभ भाजपा उठाने में जुटी है.
जनता की आंखो में धूल झोंकने के लिये भाजपा ने अपने विधायकों की जांच कमेटी गठित की है जो कांठ के भाजपा प्रायोजित उपद्रव की जांच करेगी. एक ‘साधु परिषद’ नामक संगठन द्वारा शिवरात्रि के दिन अकबरपुर चैदरी गांव के शिव मन्दिर पर जलाभिषेक करने की घोषणा की गई है. इसे भाजपा की विभाजन की राजनीति को बरकरार रखने की मंशा के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है. देश के किसी भी भाग में हिंसा और टकराव हो केंद्र से एक सदाशयता की उम्मीद की जाती है लेकिन केंद्र में हाल में ही सत्तारूढ़ हुई शक्तियां अपने संवैधानिक दायित्वों से ज्यादा अपने राजनैतिक हितों को अधिक तरजीह देती नजर आरही हैं.
कांठ को सांप्रदायिक हिंसा की नयी प्रयोगशाला बनाने वाले इसका कितना लाभ उठा पाएंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन अकबरपुर चैदरी गांव और कांठ क्षेत्र की जनता तो इसके कुफल भोगने को मजबूर है. असुरक्षा वोध के चलते वह पलायन कर चुकी है, तमाम लोग रोटी रोजी को मुंहताज हैं और कईयों को इलाज नहीं मिल पारहा. ऐसे में वोट के लिये मानवता को शर्मसार करने वाली कारगुजारियों में संलिप्त ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिये.
डा. गिरीश
»» read more
शनिवार, 5 जुलाई 2014
at 2:14 pm | 0 comments |
वोटों की राजनीति के लिये अराजकता फैला रही है भाजपा. कांठ कांड इसी उद्देश्य के लिए. भाकपा
लखनऊ- ५,जुलाई, २००१४. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह कांठ कांड पर राजनैतिक रोटियां सैंक रही है और वोटों के ध्रुवीकरण के लिये सामाजिक विभाजन पैदा कर रही है. इस उद्देश्य से भाजपा अराजकता पर उतर आयी है. भाकपा भाजपा की इन करतूतों की निंदा करती है और शासन- प्रशासन से कड़ी कार्यवाही की मांग करती है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाजपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने आरोप लगाया कि कांठ थाने के ग्राम अकबरपुर चैदरी में एक धर्मस्थल पर लगाये गये माइक को पुलिस द्वारा उतार देने की घटना को लेकर भाजपा राजनीति पर उतर आयी और उसने सामाजिक विभाजन पैदा करने के लिये पूरी ताकत झौंक दी. मुज़फ्फरनगर की तर्ज़ पर कल वहां महापंचायत बुलाई गयी और सांप्रदायिकता फ़ैलाने और अराजकता पैदा करने की हर संभव कोशिश की गयी. करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा और जिलाधिकारी समेत तमाम नागरिक और पुलिसकर्मी घायल होगये. अब वही भाजपा अपने ही विधायकों की जाँच कमेटी बना कर जनता को छलने का प्रयास कर रही है.
भाकपा ने कहा कि माइक विवाद को प्रारंभ में प्रशासन ने धैर्य और बुध्दिमत्ता के साथ ‘टैकिल’ नहीं किया. इससे भाजपा को खेल खेलने का मौका मिल गया.
डा. गिरीश ने भाजपा पर आरोप जड़ा कि लोकसभा चुनावों में अपनी जीत के बाद वह उत्तर प्रदेश में सत्ता हथियाने को आतुर है. उसे लगता है उत्तर प्रदेश में यदि जल्दी ही चुनाव होजाता है तो वह मोदी लहर पर सवार होकर सत्ता हासिल कर सकती है. वह यह भी जानती है कि कि चन्द दिनों बाद तो मोदी का तिलिस्म खत्म होजायेगा और भाजपा का सत्ता हथियाने का सपना धराशाई होजायेगा. इसीलिए आज कल वह उत्तर प्रदेश में हर घटना पर अराजकता फ़ैलाने की हद तक प्रतिक्रिया जता रही है. श्री अखिलेश सरकार भाजपा की इन करतूतों और चालबाजियों का माकूल जबाब दे नहीं पा रही है.
भाकपा ने भाजपा को चेतावनी दी कि वह सत्ता हथियाने को प्रदेश के जन जीवन को तबाह करने की कार्यवाहियों से बाज आये. पार्टी ने अखिलेश सरकार से मांग की कि वह प्रदेश के नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा और कानून का राज कायम करने के लिये कानून सम्मत कार्यवाही करे.
डा. गिरीश
»» read more
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
Hyderabad Tuesday, Jun 15 2010 IST Communist Party of India (CPI) General Secretary A B Bardhan today said his party would fight for land t...
-
http://blog.mp3hava.com today published the following : On July - 2 - 2010 13 Political Parties against of current governme...
-
CPI General Secretary Com. Survaram Sudhakar Reddy's open letter to Mr Narendra Modi, Prime MinisterNew Delhi 29 th May 2015 To, Shri Narendra Modi Hon’ble Prime Minister Government of India ...
-
New Delhi : Communist Party of India(CPI) on August 20,2013 squarely blamed the Prime Minister and the F...
-
CPI today demaded withdrawal of recent decision to double the gas prices and asked the government to fix the rate in Indian rupees rathe...
-
The following is the text of the political resolution for the 22 nd Party Congress, adopted by the national council of the CPI at its sess...
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India has issued following statement to the press today: When the Government is conte...
-
The three days session of the National Council of the Communist Party of India (CPI) concluded here on September 7, 2012. BKMU lead...
-
Communist Party of India condemns the views expressed by Mr. Bhupinder Hooda Chief Minister of Haryana opposing sagothra marriages and marri...
-
On 12th June, Hindu published the following item : KOLKATA: The Communist movement in India “is at a crossroads” and needs “a restructuring ...