फ़ॉलोअर
सोमवार, 31 मई 2010
at 10:13 am | 0 comments | महिला आरक्षण
इतिहास रचने का कदम है महिला आरक्षण
इन्दौर 22 मई। ’’सिर्फ संसद में सीटें पाने के लिए महिलाओं ़द्वारा महिला आरक्षण नहीं माँगा जा रहा है, बल्कि ये आजाद भारत की 60 बरसों में बनी तस्वीर को ऐतिहासिक रूप से बदल देगा। महिला आरक्षण को कानून की शक्ल में लागू करवाने के लिए जो अभियान महिला आरक्षण अधिकार यात्रा के रूप में छेड़ा गया है वो इतिहास रचने का अभियान है।’’उक्त बातें यंग वीमैन क्रिष्चियन एसोसिएषन (वाय।डब्ल्यू।सी.ए.) की इंदौर अध्यक्षा सुश्री एनी पँवार ने देषव्यापी महिला आरक्षण अधिकार यात्रा के इंदौर आगमन पर प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कही। गाँधी हॉल से प्रेस क्लब तक जुलूस की शक्ल में पहुँची अनेक स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रेस क्लब पर हुए कार्यक्रम में कहा कि 33 प्रतिषत महिला आरक्षण की जायज माँग के पक्ष में जनमत जुटाने और बनाने में निकले इस महिला आरक्षण अधिकार कारवाँ को इंदौर की महिलाओं और सभी प्रगतिषील पुरुषों का भरपूर समर्थन है। कॉमरेड पेरिन दाजी ने कहा कि इसे अभी तक लटकाया जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि यह पुरुषवादी अहं और टालमटोल वाली मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होना सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देष की आम जनता के हित में होगा। राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य और वामा क्लब की संस्थापिका डॉ. सविता इनामदार ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिये जाने से जो सकारात्मक बदलाव हुए हैं वे सबूत हैं इस बात का कि अगर मौका मिले तो महिलाएँ घर से लेकर देष तक की व्यवस्था बेहतर तरह से चला सकती हैं। कस्तूरबा ग्राम ट्रस्ट की वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री पुष्पा सिन्हा ने कहा कि देष की आजादी की लड़ाई और बलिदान में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से किसी तरह कम नहीं रही लेकिन आजाद भारत में अब तक स्त्री को उसकी आबादी का सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला। आज हमें 33 प्रतिषत के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है, ये सत्ताधारियों के लिए शर्म की बात है। वरली ग्रामीण महिला विकास संस्थान की प्रमुख एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. जनक मैगलिगन पलटा ने कारवाँ के सभी सदस्यों के जोष को सलाम करते हुए इंदौर के सभी महिला संगठनों की ओर से भरपूर मदद का आष्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हम किसी भी जाति, वर्ण, धर्म, देष, भाषा या संस्कृति की हों, सबसे पहले हम महिला हैं और हमारी यह पहचान हमें सारी दुनिया को अधिक सुंदर बनाने वाली ताकतों के साथ और बाँटने वाली ताकतों के खिलाफ खड़ा करती है। इस कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला संस्थाओं का सामूहिक मंच महिला सषक्तिकरण महा संगठन, जनविकास, अवाड, रूपांकन, भारतीय महिला फेडरेषन, जनवादी महिला समिति, पहल, संदर्भ केन्द्र, रोग निरोधक स्वास्थ्य संरक्षक समिति, मुस्लिम वीमैन वेलफेयर ऑर्गनाइजेषन आदि संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए।सभा में महिला आरक्षण अधिकार कारवाँ के साथ चल रहीं दिल्ली स्थित संस्था ’अनहद’ की कार्यकर्ता सुश्री मानसी ने बताया कि जो राजनीतिक दल आरक्षण के भीतर आरक्षण का सवाल उठाते हुए इस विधेयक के विरोध में हैं, वे दरअसल महिलाओं को आपस में बाँटकर देष की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था संसद पर से पुरुष वर्चस्व को खोने नहीं देना चाहते। वे जानते हैं कि अगर 33 प्रतिषत महिलाओं का संसद में प्रवेष हो गया तो उनकी बँटवारे की राजनीति पहले की तरह चलती नहीं रह सकेगी। उन्होंने बताया कि जनता को जागरूक करने और इस विधेयक को पारित करवाने के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न संगठनों से जुड़ी 20-20 महिलाओं के इस प्रकार के तीन जत्थे देष के 20 राज्यों के 56 शहरों और गाँवों में विभिन्न कार्यक्रम करते और विधेयक पारित किये जाने के पक्ष में लोगों के हस्ताक्षर एकत्र करते हुए 6 जून को वापस दिल्ली में इकट्ठे होंगे और इन जगहों से हासिल लोगों की आवाज सरकार तक पहुँचाएँगे। अब तक इस अभियान को 250 से ज्यादा संगठनों व संस्थाओं ने अपना समर्थन दिया है। गौरतलब है कि इंदौर आये कारवाँ में हरियाणा, दिल्ली, उ.प्र., गुजरात, जम्मू-कष्मीर से लेकर तमिलनाडु से भी महिलाएँ शामिल हैं। सभा का संचालन करते हुए वरिष्ठ अर्थषास्त्री डॉ. जया मेहता ने कहा कि 60 बरसों तक राजनेताओं ने जिस तरह से देष को चलाया है, उसने राजनीति शब्द के मायने ही बिगाड़ दिये हैं। अगर महिलाएँ बड़ी संख्या में राजनीति में अपना दखल मजबूत करेंगी तो राजनीति शब्द के अर्थ को बदल देंगी, वो भेदभाव आधारित समाज बनाने वाली और शोषण करने वाली राजनीति को बदल देंगी, और इसी से वो सभी डरते हैं। उन्होंने कहा कि 33 प्रतिषत हासिल करना हमारी लड़ाई का एक पड़ाव भर है, मंजिल तो हमारी ऐसे समाज का निर्माण करना है जहाँ न किसी का शोषण हो और न किसी को आरक्षण की आवष्यकता पड़े।कारवाँ के साथ चल रहीं जम्मू-कष्मीर की हसीना खान और गुजरात की नूरजहाँ ने कारवाँ के अपने अनुभव बताने के साथ ही ये भी बताया कि किस तरह दहषतगर्दी, कठमुल्लापन और साम्प्रदायिक हिंसा का सबसे ज्यादा कहर औरतों को ही भुगतना पड़ता है। सभा का समापन कारवाँ की महिलाओं के गीत से हुआ और अपने हक की लड़ाई की चेतना फैलाने के लिए कारवाँ अपने अगले मुकाम औरंगाबाद की ओर रवाना हो गया।इसके पूर्व सुबह 6 बजे इन्दौर घरेलू कामकाजी संगठन की सुश्री निर्मला देवड़े के नेतृत्व में पाटनीपुरा व लाला का बगीचा क्षेत्र में बस्तियों के अंदर घूमते, जागृति के गीत गाते, नुक्कड़ सभाएँ करते, परचे बाँटते हुए लोगों को महिला आरक्षण विधेयक के बारे में विस्तार से समझाइष दी गयी। कल शाम 21 मई को शहीद भवन में कामकाजी महिलाओं की व्यापक सभा का आयोजन कर कारवाँ का स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें रूपांकन द्वारा पोस्टर प्रदर्षनी का आयोजन भी किया गया। रंगमंच कलाकार सुलभा लागू ने महिलाओं पर केन्द्रित कविता का पाठ किया। कार्यक्रम में पार्षद सुनीता शुक्ला की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति रही और कार्यक्रम का संचालन सारिका और पंखुड़ी ने किया। रात में वरली ग्रामीण महिला विकास संस्थान में देष के विभिन्न हिस्सों से रोजगारान्मुख षिक्षा हासिल कर रहीं करीब 100 आदिवासी महिलाओं के साथ कारवाँ की महिलाओं का संवाद हुआ जहाँ संस्था प्रमुख एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. जनक मैगलिगन पलटा ने संस्था के पिछले 25 वर्षों से चल रहे सृजनात्मक कार्यों का ब्यौरा दिया।(प्रस्तुति: सारिका श्रीवास्तव एवं पंखुड़ी मिश्रा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी ब्लॉग सूची
-
CPI Condemns Attack on Kanhaiya Kumar - *The National Secretariat of the Communist Party of India issued the following statement to the Press:* The National Secretariat of Communist Party of I...6 वर्ष पहले
-
No to NEP, Employment for All By C. Adhikesavan - *NEW DELHI:* The students and youth March to Parliament on November 22 has broken the myth of some of the critiques that the Left Parties and their mass or...8 वर्ष पहले
-
रेल किराये में बढोत्तरी आम जनता पर हमला.: भाकपा - लखनऊ- 8 सितंबर, 2016 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा कुछ ट्रेनों के किराये को बुकिंग के आधार पर बढाते चले जाने के कदम ...8 वर्ष पहले
Side Feed
Hindi Font Converter
Are you searching for a tool to convert Kruti Font to Mangal Unicode?
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
Go to the link :
https://sites.google.com/site/technicalhindi/home/converters
लोकप्रिय पोस्ट
-
Communist Party of India condemns the views expressed by Mr. Bhupinder Hooda Chief Minister of Haryana opposing sagothra marriages and marri...
-
On 12th June, Hindu published the following item : KOLKATA: The Communist movement in India “is at a crossroads” and needs “a restructuring ...
-
http://blog.mp3hava.com today published the following : On July - 2 - 2010 13 Political Parties against of current governme...
-
Hyderabad Tuesday, Jun 15 2010 IST Communist Party of India (CPI) General Secretary A B Bardhan today said his party would fight for land t...
-
CPI General Secretary Com. Survaram Sudhakar Reddy's open letter to Mr Narendra Modi, Prime MinisterNew Delhi 29 th May 2015 To, Shri Narendra Modi Hon’ble Prime Minister Government of India ...
-
CPI today demaded withdrawal of recent decision to double the gas prices and asked the government to fix the rate in Indian rupees rathe...
-
The following is the text of the political resolution for the 22 nd Party Congress, adopted by the national council of the CPI at its sess...
-
The Central Secretariat of the Communist Party of India has issued following statement to the press today: When the Government is conte...
-
The three days session of the National Council of the Communist Party of India (CPI) concluded here on September 7, 2012. BKMU lead...
-
New Delhi, July 9 : Communist Party of India (CPI) leader D. Raja on Tuesday launched a scathing attack on the Bharatiya Janata Party (B...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें