यहॉ जारी एक प्रेस बयान में डा0 गिरीश ने कहा कि दिल्ली के लगभग डेढ सौ किमी0 की दूरी तक बेहद उपजाऊ जमीनो पर उतर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च नेताओं, शासक दल को आर्थिक लाभ पहुचाने वाले उद्योगपतियों और व्यापारियों तथा शासक दल पोषित भू-माफियाओं और विल्डरों की कडी नजर है और वे येन-केन प्रकारेण किसानों की जमीनों को हडपने में जुटे हुए हैं। इससे वहां किसानों में बेहद आक्रोश है और वे अपनी जमीनों को बचाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं। यही कारण है कि पिछले एक-डेढ साल में यहां हुए गोली काण्डों में कई लोगों की जाने जा चुकी हैं। लेकिन प्रदेश सरकार मगरूर तरीके से किसानों को बर्बाद करने में जुटी है।
भारतीय कम्युनिसट पार्टी सरकार के इस रवैये की कठोर शब्दों में निन्दा करती है और प्रदेश सरकार से मांग करती है कि किसानों की उपजाऊ जमीनों को हडपने की कार्रवाईयां तत्काल रोकी जायें। भाकपा केन्द्र सरकार से भी मांग करती है कि भू-अधिग्रहण कानून 1894 में अविलम्ब संशोधन किया जाए वरना सरकारों और शासन प्रणाली को किसानों के तीखे आक्रोश का सामना करना पडेगा।
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डा. गिरीश द्वारा जो मांग की गयी है-किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण न किया जाए वह वाजिब है और सरकारों को तत्काल उसका पालन करना चाहिए. .
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