भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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Communist Party of India, U.P. State Council

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शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

इन उत्तर प्रदेश के "पार्थों" के खिलाफ कब कार्यवाही होगी? भाकपा


उत्तर प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली

भाकपा ने घोटालों की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की

 

लखनऊ- 29 जुलाई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों से पूछा है कि उत्तर प्रदेश के “पार्थों” के विरूध्द ईडी ( ED ) की कार्यवाही कब होगी? कब उत्तर प्रदेश में सरकार और प्रशासन में बैठे और नित नये घोटालों के लिये जिम्मेदारों संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा?

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा सचिव मंडल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में तबादलों, नियुक्तियों, सरकारी खरीद और निर्माण कार्यों में गंभीर भ्रष्टाचार और धांधली की खबरें निरंतर सार्वजनिक हो रही हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा हाल ही में उद्घाटित बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे में तो पहली बरसात में ही अनेकों खाइयां पैदा हो गयीं। लेकिन इन सारे मामलों पर केन्द्र और प्रदेश की सरकारें चुप्पी साधे बैठीं हैं। इनके जिम्मेदारों पर न तो ईडी की कार्यवाही हुयी न ही इनके विरूध्द कहीं बुलडोजर गरजते दिखा।

इतना ही नहीं अब फसल बीमा करने वाली कंपनियों द्वारा किसानों की लूट का भी पर्दाफाश हो चुका है। किसानों को मुफ्त बिजली देने के वायदे से मुकर चुकी सरकार अब उन्हें बरवाद करने को विद्युत मीटर लगा रही है। हैरान करने वाली बात है कि बहु-प्रचारित सीएम पोर्टल तक से शिकायतें गायब कर दी जाती हैं। भाजपा में अनेक लोग ऐसे शामिल हो गये जिन्होने सपा एवं बसपा सरकारों में रहते भ्रष्टाचार के जरिये अवैध और अकूत संपत्तियों का पहाड़ खड़ा कर लिया। इन सब मामलों पर भाजपा सरकारों की चुप्पी परेशान करने वाली है। चन्द माफियाओं को छोड़ उत्तर प्रदेश में ईडी और बुलडोजर या तो विपक्षियों पर हमलावर हैं या फिर आम लोगों पर।

भाकपा ने कहा कि भ्रष्टाचार और घोटालों के ये मामले उजागर हो चुके हैं, कोई दबे- छिपे  नहीं हैं। अतएव भाकपा मांग करती है कि जनहित में भ्रष्टाचार के इन मामलों की न्यायिक जांच कराई जाये और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित कर कड़ी कार्यवाही की जाये।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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रविवार, 24 जुलाई 2022

हाथरस: कांबड़ियों की मौत- भाकपा राज्य सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया


कांबड़ियों की मौत प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का परिणाम: भाकपा

आस्थावानों को उकसा कर उन्हें राम भरोसे छोड़ देती है सरकार

लखनऊ- 24 जुलाई,2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश आज हाथरस जनपद के थाना- सादाबाद अंतर्गत अलीगढ़- आगरा मार्ग पर ग्राम बढ़ार के निकट उस स्थल पर पहुंचे जहां 22/ 23 जुलाई की मध्यरात्रि को एक डंफर ने कांबड़ियों के एक जत्थे को कुचल दिया था। इस दर्दनाक हादसे में ग्वालियर जनपद के पाँच कांबड़ियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था, एक अन्य की अस्पताल में मौत होगयी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।

डा॰ गिरीश ने घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया, मौके पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों से वार्ता की और घटना के बाद की जा रही कथित और खोखली सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रशासन ने यद्यपि घटनास्थल के अधिकांश सबूत हटा दिये हैं लेकिन पसरे पड़े खून के धब्बे और बिखरी पड़ी धार्मिक सामग्री घटना की वीभत्स कहानी आज भी बयां कर रहे हैं।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव ने 6 शिव भक्तों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख जताया और शोक संतप्त उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। भाकपा ने प्रत्येक म्रतक के परिवार को रुपये 50 लाख का मुआबजा दिये जाने तथा गंभीर रूप से घायलों को रुपये 10 लाख दिये जाने की मांग की है। समूचे प्रकरण और अव्यवस्थाओं की उच्चस्तरीय जांच कराने और ज़िम्मेदारी मुकर्रिर कर दंडित किए जाने की मांग की है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि इस घटना से पहले जनपद में प्रशासन ने सुरक्षा संबंधी कोई कदम नहीं उठाये। 15 जुलाई को भी जनपद में हुयी एक दुर्घटना में दो काबड़िए दुर्घटना में घायल हुये थे लेकिन प्रशासन मगरूर बना रहा। कल की दुर्घटना के बाद प्रशासन ने बदहवाशी में जो कथित वैरीकेडिंग कराई और वो उखड़ भी गयी। गांव मीतई पर उखड़ी पड़ी वैरीकेडिंग के फोटो उनके पास हैं, डा॰ गिरीश ने दावा किया है।

डा॰ गिरीश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और भाजपा राजनैतिक उद्देश्यों से कांबड़ियों को भीड़ बना कर निकल पड़ने को उकसाती है। वह दलित पिछड़े और अन्य बेरोजगार युवाओं को अपनी वोट की राजनीति का ईंधन बनाती है। उन पर हेलिकॉप्टरों से फूल वर्षा कराती है और तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं करने के दाबे करती है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्थाएं की नहीं जातीं। फलतः हर वर्ष दर्जनों कांबड़िए जान से हाथ धो बैठते हैं और दुर्घटनाओं की प्रतिक्रिया में वाहन और अन्य संपत्तियों को नष्ट कर दिया जाता है। एक एक शिव भक्त दसियों हजार खर्च कर बैठता है और व्यापारी उनसे खूब लाभ उठाते हैं।

आज ही अखबारों में प्रकाशित यह खबर झकझोरने वाली है कि मुख्यमंत्री जी के आदेश पर मेरठ और सहारनपुर मंडल में कांबड़ियों पर हेलीकोप्टर्स से फूल वर्षा की जायेगी। प्रदेश में लगभग दर्जन भर कांबड़ियों की मौत के बावजूद ये जश्न उस सरकार के लिए शर्म की बात है, जो हिंदूवादी होने का दावा करती है। भाकपा दुख की इस घड़ी में पुष्पवर्षा के इस जश्न को तत्काल रद्द करने की मांग करती है।

भाकपा ने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाएँ रात्रि में घटित होती हैं, अतएव रात में या तो कांबड़ यात्रा बंद रखी जाये या फिर वाहन चालन रोका जाये। सबसे महत्वपूर्ण है कि शासक दल को अपने निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिये शिव भक्तों की आस्था के दोहन से बाज आना चाहिए। प्रबुध्द लोग अच्छी तरह जानते हैं कि शासक वर्ग इन आस्थापर्वों को उत्साहित कर महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार और अराजकता जैसे मुद्दों से आमजनों का ध्यान बँटाना चाहते हैं।

इस विजिट में डा॰ गिरीश के साथ का॰ नाहर सिंह, हिमांशु एवं मोहम्मद नासिर साथ थे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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बुधवार, 6 जुलाई 2022

केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार की जनता को कुचलने वाली नीतियों को उजागर करेंगे वामपंथी और जनवादी दल


वामपंथी एवं जनवादी दलों का राज्य स्तरीय सम्मिलन संपन्न

बुलडोजरवाद, पुलिस उत्पीड़न, वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले, संविधान और लोकतन्त्र को कुचलने, महंगाई, बेरोजगारी, अल्पसंख्यकों के प्रति जहरीली आक्रामकता, जाति आधारित गणना, विधायक निधि में अनावश्यक बढ़ोत्तरी  तथा अग्निवीर योजना आदि सवालों पर संयुक्त अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।  

लखनऊ- 6 जुलाई 2022, उत्तर प्रदेश के चार वामपंथी दलों और लगबाग दो दर्जन जनवादी पार्टियों के प्रतिनिधियों का एक राजनीतिक सम्मिलन (Political Meet) आज यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के क़ैसर बाग स्थित राज्य कार्यालय पर संपन्न हुआ। सम्मिलन में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा  माले, फारबर्ड ब्लाक, लोकतान्त्रिक जनतादल एवं दो दर्जन छोटे दलों के प्रतिनिधि शामिल हुये। बैठक की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने की।  

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश की भांति ही उत्तर प्रदेश भी आज आजादी के बाद के सबसे गहरे संकट से गुजर रहा है। डबल इंजिन की सरकार की नीतियों और कारगुजारियों ने आम जनता को गहरे संकट में डाल दिया है। अर्थव्यवस्था चरमराई हुयी है। उससे निपटने के नाम पर जनता के ऊपर भारी बोझ लादा जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर, कई कई छद्म टैक्स आरोपित कर, महंगाई बढ़ा कर और युवाओं को बेरोजगार बना कर चंद पूँजीपतियों को मालामाल किया जा रहा है। आम जनता अपार कष्ट भोगने को मजबूर है, और उसका यह आक्रोश छोटी मोटी अनेक असंगठित और स्वतःस्फूर्त कार्यवाहियों में जाहिर हो रहा है। लेकिन यह अभी कोई संगठित रूप नहीं ले पा रहा। जनविरोधी और कारपोरेटपरस्त केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें इस आक्रोश को भांप रही हैं। अतएव हर क्षण आक्रोश को भटकाने और दबाने के षडयंत्रों में जुटी हैं। अपने इन्हीं हथकंडों से वह जनता की आकांक्षाओं को पलीता लगा कर नये नये एजेंडे थोप रही हैं। विपक्षी और वामपंथी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार नियमित नौकरियाँ छीनी जा रही हैं और बेरोजगारी अप्रत्याशित स्तर तक पहुंच गयी है। सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार जून महीने में ही बेरोजगारों की कतार में एक करोड़ तीस लाख लोग जुड़ गए। केन्द्र सरकार ने अब अग्निपथ/ अग्निवीर योजना लागू कर सरकार ने देशभक्त और बेरोजगार युवाओं पर बड़ा हमला बोला है। यह देश की सुरक्षा से खिलबाड़ भी है। विरोध करने पर युवाओं के आंदोलन को बुरी तरह कुचला गया है और उन्हें जेलों में डाला गया।

उत्तर प्रदेश सरकार जनता के व्यापक हिस्सों से उठ रही मांगों से भाग रही है। भाजपा ने दलितों और पिछड़ों को जाति- धर्म के नाम पर बरगला कर उनका वोट हासिल कर सरकारें तो बना लीं, पर अब वह उनकी समस्याओं के निदान और सामाजिक न्याय के सवाल से मुंह चुरा रही है। इसीलिए केन्द्र और राज्य सरकारें जाति आधारित जनगणना और गणना कराने में निरंतर टालमटोल कर रही हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर जातीय गणना कराने की मांग निरंतर उठ रही है। व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायक निधि को बढ़ा कर 5 करोड़ रुपए कर दिया है। जन कल्याण की योजनाओं के धन में कटौती कर विधायकों को मालामाल बनाया जा रहा है।

महंगाई पहले ही सातवें आसमान पर है और अब जिम्मेदार संस्थाओं ने विकास दर के नीचे जाने और महंगाई को छप्पड़ फाड़ कर आगे जाने की भविष्यवाणियाँ की हैं। डालर के मुक़ाबले रुपए की कीमत निरंतर गिर रही है। सरकार देश की जीडीपी का 83 प्रतिशत कर्ज ले चुकी है और आज आहार नागरिक पर लगभग रुपये 99 का कर्ज चढ़ा है। चंद कार्पोरेट्स घरानों की संपत्तियों में गहरा इजाफा हुआ है जबकि गरीबी के नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुयी है। जनता का जीवन संकट में आ गया है और कई किसानों और अन्य लोगों ने धनाभाव से पीड़ित हो स्वयं अथवा परिवारों सहित आत्महत्याएं की हैं। रोजगार देने वाली परंपरागत योजनाओं से मुकरने, मनरेगा को सीमित करने, भर्ती जाम और सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से बेरोजगारी ने युवाओं और मजदूरों को भुखमरी के गर्त में धकेल दिया है।

सरकारों का पीछा कर रही समस्याओं से ध्यान हटाने को सत्ता की ताकत से चूर संघ परिवार द्वारा नफरत और विभाजन पर आधारित अपनी अल्पसंख्यक विरोधी विचारधारा को सरकारों के जरिये अमल में लाने से आज अल्पसंख्यकों के खिलाफ भारी घ्रणा अभियान चलाया जा रहा है। इसकी कीमत देश प्रदेश की जनता को पर चुकानी पड़ रही है। ज्वलंत समस्याओं से आक्रोशित जनमानस को बुलडोजर चला कर और पुलिस को दमन की खुली छूट दे कर भयाक्रांत किया जा रहा है। महिलाओं दलितों और कमजोर तबकों पर अत्याचार सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। वामपंथी और अन्य जनवादी शक्तियों और शख़्सियतों पर पुलिस के हमले तेज हुये हैं। राजनीति से प्रेरित इस तमाम दमनचक्र के बावजूद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जरतम स्थिति में है।

इस सम्मिलन में आगे मिल कर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सबसे पहले जनता के ज्वलंत सवालों पर संयुक्त क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाएँगे। पहला सम्मेलन अगस्त माह में वाराणसी में आयोजित किया जायेगा जिसमें अभियान की आगे की रूपरेखा भी प्रस्तुत की जाएगी।

अभियान के संचालन हेतु एक समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया जिसका नाम वामपंथी दलों और जनवादी शक्तियों की समन्वय समिति” रखा गया।

सम्मिलन में चर्चा का शुभारंभ डा॰ गिरीश ने किया। चर्चा में डा॰ हीरा लाल यादव, सुधाकर यादव, उदय राज सिंह, डी के यादव, जुबेर अहमद, पूर्व विधायक इम्तियाज़ अहमद, मधु गर्ग, अरुण सिंह, पूर्व विधायक राम लाल, अरविंद राज स्वरूप, प्रेम नाथ राय, रमेश सेंगर, अशोक मिश्रा आदि ने भाग लिया।

जारी द्वारा

डा॰ गिरीश

 

 

 

 

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शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

CPI on Police atrocities in UP

 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल

22, कैसर बाग, लखनऊ- 226001

दिनांक- 1 जुलाई, 2022

प्रकाशनार्थ-

पुलिस कानून हाथ में लेकर अल्पसंख्यको, दलितों और विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है

भाकपा ने निचलौल ( महाराजगंज ) एवं मऊ पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मण्डल ने जनपद- महाराज गंज की थाना- निचलौल पुलिस पर कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं एवं अखिल भारतीय नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष का॰ अमजद शाह को थाने ले जाकर बुरी तरह पीटे जाने, उन्हें थूक कर चटवाने, सभी के परिवारों को संगीन केसों में फंसा देने, जेल भेजने और उनके प्रति सांप्रदायिक भाषा का स्तेमाल करने का आरोप लगाया है। भाकपा ने थानाध्यक्ष का फौरन तबादला कर उसके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही करने तथा कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को उक्त तानाशाह थानाध्यक्ष से बचाने की मांग की है।

भाकपा ने गत 20 जून को मऊ कोतवाली पुलिस द्वारा सीपीएम नेता का॰ प्रेमनाथ राय के साथ दुर्व्यवहार के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महानिदेशक, उत्तर प्रदेश पुलिस को लिखे पत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा है कि जनपद- महाराज गंज के थाना- निचलौल की पुलिस 29 जून 2022 को भारी संख्या में पुलिस बल के साथ देर शाम ग्राम- जयश्री पहुंची और अखिल भारतीय नौजवान सभा उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, महाराजगंज के सह सचिव कामरेड अमजद शाह सहित रोहित, समीर एवं अखिलेश भारती को गिरफ्तार कर थाना निचलौल ले आयी।

उन सभी का कथित कसूर यह था कि उन्होने कुछ अन्य नौजवान सभा कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर अखिल भारतीय नौजवान सभा ( AIYF ) के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत अपने ही गांव जयश्री में शाम 5 बजे विवादास्पद अग्निपथ/ अग्निवीर योजना का पुतला जला कर लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध जताया था।

थानाध्यक्ष निचलौल श्री रामाज्ञा सिंह ने थाने ले जाकर उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दीं, बुरी तरह पीटा और सभी को लाक अप में बंद कर दिया। उनके मोबायल फोन भी छीन लिए गये।

हद तो तब हो गयी जब अगले दिन 30 जून 2022 को सुबह 8. 00 बजे थानाध्यक्ष रामाज्ञा सिंह ने अमजद शाह, रोहित समीर एवं अखिलेश भारती को लाकर से निकाल कर अपने कार्यालय में ले जाकर नंगा कराके पट्टा और जूतों से बुरी तरह मारा पीटा। इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने अमजद शाह को थूक कर चटवाया और कहा कि साले कटुये पाकिस्तान बनाना चाहते हो, बहुत जल्दी ही तुम गोली से उड़ा दिये जाओगे आदि। इसके बाद उन्हें फिर से लाकर में बन्द कर दिया गया।

इसके दो घंटे बाद सभी को डाक्टरी परीक्षण के नाम पर स्वास्थ्य केन्द्र निचलौल ले जाया गया। अमजद शाह ने डाक्टर को सारी चोटें दिखाईं। मगर पुलिस के दबाव में डाक्टर चोटें दर्ज करने को तैयार नहीं था। मनमाना लिख कर कागजों पर जबर्दस्ती हस्ताक्षर कराने और अंगूठा लगाने की कोशिश की गयी और जब नहीं किया तो पुलिस अमजद शाह के छोटे भाई सद्दाम को पकड़ लायी और उसे भी बुरी तरह मार पीट कर डाक्टरी परीक्षण के कागजातों पर दस्तखत करने और कराने को बाध्य किया गया। समस्त कागजातों पर हस्ताक्षर करा के थानाध्यक्ष ने धमकी दी कि सरकार के खिलाफ जा रहे हो, सारे परिवार का जीवन बरवाद कर देंगे। अगर हमारे खिलाफ कुछ भी बोला- बताया तो सभी के परिवारों को संगीन दफाओं में मुकदमे लगा कर जेल में डाल देंगे।

थानाध्यक्ष निचलौल का एक एक वाक्य और कदम इस बात का परिचायक है कि वह सांप्रदायिक मानसिकता से ओतप्रोत एक तानाशाह रवैये का अधिकारी है जो खुद कानून को तोड़ता है।

उपर्युक्त सभी पेशबंदियाँ कर और सभी को आतंकित कर चारों का शान्ति भंग के आरोप में चालान कर दिया गया, जिन्हें परिवारी जनों ने जमानत पर छुड़ा लिया है। सभी के परिवार पुलिस के भय और किसी अनहोनी की आशंका से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

आपके संज्ञान में यह भी लाना उचित समझता हूं कि गत 20 जून को मऊ जनपद के मऊ कोतवाली की पुलिस मऊ स्टेशन से सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य कामरेड प्रेमनाथ राय को पकड़ ले गयी, उनके चांटा मारा और परिचय देने पर कहा कि कम्युनिस्ट तो देशद्रोही होते हैं। भाकपा और माकपा के स्थानीय नेताओं ने जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तब प्रेम नाथ राय को छोड़ा गया।

अनेक उदाहरण हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिस राजनीतिक द्रष्टिकोण से काम कर रही है और वह अल्पसंख्यकों, दलितों, उनके पक्ष में आवाज उठाने वाले वामपंथी कार्यकर्ताओं और विपक्षियों को निशाना बना रही है। राजनैतिक कार्यकर्ताओं के साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर खुद कानून हाथ में ले रही है। यह लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के लिये घातक है।

भाकपा राज्य सचिव ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अनुरोध किया है कि थानाध्यक्ष- निचलौल ( महाराजगंज ) का वहाँ से तत्काल स्थानांतरण कर उनके विरूध्द कानून सम्मत कार्यवाही की जाये। कामरेड अमजद शाह और अन्य पर दर्ज किया गया मुकदमा रद्द किए जाये, और उनके परिवारों की थानाध्यक्ष निचलौल से सुरक्षा की जाये। साथ ही साथी प्रेमनाथ राय से दुर्व्यवहार करने वाले मऊ कोतवाली के दोषी पुलिसकर्मियों को भी दंडित किया जाये।

मानवाधिकारों की सुरक्षा, राजनैतिक कार्यकर्ताओं के सम्मान और जान की रक्षा, लोकतन्त्र और न्यायप्रणाली के प्रति विश्वास के लिये यह अति आवश्यक है, भाकपा राज्य सचिव ने पत्र में लिखा है।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश  

9412173664, 7055893132

 

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रविवार, 26 जून 2022

लोकसभा उपचुनाव परिणामों पर भाकपा की प्रतिक्रिया


वैचारिक संघर्ष और मुद्दों पर आंदोलन खड़ा करके ही भाजपा को परास्त किया जा सकता है; विचारधारा-विहीन लफ्फाजी और जातियों के गठजोड़ से नहीं

लखनऊ- 26 जून 2022, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मंडल ने कहा कि भाजपा को निरन्तर वैचारिक संघर्ष और उठ रहे जन मुद्दों पर व्यापक आंदोलन खड़े करके ही परास्त किया जा सकता है। विचारधार-विहीन लफ़्फ़ाज़ी, जातियों- उपजातियों के गठजोड़ और संकीर्ण दलीय स्वार्थों को लेकर चलने वाले दल और व्यक्ति, महाशक्ति बन चुकी भाजपा को परास्त नहीं कर सकते।

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि सत्ता, प्रशासन के भय, धनबल, विभाजनकारी नीतियों और बिके हुये मीडिया की एकतरफा भूमिका के बावजूद इन चुनावों में भाजपा की हार के लिए पर्याप्त कारण मौजूद थे। आकाश छूती महंगाई, बेरोजगारी, नित रोज सामने आरहे घोटाले, अर्थव्यवस्था की दयनीय दशा, सार्वजनिक क्षेत्र का बेचा जाना, अग्निपथ जैसी योजनाएँ लाकर नौजवानों से छलावा और उनका दमन, विकास और गरीबी के मानकों में उत्तर प्रदेश का पिछड़ते जाना, बलात्कार हत्या लूट जैसे अपराधों की बाढ़, अल्पसंख्यकों दलितों कमजोरों का उत्पीड़न, ऊपर से दमनकारी बुलडोजरवाद और पुलिसराज जैसे तमाम मुद्दे थे जिन पर भाजपा और उसकी सरकार को घेरा जा सकता था। लेकिन विपक्ष की क्षेत्रीय पार्टियां इन मुद्दों को उभारने में असफल रहीं और जातीय जोड़ तोड़ और विचारधारा-विहीन लफ्फाजी पर ही आश्रित रहीं।

भाकपा ने कहा कि विधान सभा एवं विधान परिषद के चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार के बावजूद विपक्षी नेत्रत्व ने उपचुनावों में समस्त भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट नहीं किया, वामपंथी दलों से संपर्क तो दूर उनके बारे में नकारात्मक टिप्पणियाँ की गयीं, आजमगढ़ जैसी जगह जहां भाकपा का परंपरागत आधार है, उसकी उपेक्षा की गयी और भाजपा की ताकत के मुक़ाबले एक सक्षम और समानान्तर ताकत खड़ी करने की कोशिश दूर दूर तक नहीं की गयी। अतएव नतीजा सामने है। इन नतीजों ने भाजपा के दुस्साहस को और बढ़ा दिया है और अब वह और अधिक निर्ममता एवं निर्भयता से दमन और आतंक चलायेगी।

अतएव भाकपा दोहराती है कि भाजपा और संघ की कट्टर हिंदुत्ववादी और कारपोरेटपरस्त नीतियों और उनके लागू किये जाने से पैदा हो रहे मुद्दों पर वैचारिक अभियान और आंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है। वामपंथी दल इसके लिये प्रतिबध्द हैं और शीघ्र ही एक ठोस कार्ययोजना आम जनता के समक्ष रखी जायेगी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश    

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शुक्रवार, 17 जून 2022

देश के सुरक्षा सरोकारों से खिलवाड़ है 'अग्निपथ' योजना


अग्निपथ योजना को फौरन रद्द किया जाये, रिक्तियों को मौजूदा प्रक्रिया से तत्काल भरा जाये: भाकपा

लखनऊ- 17 जून 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने सेना को छोटी और युवा बनाने के नाम पर अग्निपथ नाम की नयी योजना को लागू करने के कदम को सिरे से खारिज कर दिया है।

यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि भाकपा महसूस करती है कि सैनिकों की मौजूदा सेवा शर्तों और अनुशासन में किया जाने वाला कोई भी बदलाव देश की सुरक्षा और संप्रभुता को हानि पहुंचाएगा। सरकारी राजस्व के व्यय से संपूर्ण प्रशिक्षण पाने के बाद संविदा पर नियुक्ति एवं अल्पकालिक रोजगार न केवल सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा, अपितु प्रशिक्षित युवाओं के भविष्य को भी हानि पहुंचायेगा। 4 साल बाद वापस आने के बाद उन्हे उपयुक्त रोजगार पाना कठिन ही नहीं असंभव हो जाएगा।

भाकपा ने अग्निपथ को लेकर युवाओं के आक्रोश को स्वाभाविक बताते हुये उनकी मांगों को सामयिक और न्यायोचित बताया है। पार्टी ने लोकतान्त्रिक ढंग से आवाज उठाने की सलाह युवाओं को दी है।

भाकपा ने सरकार को सुरक्षा बलों में भर्ती अथवा पदोन्नति के मौजूदा ढांचे में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करने की चेतावनी दी है।

भाकपा मांग करती है कि अग्निपथ योजना को तत्काल रद्द किया जाये और मौजूदा रिक्तियों को मौजूद प्रक्रिया से ही फौरन भरा जाये।

डा॰गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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सोमवार, 13 जून 2022

उत्तर प्रदेश सरकार की कारगुजारियों पर भाकपा ने उठाए सवाल


अवैध ध्वस्तीकरण रोको; उकसाबेबाजों को दंडित करो

लखनऊ- 13 जून 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भय, विभाजन और राजनैतिक पूंजी बढ़ाने के उद्देश्य से लोगों के आवासों पर चलाया बुलडोजर अवाम के रहने, जीने के अधिकार और गरिमा पर बर्बर हमला तो है ही, यह पूरी तरह गैर कानूनी, असंवैधानिक और न्याय के सिध्दांत का ध्वस्तीकरण है। मध्यकालीन बर्बरता को बहुत पीछे छोड़ चुकी इन कार्यवाहियों को उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल रोकना चाहिये। वरना पुनः जंगल का कानून लौटते देर नहीं लगेगी।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवा निव्रत्त न्यायाधीश श्री गोविन्द माथुर की इस गंभीर टिप्पणी के बाद कि “यह पूरी तरह गैर कानूनी है, भले ही एक पल के लिये ही यह मान लें कि निर्माण अवैध था, करोड़ो भारतीय भी ऐसे ही रहते हैं। यह अनुमति नहीं है कि आप रविवार को एक घर को ध्वस्त कर दें, जबकि उसका निवासी हिरासत में हो। यह कोई तकनीकी मुद्दा नहीं है। कानून के शासन का सवाल है।“ यह तय होगया कि सबकुछ मनमाने ढंग से चल रहा है। इसका न्यायिक प्रतिकार होना चाहिये भाकपा ने कहा है।

शुक्रवार को हुयी पत्थरबाजी की घटनायें कदापि उचित नहीं कही जा सकतीं और हर जिम्मेदार दल और व्यक्ति ने उसकी आलोचना की है। लेकिन भाजपा, आरएसएस, केन्द्र व राज्य सरकार तथा मीडिया के बड़े हिस्सों द्वारा निरंतर की जा रहीं उकसाबे की कार्यवाहियाँ क्या इन घटनाओं के लिये जिम्मेदार नहीं हैं? क्या इन उकसाबेबाजों को पहले ही दंडित नहीं किया जाना चाहिये था? यदि उनको कानून के तहत कठघरे में खड़ा किया गया होता तो बहुत संभव है, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें होती ही नहीं। फिर पत्थरबाजी की घटनायें निरंतर मानसिक प्रताड़ना से उद्वेलित लोगों द्वारा किन्ही निहित राजनैतिक स्वार्थों के भड़काने पर की गयी प्रतीत होती हैं, लेकिन यह अवैध ध्वस्तीकरण तो उन हस्तियों द्वारा किया और कराया जा रहा है जो संवैधानिक पदों पर आसीन है।

भाकपा ने पुरजोर शब्दों में मांग की कि अवैध ध्वस्तीकरण की इन कारगुजारियों को तत्काल रोका जाये, पत्थरबाजी की घटनाओं की गहराई से जांच करा के उसके प्रेरकों को दंडित किया जाये, मुस्लिम समुदाय को मानसिक प्रतारणा देने वाली कार्यवाहियाँ तत्काल रोकी जायें उकसाबेबाजों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये, ध्वस्त की गई संपत्तियों का मुआबजा दिया जाये। भाकपा अपेक्षा करती है कि उच्च और सर्वोच्च न्यायालय समूचे हालातों का स्वतः संज्ञान लेकर विधि के शासन और न्यायिक प्रणाली के प्रति विश्वास की रक्षा करेंगे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश   

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शुक्रवार, 10 जून 2022

वामपंथी दलों की विस्तारित बैठक 6 जुलाई को भाकपा कार्यालय लखनऊ में


जातीय जनगणना, अल्पसंख्यकों के प्रति घ्रणा अभियान, विधायक निधि में बढ़ोत्तरी, महंगाई और बेरोजगारी, बुलडोजरवाद और पुलिसराज के विरूध्द उत्तर प्रदेश में अभियान चलाने की रूपरेखा बनाने में जुटे वामपंथी दल

लखनऊ- 10 जून 2022, जातिगत जन गणना से उत्तर प्रदेश सरकार के मुकरने, पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी विधायक निधि को बढ़ा कर रु॰ 5 करोड़ कर दिये जाने, सारी सीमायें लांघ रही महंगाई और बेरोजगारी, अल्पसंख्यकों के प्रति केन्द्र, उत्तर प्रदेश सरकारों और संघकुल  द्वारा चलाये जा रहे घ्रणा अभियान, बुलडोजरवाद और पुलिसराज के चक्र तले रौंदे जा रहे अवाम की पीड़ा जैसे सवालो पर उत्तर प्रदेश में वामपंथी दल बड़ी कार्यवाहियों की ओर बढ़ने की योजना पर काम कर रहे हैं।

इस संबंध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी एवं भाकपा- माले के राज्य सचिवों ने आज लखनऊ में बैठक कर प्राथमिक चर्चा की।

बैठक में निर्णय लिया गया कि उपर्युक्त के संबन्ध में विस्तारित चर्चा हेतु वामपंथी दलों का शीर्ष नेत्रत्व एक और विस्तारित बैठक आयोजित करेगा। यह बैठक आगामी 6 जुलाई को पूर्वान्ह 10: 30 बजे भाकपा के राज्य कार्यालय, 22 कैसरबाग, लखनऊ में आयोजित की जायेगी। बैठक में वामदलों के राज्य सचिव मंडलों के साथीगण शिरकत करेंगे। वामपंथ की सहयोगी कई अन्य पार्टियों की ओर से उनके दो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जा रहा है।

बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव एवं भाकपा माले के राज्य सचिव का॰ सुधाकर यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दलितों और पिछड़ों को जाति- धर्म के नाम पर बरगला कर उनका वोट हासिल कर सरकारें तो बना लीं, पर अब वह उनकी समस्याओं के निदान और सामाजिक न्याय के सवाल से भाग रही है। इसीलिए केन्द्र और राज्य सरकारें जाति आधारित जनगणना और गणना कराने में निरंतर टालमटोल कर रही हैं। जनता की आलोचनाओं के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायक निधि को बढ़ा कर 5 करोड़ कर उनकी सात पीढ़ियों के विलासितापूर्ण जीवन का इंतज़ाम कर दिया है। लोकसभा के उपचुनावों और राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह कार्यवाही चुनावी लाभ की भावना से प्रेरित है।

वामपंथी नेताओं ने कहा कि महंगाई पहले ही सातवें आसमान पर है और अब जिम्मेदार संस्थाओं ने विकास दर के नीचे जाने और महंगाई को छप्पड़ फाड़ कर आगे जाने की भविष्यवाणियाँ की हैं। इससे जनता का जीवन संकट में आ गया है और कई लोगों ने धनाभाव से पीढ़ित हो स्वयं अथवा परिवारों सहित आत्महत्याएं की हैं। वामपंथ निरंतर इस सवाल पर संघर्षरत है और उसने 25 से 31 मई तक व्यापक जन आंदोलन चलाया है। लेकिन अब इस सवाल को और शिद्दत से आगे बढ़ाया जायेगा। रोजगार देने वाली परंपरागत योजनाओं से मुकरने, मनरेगा को सीमित करने, भर्ती जाम और सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से बेरोजगारी ने युवाओं और मजदूरों को भुखमरी के गर्त में धकेल दिया है, अतएव संघर्ष का यह एक अहम मुद्दा होगा।

सरकारों का पीछा कर रही समस्याओं से ध्यान हटाने को सत्ता की ताकत से चूर संघकुल द्वारा अपनी अल्पसंख्यक विरोधी विचारधारा को सरकारों के जरिये अमल में लाने से आज अल्पसंख्यकों के खिलाफ भारी घ्रणा अभियान चलाया जा रहा है जिसकी कीमत देश को विश्व स्तर पर चुकानी पड़ी है। ज्वलंत समस्याओं से आक्रोशित जनमानस को बुलडोजर चला कर और पुलिस को दमन की खुली छूट दे कर भयाक्रांत किया जा रहा है। राजनीति से प्रेरित इस दमनचक्र के बावजूद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जरतम स्थिति में है।

6 जुलाई को होने जा रहे वाम- समागम में इन सवालों पर गंभीरता से विचार कर आगे की कार्ययोजना तैयार की जायेगी, वाम नेताओं ने कहा है।

जारी द्वारा-

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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रविवार, 5 जून 2022

बुलडोजरवाद पुलिसराज के तले कराह रहा है उत्तर प्रदेश


हापुड़ में फैक्ट्री मजदूरों की दर्दनाक मौत पर भाकपा ने गहरी वेदना प्रकट की

भाकपा की मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और 8 जून को

ज्ञापन दिये जाने का निर्देश दिया

लखनऊ- 5 जून 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने जनपद- हापुड़ के धौलाना में एक फैक्ट्री में हुये हादसे में अब तक हुयी 13 मजदूरों की दर्दनाक मौत पर गहरी वेदना व्यक्त की। घायलों के प्रति गहरी सहानुभूति जताते हुये उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा आशा जतायी कि लापता मजदूर शीघ्र अपने परिवारों को वापस मिल जायेंगे। घायलों के संपूर्ण और समुचित इलाज की मांग करते हुये प्रत्येक म्रतक परिवार को रुपये 50 लाख की  आर्थिक सहायता तथा घायलों को इलाज और आजीविका खर्च अलग से दिये जाने की मांग की।

भाकपा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने और उत्तर प्रदेश के उद्योगों में मजदूर वर्ग के शोषण उनके उत्पीड़न और उनकी असुरक्षा जैसे सवालों पर न्यायिक आयोग बैठाये जाने की मांग की।

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का कथित विकास का माडल मजदूर वर्ग की यातनाओं, शोषण और उनकी जान की नींव पर खड़ा है। श्रम क़ानूनों को चार लेबर कोड्स में बदले जाने के बाद से तो मजदूरों की हालत कीड़े मकोड़ों जैसी हो गयी है। उन्हें बेहद कम वेतन, ठेके या दैनिक मजदूरी पर हर तरह से असुरक्षित और अमानवीय वातावरण में काम करना होता है। बिजली के खंभों में करेंट आ जाने, बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर लाइनों में काम करने, सड़कों और पुलों के जोखिमपूर्ण कामों में बिना सुरक्षा इंतज़ामों के लगाने और भाजपा की इंस्पेक्टर राज समाप्त करने की सनक के चलते हर रोज मजदूर जान से हाथ धो रहे हैं और सरकार की अनदेखी उनके परिवारों को असुरक्षित भविष्य की अन्धी गली में धकेल रही है।

वैसे भी बुलडोजरवाद और पुलिसराज के तहत कशमशा रहे उत्तर प्रदेश का हर दिन बेहद पीड़ादायक होता है। आज की ही खास खबरों पर नजर डालें तो मथुरा जनपद के गाँव नवादा में भाजपा नेता की फैक्ट्री में चौकीदार को चारपाई से बांध ट्रेक्टर चड़ा कर उसकी न्रशंस हत्या कर दी गयी। इसी जनपद के विद्यापति नगर थाने के मऊ बाज़ार में गरीबी और आर्थिक तंगी से आजिज़ आकर मनोज झा ने बूढ़ी माँ और परिवार के 5 सदस्यों सहित आत्महत्या कर ली। बदायूं में थर्ड डिग्री देकर पुलिसकर्मियों ने एक युवक को मरणासन्न हालत में पहुंचा दिया तो जनपद जौनपुर में होमगार्ड को पीट पीट कर मार डाला गया। कहीं ट्यूशन टीचर के पति ने छात्रा से मुंह काला किया तो कहीं बलात्कार पीड़िता ने न्याय न मिलने पर फांसी पर लटका लिया। हत्या लूट अपहरण और बलात्कार तो यहां रामराज्य के आभूषण बन चुके हैं।

पर यह खबरें कानपुर की पत्थरबाजी और ज्ञानवापी की नक्काशी की तरह भक्तों को उद्वेलित नहीं करतीं। नहीं साधुवेशधारी श्रीमानों का खून खौलता है। गरीबों के हितैषी होने का करोड़ों रुपये वाला विज्ञापन चलवाने वाले पीएम और सीएम के कार्यालयों के अफसर उनके नाम से घड़ियाली आँसू बहाने वाला ट्वीटर जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। ऐसे में गरीबों को न्याय की उम्मीद कैसे की जाये। प्रदेश के ऐसे हालातों पर जितना अफसोस जताया जाये कम है।

भाकपा पुनः मांग करती है कि हापुड़ के मजदूरों को न्याय दिलाने को हर संभव और पारदर्शी कदम उठाये जायें। जांच के दायरे में श्रम/ उद्योग विभागों और प्रशासन की ज़िम्मेदारी को शामिल किया जाये। भाकपा ने अपनी मेरठ मंडल की इकाइयों को आवश्यक कदम उठाने और इस संबंध में 8 जून को मंडल भर में ज्ञापन दिये जाने के निर्देश दिये हैं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश   

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शुक्रवार, 3 जून 2022

कानपुर में शान्ति स्थापित की जाये : भाकपा


कानपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा निर्मित घ्रणा और उन्माद के वातावरण की देन

प्रशासन ही नहीं शासन की भी है ज़िम्मेदारी, कड़ी कार्यवाही हो: भाकपा  

एकतरफा नहीं, तटस्थभाव से जांच कर हो सर्व- स्वीकार्य कार्यवाही

भाजपायी नुस्खों से सुशासन चलता तो कश्मीर आज भी क्यों दहक रहा होता 

लखनऊ- 3 जून 2022, भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान के विरोध में पूर्व घोषणा के अनुसार बाजार बन्द करा रहे लोगों से बजरंग दल और विहिप के नेताओं के साथ आयी भीड़ से हुये टकराव के परिणामस्वरूप कानपुर में भड़की हिंसा उस घ्रणा और उन्मादी वातावरण की देन है जिसे सरकार, भाजपा और उसके पाले- पोसे तत्व हवा दे रहे हैं। यह प्रशासन की ही नहीं सरकार की भी असफलता है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दोनों को कटघरे में खड़ा करती है।

आज कानपुर में हुये उपद्रव पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुये भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि जिस जनपद में शासक वर्ग की क्रीम- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल मौजूद हों और पूरे मंडल को हाई एलर्ट पर रखा गया हो वहीं इस तरह की विस्फोटक घटनायें प्रदेश की कानून व्यवस्था और आम आदमी की सुरक्षा पर गहरे प्रश्न खड़े करती हैं। क्या महामहिम राष्ट्रपति जी अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करते हुये प्रधानमंत्री जी को राज्य सरकार को दंडित करने का निर्देश देंगे, भाकपा ने सवाल उठाया है। आज ही लखनऊ में हुये पूंजीपतिवर्ग के मेले में मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले प्रधानमंत्री जी से क्या हम यह न्यायोचित उम्मीद करें?

भाकपा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल और उनके बहुरूपी समर्थक महंगाई, बेरोजगारी और अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने को सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने को हर हथकंडा अपना रहे हैं। समाज के एक हिस्से के प्रति घ्रणा और हिंसक अभियान चला कर सत्तारूढ़ समूह 1989- 1992 जैसा विषाक्त वातावरण बनाने में जुटे हैं। बाबरी विध्वंस इसी वातावरण की देन था। ऐसे वातावरण में प्रदेश में निवेश आयेगा क्या? जैसा कि सत्ता प्रतिष्ठान दाबे कर रहा है।

कानपुर के भाजपा विधायकगण आज भी शांति की बात करने के बजाए एक पक्ष पर ज़िम्मेदारी डाल कर एकतरफा कार्यवाही के संकेत दे रहे हैं। बुलडोजर चलाने और संपत्तियां जब्त करने की धमकियाँ दे रहे हैं। हमारा सवाल है कि तनाव की जड़ नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्यवाही होगी क्या? भीड़ बना कर बाज़ार खुलवाने आए बजरंगियों पर कार्यवाही होगी क्या? अगर गरीबों पर बुलडोजर चलाने भर  से शान्ति स्थापित होती तो यह वारदात होती ही क्यों? भाजपायी नुस्खों से सुशासन चलता तो कश्मीर आज भी क्यों सुलग रहा होता? ये ज्वलंत सवाल हैं जिन पर सत्ता प्रतिष्ठान को गंभीरता से विचार करना होगा।

भाकपा ने कहा विस्फोटक वातावरण बनाया जायेगा तो विस्फोट होगा ही। अतएव भाजपा घ्रणा और उन्माद फैलाना बन्द करे। तटस्थ भाव से घटनाओं की छानबीन कर समदर्शी भाव से समस्त दोषियों के विरूध्द कार्यवाही करे। प्रशासन ही नहीं शासन की भी ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिये। बड़बोलापन नहीं, सर्वस्वीकार्य एक्शन होना चाहिये। यही प्रदेश के हित में होगा और यही देश के भी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश   

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गुरुवार, 2 जून 2022

जातीय गणना के प्रश्न पर वामदलों ने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा


बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी जाति आधारित गणना करायी जाये: वामदल 

प्रकरण पर सर्वदलीय बैठक शीघ्र बुलाये जाने की मुख्यमंत्री से मांग की

लखनऊ- 2 जून 2022, उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों ने मांग की कि बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जाति आधारित गणना करायी जाये, और इस पर विचार करने के लिये राज्य सरकार वामदलों सहित सभी राजनैतिक दलों की बैठक शीघ्रातिशीघ्र आहूत करे।

यहां जारी एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी, भाकपा- माले एवं आल इंडिया फारबर्ड ब्लाक के राज्य नेत्रत्व ने कहा कि समाज के सभी हिस्सों की समान प्रगति सुनिश्चित करने के लिये उनके बारे में सभी तथ्य जुटाया जाना आवश्यक है, अतएव हम जातीय गणना कराना चाहते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर भी हम जाति आधारित जनगणना ( Census ) की मांग करते चले आ रहे हैं मगर भाजपा की केन्द्र सरकार टालमटोल का रवैया अपनाती रही है। अब भाजपा समर्थित बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना ( Enumeration ) कराने का निर्णय सर्वदलीय बैठक में लिया है तो उत्तर प्रदेश के वंचित समूहों में भी अपने बारे में सही और तथ्यपूर्ण आंकड़ों की इच्छा जागी है। सामाजिक न्याय के हित में यह अति आवश्यक भी है।

अतएव हम उत्तर प्रदेश में भी जाति आधारित गणना कराये जाने की मांग करते हैं, भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश, माकपा राज्य सचिव डा॰ हीरा लाल यादव, भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव और फारबर्ड ब्लाक के राज्य संयोजक अभिनव कुशवाहा ने संयुक्त बयान में कहा है। उन्होने उम्मीद जतायी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस विषय पर विचारार्थ शीघ्र सर्वदलीय बैठक आहूत करेंगे।

जारी द्वारा-

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 1 जून 2022

विधायक निधि प्रकरण पर भाकपा की प्रतिक्रिया


राजनीति में पसरे भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देने वाला तथा राजनीति करने के इच्छुक सामान्यजनों को पीछे धकेलने वाला है विधायक निधि को बढ़ाया जाना।  भाकपा ने की रद्द करने की मांग।

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के सचिव मंडल ने विधायक निधि 3 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 5 करोड़ करने की विधान सभा में मुख्यमंत्री की घोषणा पर गहरी आपत्ति जतायी है और इसे रद्द करने की मांग की है। यह राजनीति के नए प्रवेशार्थियों के लिये एकलव्य का अंगूठा काट लेने जैसा है, और राजनीति में पहले से ही व्याप्त महाभ्रष्टाचार को और बढ़ावा देने वाला कदम है।

एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि वैसे ही देश और प्रदेश की राजनीति पर धनबली, बाहुबली और माफिया हावी हैं। अपवादों को छोड़ दीजिये तो ऐसे ही लोग चुनावों में बाजी मार रहे हैं और सच्चे ईमानदार और गरीब प्रत्याशी पराजित होने को मजबूर हैं। ऐसे में धनबली बन चुके विधायकों को विकास के नाम पर 5 करोड़ मुहैया कराना उन्हें चुनावी मैदान में सामान्य प्रत्याशियों से बलशाली बनाना है।

कौन नहीं जानता कि विधायक निधि में भारी कमीशनखोरी चल रही है, और एक विधायक 5 साल के कार्यकाल में मालामाल हो जाता है। उनके वेतन भत्ते आदि पहले से ही पर्याप्त हैं। ये बेरोजगारों, मजदूर- किसानों और गरीबों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। सरकारी सेवकों की पेंशन भी खत्म कर दी गयी है जबकि विधायक सांसदों को आजीवन पेंशन का इंतजाम है। स्पष्ट है कि शासन के अपार अधिकारों के बलबूते राजनीतिक लोग अपनी सुविधाएं और आमदनी बढ़ते जा रहे हैं और आम जनता को काफी पीछे छोड़ते जा रहे हैं।

भाकपा ने कहा कि सरकार का यह कदम सामान्य जनों को संसदीय राजनीति से अलग थलग करने वाला है। गरीबों और आम लोगों को सत्ता से दूर और चुने जा चुके लोगों को सत्ता की दौड़ में वाक ओवर देने वाला है। यह एकलव्य से अंगूठा छीनने जैसा तो है ही भ्रष्टाचार का राजनीतिकरण करने वाला है। भाकपा पर इसका उसी तरह विरोध जारी रखेगी जिस तरह वह महंगाई बेरोजगारी निजीकरण बुलडोजरवाद और पुलिसराज का विरोध कर रही है। भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि इस मुद्दे पर समान द्रष्टकोण रखने वाले दलों और संगठनों से बात कर आगे की रणनीति बनाई जायेगी।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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सोमवार, 30 मई 2022

देश के भविष्य के लिये घातक है भाजपा द्वारा अल्पसंख्यकों के प्रति चलाया जा रहा घ्रणा अभियान


भाकपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक में गहरी चिन्ता जताई गयी

लखनऊ- 30 मई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश की राज्य कार्यकारिणी ने चिन्ता जताई है कि भाजपा की उत्तर प्रदेश और केन्द्र की सरकारों ने भारत के मुस्लिम नागरिकों के खिलाफ जो घ्रणा और हिंसक अभियान को प्रश्रय दे रखा है वह देश के भविष्य के लिये हितकर नहीं है। शासकों का काम समाज और देश के नागरिकों, क्षेत्रों और समुदायों के बीच यदि कोई दूरी विवाद या वैमनस्य है तो उसे भरना होता है, राजनीतीक स्वार्थों के लिये खाई पैदा करना नहीं। लेकिन वर्तमान सरकार और शासकवर्ग ऐसा ही कर रहे हैं और वह भी जानबूझ कर।

दो दिन तक चली भाकपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में हुयी गहन चर्चा का यह प्रमुख बिन्दु था।

बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुये भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि भाजपा इतिहास की बहुत बात करती है, पर इतिहास से कोई सबक नहीं लेती। उलटे वह इतिहास को विक्रत कर रही है, और वोट की तुच्छ राजनीति के लिये एक समुदाय के प्रति हिंसा नफरत और द्वेष का माहौल निरंतर और युद्धस्तर पर बना रही है। कारपोरेट्स संचालित मीडिया का बड़ा भाग भी इस अपराधिक क्रिया में लिप्त है।

भाकपा ने चेतावनी दी है कि भाजपा और उसकी सरकारों द्वारा चलायी जा रही राजनीति देश के भविष्य के लिये खतरनाक है। जनता जितनी जल्दी इस तथ्य को समझ जाये, उतना ही देश हित में होगा। विभाजन और नफरत की राजनीति के चलते मनमाने कदम उठाने के बावजूद कश्मीर में आप शांति स्थापित कर नहीं पाये, पंजाब की घटनाएँ भी चिन्ता पैदा करने वाली हैं और आप सारे देश को नफरत की आग में क्यों झौंक रहे हैं; भाकपा ने सवाल किया है। क्रपया इस खेले को देश हित में तत्काल बन्द कर दीजिये।

हम जानते हैं और अब जनता भी समझती जा रही है कि आप यह खेल जनता को परेशानियों में डालने वाली अपनी नीतियों और कारगुजारियों से ध्यान हटाने को कर रहे हैं। लेकिन वामपंथी दल और देशभक्त ताक़तें आपका यह खेला दीर्घ काल तक चलने नहीं देंगी। वे जनता के बीच जा रही हैं, उन्हें समझा रही हैं और उनकी आवाज उठा रही हैं।

भाकपा राज्य कार्यकारिणी ने वामपंथी दलों के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश में 25 मई से चलाये जारहे जन अभियान की समीक्षा की जो कि आसमान छूती महंगाई, निरंतर बढ़ायी जा रही बेरोजगारी और गरीबी, भ्रष्टाचार, निजीकरण, बुलडोजरवाद और पुलिसराज, सामाजिक विभाजन पैदा करने वाली कारगुजारियों एवं जनता को तवाह कर रही कानून व्यवस्था के बारे में चलाया जा रहा है।

भाकपा राज्य कार्यकारिणी ने इन मुद्दों पर वामदलों द्वारा 31 मई को जिला मुख्यालयों पर किए जा रहे प्रदर्शनों की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और आम लोगों से उसका भागीदार बनने की अपील की। इस बात को रेखांकित किया गया कि गत सप्ताह बड़ती कीमतों के खिलाफ उक्त अभियान चलाने की वामपंथी दलों की घोषणा के बाद केन्द्र सरकार को पेट्रोल डीजल के दाम कम करने पर मजबूर होना पड़ा।

राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने बताया कि भाकपा देश प्रदेश की राजनीति की समीक्षा करने और भविष्य की रणनीति के निर्धारण करने और सांगठनिक ढांचे को चुस्त दुरुस्त और व्यापक बनाने को अपना राष्ट्रीय महाधिवेशन अक्तूबर माह में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा महानगर में आयोजित करने जा रही है। निर्धारित क्रम में उत्तर प्रदेश में शाखाओं- जिलों के सम्मेलन जारी हैं। राज्य सम्मेलन आयोजन हेतु फ़तेहपुर की जिला काउंसिल के प्रस्ताव को स्वीकारते हुये राज्य कार्यकारिणी ने प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया।

यह 24 वां राज्य सम्मेलन 23, 24 एवं 25 सितंबर को जनपद फतेहपुर के तहसील मुख्यालय पर आयोजित किया जायेगा।

भाकपा के राज्य कार्यालय पर संपन्न हुयी इस बैठक की अध्यक्षता इलाहाबाद के वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता का॰ नसीम अंसारी ने की। राजनैतिक रिपोर्ट राज्य सचिव डा॰ गिरीश तथा सांगठनिक रिपोर्ट सहायक सचिव का॰ अर्विंदराज स्वरूप ने की। चर्चा में हस्तक्षेप सहायक सचिव व पूर्व विधायक का॰ इम्तेयाज़ अहमद, पूर्व राज्य सचिव का॰ अशोक मिश्रा, केन्द्रीय कंट्रोल कमीशन के सदस्य का॰ मोती लाल, राष्ट्रीय परिषद सदस्य का॰ राम चंद्र सरस, महिला फेडरेशन की प्रदेश अध्यक्ष का॰ आशा मिश्रा, बीकेएमयू के केन्द्रीय सचिव फूलचंद यादव, गफ्फार अब्बास एडवोकेट, राजेश तिवारी एडवोकेट, हामिद अली एडवोकेट, दीनानाथ सिंह एवं कल्पनाथ गुप्ता आदि ने किया।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा,  उत्तर प्रदेश    

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गुरुवार, 26 मई 2022

ऐसा कोई सगा नहीं जिसे बजट ने ठगा नहीं


गांव- गरीब की कमर तोड़ने वाला है भाजपा सरकार का छठा आम बजट: भाकपा

लखनऊ- 26 मई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने योगी- 2 सरकार के आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट को आंकड़ों की बाजीगरी बताया है, जिससे गांव, गरीब, किसान- मजदूर, युवा- छात्र और आम आदमी को भारी निराशा हाथ लगी है। विशालकाय घाटे का बजट आमजन को घाटे में धकेलने वाला है।

लग रहा था कि वित्त मंत्री चुनाव सभा में अपनी पार्टी के क्रिया-कलापों को गिनवा रहे हैं। केन्द्र और राज्य की योजनाओं में आबंटित धनराशि के आंकड़े प्रस्तुत कर दिये गये हैं, जिसकी दिशा है चंद पूंजीपति, ठेकेदारों और कमीशनखोरों को लाभ पहुंचाना। 6॰ 15 लाख करोड़ के आंकड़े को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, रुपये की निरंतर घटती कीमत के युग में वह भी छलाबे के अलाबा कुछ नहीं।

किसानों को मुफ्त बिजली का वायदा पूरा नहीं किया गया। उनकी आय दोगुनी करना तो दूर उनकी क्रषिलागत वापस आने तक की गारंटी नहीं है। जिन गरीबों को मुफ्त राशन और अन्य राहतें देने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, उनकी गरीबी दूर करने का कोई प्लान नहीं है। बेरोजगार आज भी हाथ मल रहे हैं और उन्हें आगे भी हाथ मलते रहना है। आम और गरीब घरों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की कोई मंशा इस बजट में दिखाई नहीं देती। उन्हें आगे भी शिक्षा माफिया के हाथों लूटना है। मेडिकल कालेज बनाने की बातें की जा रही है लेकिन जिन सरकारी अस्पतालों में गरीब लोग इलाज कराते हैं, उनमें पर्याप्त चिकित्सक, दवा, जांच, भर्ती और इलाज की हालत सुधारने और निजी इलाजियों की लूट से लोगों की रक्षा करने की व्यवस्था बजट में नहीं की गयी। गन्ने की बकाया विपुल राशि का भुगतान कब होगा, इसका खुलासा किया नहीं गया। कमरतोड़ महंगाई को नीचे लाने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है।

महिला सुरक्षा की बातें बढ़ चढ़ कर की जा रही हैं। आज स्थिति ये है कि महिलाएं तो सर्वाधिक पुलिस आतंक की शिकार हैं। इसी एक माह में पुलिस कार्यवाहियों में प्रदेश में एक दर्जन महिलाओं की हत्या हो चुकी है। कल की ही खबर है कि बागपत जनपद में पुलिस रेड से पीड़ित महिलाओं ने जहर पी लिया और उनमें से एक की मौत हो गयी। कानून व्यवस्था हथियार खरीदने, अधिक बल भर्ती कर लेने से सुधरने वाली नहीं, इसके लिये स्वयं नेताओं को अपना आचरण बदलना होगा और पुलिस- बलों का आचरण सुधारना होगा।

भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने दाबा किया कि सड़कें, पुल, हाईवे, एयरपोर्ट ये सब उच्च मध्यम वर्ग और धनाढ्य वर्ग की विलासिता के लिये बनाये जा रहे हैं। सौ गोते लगा कर भी गरीब और साधारण नागरिक इस बजट में अपने लिये कुछ नहीं ढूंढ पा रहा है। विकास के कामों में भारी कमीशनखोरी के चलते और मुद्रास्फीति और महंगाई के छलांगें भरने के कारण बजट का व्यावहारिक आकार कहाँ जा कर गिरेगा, कहा नहीं जा सकता। कारपोरेट संचालित सरकार का बजट जैसा हो सकता है, वैसा ही है यह बजट। भले ही ढिंढोरची इसे अद्वितीय और ऐतिहासिक बता रहे हैं।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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मंगलवार, 24 मई 2022

गरीबों पर अत्याचार के खिलाफ जंग का ऐलान


बदायूं में आत्मदाह करने वाले गरीब किसान के परिवार के घर पहुंचा भाकपा, उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल

संपूर्ण जिला प्रशासन और सरकार कठघरे में है: पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का किया ऐलान

लखनऊ-24 मई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश के नेत्रत्व में आज सुबह एक व्यापक प्रतिनिधिमंडल बदायूं जनपद के ग्राम रसूलपुर पहुंचा जहां के एक गरीब खेतिहर मजदूरर/ सीमांत किसान क्रष्णपाल ने गांव के कुछ मनबड़ों की प्रताड़ना और पुलिस प्रशासन की मुजरिमाना उपेक्षा से पश्त- हिम्मत होकर गत 18 मई को जिला मुख्यालय पर पुलिस के शीर्षस्थ अधिकारियों की आँखों के सामने आत्मदाह कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी।

प्रतिनिधिमंडल में राज्य सचिव के साथ राज्य सहसचिव का॰ अरविंद राज स्वरूप, जिला सचिव का॰ रघुराज, जिला सहसचिव का॰ प्रेम पाल सिंह, वरिष्ठ नेता राकेश सिंह, राजेन्द्र सिंह और राजेश कुमार सक्सेना (भाकियू) आदि दर्जनो साथी शामिल थे।

यद्यपि समाचार पत्रों ने इस लोमहर्षक कांड की खबर प्रकाशित की और हम उनके शुक्रगुजार हैं कि उनकी खबर के आधार पर ही हम पीड़ित परिवार तक पहुंचे, लेकिन प्रकरण की भयावहता वहां पहुँचने, म्रतक के परिवार की दारुण दास्तान सुनने और मौके पर मौजूद हुये ग्रामीणों से बात करने पर ही पता लगी। सारा प्रकरण आजादी के इस अम्रत महोत्सव वर्ष में भी गरीब व साधनविहीन आदमी की लाचारी और दुर्दशा तथा सिस्टम और सरकार की आम आदमी के सरोकारों के प्रति संवेदनहीनता की करुण कहानी कहता है।

घटनाक्रम के अनुसार गरीब क्रष्णपाल मजदूरी करके और बटायी पर जमीन लेकर खेती पाती कर अपना और परिवार का जीवनयापन करते थे। गत 23 अप्रैल को गांव के ही कुछ मनबड़ों ने बटायी की खेती से पैदा हुयी उनकी गेहूं की फसल में खलिहान में आग लगा दी। आग लगाने की खबर मिलने पर वह अपने बेटों के साथ जब खलिहान पहुंचे तो आग लगाने वालों को जाते हुये देख लिया। उन्होने आग लगाने वालों के खिलाफ मण्डी पुलिस चौकी में तहरीर दी पर उनकी एफ़आईआर दर्ज नहीं की गयी। उलटे, आरोपी उनकी मज़ाक बनाते और उन्हें धमकियाँ देते रहे।

18 मई तक पीड़ित क्रष्णपाल ने न्याय के लिये जिलाधिकारी से लेकर एसएसपी तक कहाँ कहाँ गुहार नहीं लगाई, लेकिन उसकी कहीं नहीं सुनी गयी। इस बीच आरोपियों ने उनकी और उनके बेटों की बुरी तरह पिटाई भी कर डाली और दोनों बेटों के सिर में अंदरूनी छीटें आयी हैं। गरीबी लाचारी और इलाज के अभाव में वे आज भी स्वस्थ होने की आशावादिता में जी रहे हैं।

म्रतक क्रष्णपाल ने प्रताड़ना और असुरक्षा से घबरा कर जिलाधिकारी और एसएसपी के सामने सशरीर उपस्थित होकर न केवल अपनी व्यथा बतायी अपितु उन्हें न्याय न मिलने पर आत्मदाह को मजबूर होने की चेतावनी दी, लेकिन सिस्टम फिर भी सोया रहा। घटना वाले दिन भी आत्मदाहकर्ता का पूरा परिवार उक्त दोनों अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लेकर पहुंचा था। उनके बैरंग वापस लौटने पर और आरोपियों से क्षेत्रीय पुलिसकर्मियों से वार्तालाप होता देख क्रष्णपाल अंदर तक टूट गया और उसने एसएसपी कार्यालय के सामने चीख चीख कर अपनी वेदना व्यक्त करते हुये आत्मदाह कर लिया। पूरा पुलिस तंत्र खड़ा देखता रहा।

भाकपा प्रतिनिधिमंडल जब आज सुबह गांव पहुंचा तो गांव में सन्नाटा पसरा पड़ा था। कुछ लोगों ने उन्हें एक छोटे से दड़वे नुमा घर के पास ले जाकर खड़ा कर दिया। घर में बैठ कर बात करने लायक जगह भी नहीं थी। सबको सुखद आवास देने के दाबे करने वालों के थोथे दाबों की कलई खोल रहा था यह मकान। डरे सहमे और सिर की चोटों से व्यथित क्रष्णपाल के बेटों से उनके दरवाजे पर खड़े खड़े ही बात हो सकी। वे बमुश्किल बोल पा रहे थे, और सिर की चोट की वजह से उन्हें चक्कर और उलटियाँ आ रहीं थीं।

पता चला कि आरोपियों ने पुलिस की साठगांठ से पीड़ितों के खिलाफ क्रास एफ़आईआर भी दर्ज करा दी है। बमुश्किल एक बेटे का सीटी स्कैन कराया गया है, दूसरे को अभी तक इलाज नहीं मिला। कोई आर्थिक सहायता भी उपलब्ध नहीं करायी गयी। सारा परिवार न्याय दिलाने की गुहार कर रहा था। हम सभी ने उन्हें आश्वस्त किया कि भाकपा किसान मजदूर गरीबों के हितों के लिये आवाज उठाने वाली पार्टी है और वह उन्हें न्याय दिला कर रहेगी।

वहां मौके पर मौजूद अनेक ग्रामीण भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का नाम तक नहीं जानते थे। उन्होने कहा कि 6 दिन बीत जाने के बाद भी उन पार्टियों का कोई नेता उनकी पीड़ा सुनने नहीं आया जो चुनावों के वक्त हमसे बड़े बड़े वायदे कर जाते हैं और जिन्हें हम अक्सर वोट दिया करते हैं।

दिल दिमाग को झकझोरने वाली यह करुण कहानी उस दौर की है जिसमें शासकगण रामराज्य लाने का दाबा करते हैं, बुलडोजर से न्याय दिलाने का प्रपोगंडा करते हैं और औरंगज़ेब को क्रूर बता कर अपनी क्रूरता और संवेदनहीनता को ढाँपने का असफल प्रयास करते हैं।

भाकपा राज्य नेत्रत्व ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी आरोपियों पर कठोर धाराएँ लगाई जायें, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा की सीढ़ी तक पहुंचाया जाये, पीड़ित परिवार के विरूध्द दर्ज कराई गयी एफ़आईआर रद्द की जाये, बदायूं के अकर्मण्य और संवेदनाशून्य अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये, म्रतक परिवार को रुपए 50 लाख बतौर कंपेन्शेसन और घायल बेटों के इलाज के लिये रुपये 10 लाख की राशि आबंटित की जाये।

आज ही भाकपा के जिला प्रतिनिधिमंडल ने उपर्युक्त मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपा।

भाकपा ने चेतावनी दी कि गरीबों और मेहनतकशों की तबाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और उत्तर प्रदेश में गरीबों- कमजोरों पर होरहे अत्याचारों, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पुलिसराज और बुलडोजरवाद के खिलाफ सभी वामपंथी दलों के साथ मिल कर 25 मई से अभियान चलाया जायेगा और 31 मई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किये जायेंगे।

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश

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बुधवार, 18 मई 2022

ज्वलंत जन-प्रश्नों पर सड़कों पर उतरी भाकपा

बुलडोजरवाद- पुलिसराज, जर्जरतम कानून व्यवस्था, महिलाओं अल्पसंख्यकों दलितों पिछड़ों और अन्य गरीबों को कुचलने की कोशिशों, आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी तथा सांप्रदायिक विभाजन की निरंतर की जा रही कोशिशों के खिलाफ भाकपा ने समूचे उत्तर प्रदेश में जोरदार धरने- प्रदर्शन किये।  

लखनऊ-18 मई 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के आह्वान पर आज पार्टी की जिला इकाइयों ने बुलडोजरवाद- पुलिसराज के तहत हो रही ज्यादतियों, जर्जर हो चुकी कानून व्यवस्था, महिलाओं अल्पसंख्यकों दलितों पिछड़ों और अन्य गरीबों के साथ होरहे अत्याचारों, असहनीय महंगाई, निरन्तर पैर पसार रही बेरोजगारी, सांप्रदायिक विभाजन की निरन्तर की जारही साज़िशों तथा इन साज़िशों पर केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार की चुप्पी के खिलाफ प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर धरने- प्रदर्शनों का आयोजन किया।

चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों का मुक़ाबला करते हुये अनेकों जगह भाकपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुये जिला मुख्यालयों/ तहसील मुख्यालयों पर पहुंचे और महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन जिले के अधिकारियों को सौंपे। उपर्युक्त सवालों के अतिरिक्त इन ज्ञापनों में स्थानीय मांगों को भी शामिल किया गया। राज्य सचिव मंडल ने उन सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है जो आमजन के हित में धूप- ताप की परवाह किये बिना सड़कों पर उतरे।

आंदोलन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुये भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने आरोप लगाया कि लगातार आवाज उठाए जाने के बावजूद संघ नियंत्रित और कार्पोरेट्स संचालित केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों ने अपने ही देश/ प्रदेश की जनता के खिलाफ युध्द जैसा छेड़ रखा है। पूरे देश और उत्तर प्रदेश में बुलडोजरवाद के तहत पुलिसराज कायम है। दबंगों, भाजपाइयों और पुलिस की तिकड़ी ने किसानो- कामगारों- मेहनतकशों खासकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ों पर तीखे हमले बोल दिये हैं।

पूरे पूरे परिवारों की न्रशंस हत्याएं की जा रही हैं, अनगिनत कत्ल और आत्महत्याएं लगातार हो रहे हैं, भयभीत और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से पुलिस घरों में घुस कर हत्यायेँ कर रही है, पुलिसजनों द्वारा बलात्कार आम बात होगयी है, सुरक्षा और न्याय की गुहार करने वालों की सुनी नहीं जा रही, भाजपा और पुलिस प्रशासन आकंठ भ्रष्टाचार और दलाली में डूबे हैं। शुरू में विभाजन और वोटों को हथियाने की गरज से बुलडोजर का इस्तेमाल चंद मुस्लिम माफियाओं के खिलाफ किया गया पर अब उसका रुख जनता की ओर मोड दिया गया है।

साथ ही डीजल पेट्रोल रसोई गैस ही नहीं, खाने पीने की चीजें, फल- सब्जी, दवाएं/ इलाज, पढ़ाई और जीवनयापन की चीजें बेहद महंगे होगये हैं। खुदरा महंगाई की दर सारी सीमाएं लांघ 15 प्रतिशत से ऊपर जा चुकी है। आम लोगों की जिंदगी दूभर होकर रह गई है। ऊपर से सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर नौकरियाँ समाप्त की जा रही हैं, भर्तियाँ रद्द की जा रही हैं। आक्रोश को शिथिल करने को चंद खैरातें बांटी जारही हैं और नए और पुश्तैनी हथकंडे अपना कर सांप्रदायिकता तथा विभाजन को हवा दी जा रही है। ये सब जनता का ध्यान उसकी मूलभूत समस्याओं से हटाये रखने की साजिशें हैं।  

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा है कि हमें गर्व है कि इस नाजुक दौर में उत्तर प्रदेश में इन सभी मामलों में हमारी पार्टी पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी हुयी है और उसने कारगर और सार्थक हस्तक्षेप किया है। आगे इस हस्तक्षेप को और धार देने की कोशिश की जायेगी। शीघ्र ही वामपंथी दलों की संयुक्त कार्यवाहियाँ सामने आयेंगी।   

डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

भाकपा, उत्तर प्रदेश।

 

 

 

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