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शुक्रवार, 25 जून 2010

भाकपा द्वारा भोपाल दुर्घटना मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

नई दिल्ली 23 जून। भोपाल गैस दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने, उनके पुनर्वास और यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन एवं डाउ केमिकल्स की देयताओं पर पी. चिदम्बरम के नेतृत्व में बने मंत्रि-समूह द्वारा की गयी अनुशंसाओं पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने क्षोभ प्रकट किया है।भाकपा के केन्द्रीय सचिवमंडल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मंत्रि-समूह का गठन प्रधानमंत्री ने भोपाल न्यायालय के निर्णय पर तुरन्त किया था। यह न्याय का उपहास एवम् इस पैशाचिक औद्योगिक हादसे की विवेचना एवम् मुकदमें का मखौल था।भाकपा ने मंत्रि-समूह पर बड़े मुद्दों को जानबूझ कर मुआवजे केधुंधले पर्दे से छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भाकपा ने कहा है कि यह संप्रग-एक के कार्यकाल में बने मंत्रि-समूह द्वारा 2008 में पुनर्वास की देखरेख के लिए एक अधिकार संपन्न आयोग बनाने की राजमन्दी से पीछे हटना है।वर्तमान मंत्रि-समूह ने क्षति आकलन के दोषपूर्ण आधार पर मुआवजा देने की अनुशंसा की है। सरकार मृत्यु-दावों की पुनरीक्षा और 1987 के बाद गैस-प्रभावित मौतों के दावों के पंजीकरण के लिए तैयार नहीं है। स्वतंत्र सूत्रों ने मौतों को 20,000 से ज्यादा और पीड़ित व्यक्तियों की संख्या को 5 लाख से अधिक आंका है।भाकपा ने आगे कहा है कि मंत्रि-समूह ने सीबीआई द्वारा प्रकरण में अयोग्यता दिखाने और आरोपों को कमतर किए जाने के मामलों पर विचार ही नहीं किया। सरकार को मुआवजा देने के लिए कह कर मंत्रि-समूह ने यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल्स के देयताओं को निर्धारित करने में दब्बूपन का परिचय दिया है। यूनियन कार्बाइड के एंडरसन को सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने के मुद्दे को मंत्रि-समूह ने जान-बूझ कर छुआ तक नहीं।वातवरण को विषाक्त करने के मुद्दे पर मंत्रि-समूह द्वारा सरकारी खजाने से खर्च करने की सिफारिश पर भाकपा ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार ने भोपाल न्यायालय के फैसले तक इंतजार क्यों किया? क्या इन अनुशंसाओं द्वारा सरकार अमरीका और अमरीकी निवेशकों (जिनके साथ संप्रग-दो रणनीतिक संबंध बनाने के प्रयास कर रही है) को संकेत भेजना नहीं है?भाकपा का यह मानना है कि सरकार जिस प्रकार भोपाल त्रासदी के मसले और अपराधी की देयता निर्धारण को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है, उससे देश के भविष्य पर गंभीर एवम् दूरगामी असर पड़ेगा और वह भी उस समय जब संप्रग-दो आनन-फानन में संसद में परमाणु दायित्व बिल को पास कराने को व्याकुल है।भाकपा ने प्रधानमंत्री से मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए हादसे के जीवित व्यक्तियों के लिए संघर्षरत सातो संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करने की मांग की है।

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